प्रदेश
*ग्रामोदय विश्वविद्यालय के शोधकर्ता डॉ नरेंद्र अरजरिया ने स्वतंत्रता आंदोलन के साथ प्रारंभ पत्रकारों के अद्यतन संघर्ष को अपनी कृति में दिया स्थान*
सुनील गौतम
दमोह २ अप्रैल ;अभी तक; महात्मा गांधी चित्रकूट ग्रामोदय विश्वविद्यालय से पत्रकारिता एवं जनसंचार माध्यमों पर शोध कर चुके बुंदेलखंड के पत्रकार डॉ नरेंद्र अरजरिया ने आजादी के अमृत काल वर्ष में अपनी नवीन कृति पत्रकारिता के प्राध्यापकों व पत्रकारिता के शीर्ष लोगों तक सौजन्य प्रति पहुंचा दी है। डॉ अरजरिया ने इस पुस्तक का नाम भारत में आंचलिक पत्रकारिता और बुंदेलखंड दिया है। ग्रामोदय विश्वविद्यालय के पत्रकारिता प्राध्यापक प्रो वीरेंद्र कुमार व्यास सहित अन्य प्राध्यापकों ने डॉ अरजरिया द्वारा चयनित विषय सामग्री और प्रभावी प्रस्तुति की सराहना की है। स्वतंत्रता आंदोलन के साथ प्रारंभ पत्रकारों के संघर्ष को इस पुस्तक में स्थान दिया गया है। पत्रकारिता के विद्यार्थी और सामान्य जन इस पुस्तक में समाचार पत्रों के उद्भव और विकास को सरल भाषा मे पढ़ सकेंगे।
डॉ अरजरिया के अनुसार उनकी अन्य पुस्तकों के साथ आंचलिक पत्रकारिता की यह पुस्तक भी ऑनलाइन प्लेटफार्म पर उपलब्ध होगी
ग्रामोदय विश्वविद्यालय के शोधकर्ता रहे डॉक्टर नरेंद्र अरजरिया की 6 वी पुस्तक प्रकाशित हुई है, जिसमें उन्होंने भारत के करीब 16 राज्यों की आंचलिक पत्रकारिता के उद्भव एवं विकास को जगह दी है। बुंदेलखंड के 13 जिलों की आंचलिक पत्रकारिता स्वतंत्र आंदोलन से लेकर 2020 तक के संघर्ष से पाठकों को अवगत कराने का प्रयास किया गया है। इस पुस्तक के माध्यम से लोग जान सकेंगे कि भारत के किस राज्य में पहला समाचार पत्र कब निकला और वर्तमान में कितने समाचार पत्र निकल रहे हैं। इसके साथ ही बुंदेलखंड के 13 जिलों में स्वतंत्रता आंदोलन में पत्रकारों के संघर्ष और समाचार पत्रों की स्थिति से अवगत कराया गया है। वर्तमान में बुंदेलखंड के 13 जिलों में कितने समाचार पत्र निकल रहे हैं और किस जिले में कौन-कौन से समाचार पत्र और कौन पत्रकार हैं। इन तमाम जानकारियों से पुस्तक भरी है। यह किताब उन लोगों के लिए भी उपयोगी साबित होगी, जो पत्रकारिता में रूचि और बुंदेलखंड की पत्रकारिता की जानकारी चाहते है।
डॉ अरजरिया ने बताया कि यह पुस्तक अमेजॉन पर ऑनलाइन उपलब्ध है। इस पुस्तक का प्रकाशन भारत के सर्वश्रेष्ठ प्रकाशक यश पब्लिकेशन दिल्ली ने किया है
ज्ञातव्य है कि पत्रकार और लेखक डॉ नरेंद्र अरजरिया की 5 किताबें यथा –
कोरोना,राजनीति पलायन और मीडिया.; बुंदेलखंड के गौरव:, स्ट्रिंगर.;, शिव धाम सरसेड.; औऱ मां कालका, किताबें प्रकाशित हो चुकी है