प्रदेश
घरों के आसपास फलदार वृक्षों का रोपण करें- श्री जैन
महावीर अग्रवाल
मन्दसौर २४ जून आज वर्तमान समय में हम सब पेयजल की कमी से परेशान है ,इसका मुख्य कारण हमारे आसपास हरियाली का कम होना या नगण्य सा होना है । आज ऑक्सीजन की कमी का मुख्य कारण हमारे आसपास हरे भरे पेड़ों की कमी या उनका ना होना है। विज्ञान के अनुसार पीपल 100 प्रतिशत, बरगद 80 प्रतिशत, नीम 70 प्रतिशत प्रतिशत ऑक्सीजन देते हैं।
उक्त बात पर्यावरण प्रेमी अजय कुमार जैन ने कहते हुए कहा कि फलदार वृक्ष जैसे बेल, आम, जामुन ,जामफल, केला सीताफल व अन्य फलदार वृक्ष भी पर्यावरण को संतुलित रखने के लिए ऑक्सीजन की पूर्ति करते हैं। आज के समय में हर घर में आम का उपयोग होता है। हमें आम की गुठलियों को सुखाकर रख लेना व अपने आसपास उपयुक्त जगह पर बारिश के दिनों में इन गुठलियों का रोपण करना चाहिए। जिससे हमें आम के पेड़ो से ऑक्सीजन, छाया व फल मिल सकते हैं। हम सब को पर्यावरण की रक्षा करते हुए वृक्षारोपण का लक्ष्य रखना चाहिए।
श्री जैन ने सभी से आग्रह किया है कि अगर आपके निवास के आसपास जगह की कमी हो तो आप बारिश के दिनों में इन आम की गुठलियों व अन्य फलों की गुठलियों को नदी तालाब या सड़क की किनारांे के आसपास रोपित कर सकते हैं, जिससे पर्यावरण को संतुलन सही रह सकता है ।
उक्त बात पर्यावरण प्रेमी अजय कुमार जैन ने कहते हुए कहा कि फलदार वृक्ष जैसे बेल, आम, जामुन ,जामफल, केला सीताफल व अन्य फलदार वृक्ष भी पर्यावरण को संतुलित रखने के लिए ऑक्सीजन की पूर्ति करते हैं। आज के समय में हर घर में आम का उपयोग होता है। हमें आम की गुठलियों को सुखाकर रख लेना व अपने आसपास उपयुक्त जगह पर बारिश के दिनों में इन गुठलियों का रोपण करना चाहिए। जिससे हमें आम के पेड़ो से ऑक्सीजन, छाया व फल मिल सकते हैं। हम सब को पर्यावरण की रक्षा करते हुए वृक्षारोपण का लक्ष्य रखना चाहिए।
श्री जैन ने सभी से आग्रह किया है कि अगर आपके निवास के आसपास जगह की कमी हो तो आप बारिश के दिनों में इन आम की गुठलियों व अन्य फलों की गुठलियों को नदी तालाब या सड़क की किनारांे के आसपास रोपित कर सकते हैं, जिससे पर्यावरण को संतुलन सही रह सकता है ।