चुनाव आचार संहिता एवं एन.जी.टी. कोर्ट बैंच भोपाल के निर्णय के बिना तेलिया तालाब के पास ताबड़तोड़ अनुमति देना संदेह के घेरे में- कांतिलाल राठौर एडवोकेट 

महावीर अग्रवाल 
मन्दसौर ७  अप्रैल ;अभी तक;  मंदसौर तेलिया तालाब बचाओ समिति के अध्यक्ष एवं सुप्रीम कोर्ट में मुख्य याचिकाकर्ता (एसएलपी नं. 012945/2019) पूर्व शासकीय अधिवक्ता एवं राष्ट्रीय महासचिव एवं अखिल भारतीय तेली महासभा साहू समाज श्री कांतिलाल राठौर ने तेलिया तालाब की वर्तमान स्थिति के बारे में एक प्रेस नोट जारी कर बताया कि माननीय सर्वोच्च न्यायालय के आदेश दिनांक 22-03-2023 के परिपालन में तेलिया तालाब की सीमा निर्धारित करने के लिए एनजीटी कोर्ट में ओए 70/2022 में सुनवाई चालू है जिसमे में स्वयं इंटर विनर हूँ, का अभी तक अंतिम निर्णय नहीं आया है।
                              वर्तमान में नगर पालिका द्वारा उस क्षेत्र में किसी भी प्रकार के भवन निर्माण की अनुमति पर भी रोक लगा रखी है। अभी हाल ही में नगर पालिका द्वारा इस क्षेत्र में प्रगति ग्रीन्स एवं अग्रसेन एन्क्लेव नाम से 2 कॉलोनियों को अनुमति प्रदान की गई है।
                        इसी आशय की एक खबर भी समाचार पत्र मंदसौर पत्रिका में दिनांक 6-4-2024 को प्रमुखता से प्रकाशित किया है, जिसके लिए कांति लाल जी राठौर द्वारा साधुवाद दिया गया।
यहां पर महत्वपूर्ण यह है कि ऐसी स्थिति में जब कि नगरपालिका उस क्षेत्र में किसी भी प्लाट धारक को भवन निर्माण की अनुमति नहीं दे रही है, 2 कॉलोनियो को अनुमति कैसे दी गई वो भी ऐसी स्थिति में जबकि
1. जबकि लोक सभा चुनाव की आचार संहिता चल रही है एवं  2. माननीय एनजीटी का तेलिया तालाब के सीमा के निर्धारण से सम्बन्धी अंतिम निर्णय आना बाकी है।
                               चुनाव आचार संहिता के दौरान, एनजीटी कोर्ट के अंतिम निर्णय आये बिना ही इस प्रकार 2 कोलोनियो को ताबड़ तोड़ अनुमति दिया जाना संदेह की परिधि में होकर कई यक्ष प्रश्नों को जन्म देता है जो जाँच का विषय है।
मंदसौर तेलिया तालाब बचाओ समिति के अध्यक्ष एवं सुप्रीम कोर्ट में मुख्य याचिकाकर्ता (एसएलपी नं. 012945/2019) पूर्व शासकीय अधिवक्ता एवं अखिल भारतीय तेली महासभा साहू समाज श्री कांतिलाल राठौर द्वारा इस प्रेस नोट के माध्यम से प्रशासन एवं जिम्मेदार प्रशासनिक अधिकारियों से यह मांग की है कि ऐसी परिस्थिति में दी गई इन अनुमतियों को निरस्त किया जावे ताकि तेलिया तालाब की रक्षा हो सके।
श्री कांतिलाल राठौर द्वारा यह भी बताया गया कि उनके द्वारा, इसके खिलाफ चुनाव आयोग एवं अन्य विभागों में भी अपना पक्ष रख कर कार्यवाही की जावेगी।