प्रदेश
गिद्ध संरक्षण के लिए कार्यशाला का हुआ आयोजन
महावीर अग्रवाल
मंदसौर 30 जून ;अभी तक; वन मंडल मंदसौर अंतर्गत गांधी सागर अभ्यारण में गिद्धों का प्राकृतिक आवास स्थल है। जहां पर गिद्ध की कुल 04 प्रजातियां पाई जाती है। साथ ही गिद्ध की 03 प्रजातियां जो यहां पर शीत ऋतु में प्रवास करती है। वर्ष 2021 में हुई गिद्ध गणना में मंदसौर जिले में लगभग 700 गिद्ध पाए गए थे, जो कि मध्यप्रदेश में पन्ना के बाद दूसरे स्थान पर है। गिद्धों के संरक्षण हेतु उनके नेस्टिंग साइट को पहचान कर उनका संरक्षण अत्यंत आवश्यक है ताकि इनकी संख्या बढ़ सके।
आज गिद्ध संरक्षण योजना समिति के डॉक्टर विकास यादव द्वारा गांधी सागर अभ्यारण में गिद्ध के संरक्षण पर वन कर्मचारियों हेतु एक कार्यशाला का आयोजन किया गया।
कार्यशाला में प्रमुख रूप से गिद्धों की प्रजातियों को पहचानना एवं उनके संरक्षण के लिए आवश्यक कार्य पर जोर दिया गया । इसके तहत गिद्धों के प्रजनन काल के दौरान किन किन क्षेत्रों में इनके द्वारा किस प्रजाति के वृक्षों पर अपने घोंसले बनाए जाते हैं तथा इनके प्रजनन के समय किस प्रकार से इन स्थानों को सुरक्षित किया जा सकता है। साथ ही इन स्थानों के अक्षांश एवं देशांतर लेकर उनकी मैपिंग की जाना अत्यंत आवश्यक है। इन समस्त बिंदुओं पर श्री डॉक्टर विकास यादव द्वारा वन स्टाफ को प्रशिक्षण दिया गया। अभ्यारण्य के आसपास ग्रामीणों से चर्चा कर पालतू पशुओं की डंपिंग साइट की पहचान कर भविष्य में वल्चर रेस्टोरेंट हेतु जगह खोजना साथ ही गिद्धों को नुकसान पहुंचाने वाली प्रतिबंधित दवाइयों का उपयोग नही करने के संबंध में प्रारंभिक सर्वेक्षण कर इनके वैकल्पिक दवाइयों की जानकारी एकत्रित करने के लिए स्टाफ को निर्देशित किया।
प्रशिक्षण के दौरान वन मंडल अधिकारी मंदसौर श्री संजय रायखेरे, अधीक्षक गांधीसागर राजेश मण्डावलिया एवं वन परिक्षेत्र अधिकारी गांधीसागर पूर्व पश्चिम व वन स्टाफ उपस्थित थे।