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जनधन से बना विश्व का सबसे बड़ा महाघण्टा मात्र सेल्फी पाईंट बना, एक जगह पड़े-पड़े महाघण्टे में दरारे पड़ी

महावीर अग्रवाल
मन्दसौर १५ अप्रैल ;अभी तक;  नगर के एक सामाजिक संस्था जिसके द्वारा मंदसौर के साथ पूरे जिले यहां तक की समीपस्थ राजस्थान के कई गांवों से ताम्बा, पीतल अन्य धातुओं सहित नगदी राशि एकत्र कर भूतभावन भगवान श्री पशुपतिनाथ महादेव मंदिर में विश्व का सबसे बड़ा महाघंटा निर्मित किया लेकिन जनधन से निर्मित इस महाघण्टा की गुणवत्ता जनभावनाओं को ध्यान में न रखते हुए नहीं रखी गई। विधायक द्वारा संरक्षित इस संस्था ने मात्र वाहवाही लुटने और पशुपतिनाथ भक्तों की भावनाओं से खिलवाड़ करते हुए निम्न दर्जे का महाघण्टा निर्मित करवाया। जिससे यह महाघण्टा कुछ ही घण्टे बजा और आज मात्र लोगों का सैल्फी र्पाइंट बनकर रहा गया। इस महाघण्टे में पड़े-पड़े ही दरार तक आ गई। अगर यह बजता तो अभी तक दो भागों में बट गया होता।
                           उक्त आरोप लगाते हुए कांग्रेस सद्भावना प्रकोष्ठ के नगर अध्यक्ष एवं पार्षद प्रतिनिधि शैलेन्द्र गिरी गोस्वामी ने कहा कि जब महाघण्टा हेतु धातु और नगदी एकत्र हो रही थी तब लग रहा था कि यह संस्था मंदिर हित में अच्छा काम कर रही है लेकिन धीरे-धीरे यह संस्था एक राजनैतिक पार्टी व विधायक से संरक्षित होती चली गई। जिससे उस पार्टी की जनभावनाओं के साथ खिलवाड़ करने की विचारधारा भी उस संस्था में घर करती गई और महाघण्टा की निम्न स्तर की क्वालिटी भी इसको दर्शा रही है।
                                  श्री गोस्वामी ने कहा कि तथाकथित संस्था द्वारा 2 साल तक अभियान चलाकर 145 यात्राएं निकालकर 4412 किलो धातु एवं 17 लाख 13 हजार रूपये एकत्र किये। अहमदाबाद की एक कम्पनी को इस महाघण्टा को बनाने का ठेका दिया। कई महीनों का इंतजार करने के बाद 37 किलो वजनी महाघण्टा बना। बनने के बाद कई महिनों तक मंदिर में प्रदर्शनी के रूप में खड़ा कर दिया गया। तत्पश्चात् लम्बे इंतजार के बाद जब सहस्त्रलिंग महादेव मंदिर के पास महाघण्टा लगा और प्रदेश के मुख्यमंत्री भी इसके लोकार्पण समारोह में पधारे। मुख्यमंत्री के हाथों अपना सम्मान भी करवा लिया लेकिन इतना सब करने के बाद जब महाघण्टा आमजन को समर्पित हुआ तो वह कुछ ही दिनों या यू कहें गिनती करने लायक घण्टे भी यह महाघण्टा नहीं बज पाया। महाघण्टे का टोकरिया (लोलक) निकालकर एक तरफ रख दिया और महाघण्टा की आवाज तो गुंजी नहीं लेकिन अब उसमें दरारे जरूर पड़ गई। याने महाघण्टा अब सिर्फ दर्शन के लिये वहां रखा है ना की बजने के लिये।
                                  श्री गोस्वामी श्री पशुपतिनाथ मंदिर के अध्यक्ष एवं कलेक्टर श्री दिलीप कुमार यादव से मांग की कि जनभावनाओं को ध्यान मंे रखते हुए महाघण्टे को सुधारकर श्रद्धालुओं के लिये बजाने लायक बनाया जाये। अन्यथा कांग्रेस सद्भावना प्रकोष्ठ नेहरू बस स्टेण्ड स्थित बड़े बालाजी मंदिर से साधु सतों के सानिध्य में एक मार्च निकालकर पशुपतिनाथ मंदिर पहुंचेगी जहां भगवान श्री पशुपतिनाथ महादेव से अव्यवस्थाओं को सुधारने की प्रार्थना करेगी तो नगर के जिस-जिस क्षेत्र में तथा जिस-जिस गांव में यह महाघण्टा हेतु यात्राएं निकाली गई वहां-वहां जाकर संस्था तथा विधायक द्वारा जनभावनाओं के साथ खिलवाड़ की जानकारी देगी।

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