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जनजातीय वर्ग के सर्वांगीण उत्थान के लिए सरकार प्रतिबद्धः पूर्व मंत्री श्री सिंह

दीपक शर्मा

पन्ना १५ नवंबर ;अभी तक ;  भगवान बिरसा मुण्डा ने समाज में जनजागरण एवं अल्पायु में अपने महान कार्यों की बदौलत समाज में अलग पहचान बनाई। उन्होंने आदिवासियों को उनके अधिकार और हक प्राप्त करने के लिए प्रेरित किया। केन्द्र एवं राज्य सरकार द्वारा भी बिरसा मुण्डा के जनजातीय समाज के कल्याण के लिए किए गए प्रयास व योगदानस्वरूप प्रति वर्ष 15 नवम्बर को जनजातीय गौरव दिवस पर विविध कार्यक्रमों का आयोजन किया जा रहा है। जनजातीय वर्ग के सर्वांगीण उत्थान के लिए सरकार प्रतिबद्ध है।

यह बात पूर्व कैबिनेट मंत्री एवं पन्ना विधायक बृजेन्द्र प्रताप सिंह ने स्थानीय टाउन हॉल में आयोजित जनजातीय गौरव दिवस के जिला स्तरीय कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कही। पूर्व मंत्री श्री सिंह ने उपस्थितजनों को बिरसा मुण्डा एवं गुरूनानक जयंती की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि देश भर में सार्वजनिक रूप से बिरसा मुण्डा द्वारा समाज को दिए योगदान, महान कार्यों एवं प्रेरणास्पद जीवन यात्रा का स्मरण करने के लिए सार्वजनिक रूप से संपूर्ण देश में जनजातीय गौरव दिवस मनाया जा रहा है। इस अवसर पर हमें भी उनके पद चिन्हों पर चलने की आवश्यकता है। कार्यक्रम के माध्यम से लोगों को जननायक बिरसा मुण्डा के जीवन को जानने का अवसर प्राप्त हुआ है।

उन्होंने कहा कि बिरसा मुण्डा को अपने कार्यों की बदौलत भगवान की उपाधि भी प्राप्त हुई। पूर्व मंत्री ने पन्ना एवं क्षेत्रवासियों की ओर से अलग-अलग स्थानों पर कार्यक्रम आयोजन के लिए मुख्यमंत्री का आभार जताते हुंए कहा कि बिरसा मुण्डा की 150वीं जयंती के अवसर पर पूरे वर्ष भर विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन होगा। ऐसे महापुरूष की जयंती पर आयोजित कार्यक्रम में हमें जरूर सहभागी बनना चाहिए। उन्होंने कहा कि बिरसा मुण्डा ने गरीबी एवं विकट परिस्थितियों में कड़ा संघर्ष किया। जर्मन मिशनरी स्कूल में प्रवेश के बावजूद अपने गांव वापस आकर शिक्षा एवं राष्ट्र उत्थान के लिए कार्य किया। लोगों को हैजा एवं चेचक की बीमारी से बचाव तथा सर्पदंश एवं जंगली जानवरों के हमले पर जीवन रक्षा के लिए समाज को शिक्षित करने का काम भी किया।

पूर्व मंत्री ने कहा कि जल, जंगल एवं जमीन जनजातीय समाज के लोगों का मूल अधिकार है। भगवान बिरसा मुण्डा ने इसके लिए भी लोगों को जागरूक करने तथा जमींदारी प्रथा का विरोध भी समाज में अलख जगाकर किया। उन्होंने जिले में आदिवासी वर्ग के लोगों की बेहतरी के लिए किए गए प्रयासों की जानकारी देते हुए बताया कि जिले में एक हजार से अधिक आदिवासियों को वन अधिकार पत्र प्रदान किए जाएंगे। प्रथम चरण में 400 वन अधिकार पत्र तैयार कर लिए गए हैं। वन विभाग के विस्थापन संबंधी नए नियमों के कारण जमीन के सीमांकन और लोगों को व्यवस्थित करने का प्रयास भी निरंतर होगा। इस अवसर पर जिला पंचायत उपाध्यक्ष संतोष सिंह यादव, नगर पालिका उपाध्यक्ष आशा गुप्ता सहित कलेक्टर सुरेश कुमार, जिला पंचायत सीईओ संघ प्रिय, विष्णु पाण्डेय, पुष्पराज सिंह, वृन्दावन पटेल, मनीषा गोस्वामी भी उपस्थित रहीं। कार्यक्रम का संचालन परियोजना अधिकारी संजय सिंह परिहार द्वारा किया गया, जबकि आभार प्रदार्शन अतिरिक्त सीईओ एवं कार्यक्रम के नोडल अधिकारी अशोक चतुर्वेदी ने किया।

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