जनभागीदारी से निर्मित टंट्या भील की मूर्ति का अनावरण

मयंक शर्मा

खंडवा ५ अप्रैल ;अभी तक;  जनभागीदारी से यहां से 20 किमी दूर ग्राम जावर की आदिवासी बस्ती में जननायक की मूर्ति स्थापित की गई। बुधवार को आयोजित कार्यक्रम में जयस नेताओं के साथ व्यापमं घोटाले में व्हीसल ब्लोअर रहे डॉ. आनंद राय भी शामिल हुए।ग्राम जावर में टंट्या भील की मूर्ति स्थापना को लेकर युवाओं ने चंदा एकत्र किया। काफी समय से इस कार्य को किया जा रहा था। गांव के अन्य लोगों, जनप्रतिनिधियों ने भी मदद की। मूर्ति अनावरण से पहले गांव में रैली निकाली। बाद में आम सभा हुई। आयोजन को देखते हुए जयस संगठन के नेतृत्व में अन्य गांवों से भी रैलीयां पहुंची थी जिन्होंने आदिवसी संस्कृति का परिचय दिया। जयस के प्रदेश अध्यक्ष लालसिंग बर्मन, भील सेना संगठन जिला अध्यक्ष प्रकाश भास्करे, नारी शक्ति जिलाध्यक्ष पूजा गोलकर, आदि मौजूद थे।

सभा मंच से डॉ. राय ने शिवराज सरकार को आड़े हाथ लिया। उन्होने कहा कि, मुझ पर कई झूठे मुकदमें चलाएं गए। कुछ दिन पहले ही मेरी नौकरी छीन ली गई। सिक्युरिटी में दो जवान थे, एक जवान को हटा लिया। लेकिन मेरे साथ समाज खड़ा है। आज हम लोग अपने हक और अधिकारों की सरकार बनाने के लिए तैयार है।

डॉ. राय ने कहा कि, हमने संगठन को इतना मजबूत कर लिया है कि, अब हमें पार्टियों की जरूरत नहीं पड़ती, बल्कि राजनीतिक पार्टी को हमारी आवश्यकता होने लगी है। यही संगठन की ताकत है कि, 12 फरवरी को भोपाल को जाम कर दिया था। हमने खुद की ताकत खड़ी की है। प्रधानमंत्री की रैली में भी इतनी भीड़ इकट्‌ठा नही होती है। जितनी जयस, भीम आर्मी की रैलियों में होती है। हमारी मदद के बिना राजनीतिक पार्टीयां विधानसभा चुनाव नहीं जीत सकते। अब हम लोग ही हक और अधिकारों की सरकार बनाने के लिए तैयार है।

मंच से डॉ. आनंद राय ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि, खंडवा ही नही वरन पूरे मध्यप्रदेश और आदिवासी समाज की पहचान टंट्या भील से है। मैं पिछले साल भी खंडवा आ रहा था। लेकिन यहां के विधायक, नेता डर गए, उन्हे लगा कि यह युवाओं को जागरूक कर देगा तो हमारी दुकान बंद हो जाएगी। इसलिए उन्होंने झूठा केस करवाकर मुझे दिल्ली से गिरफ्तार करवा दिया।

उन्होने कहा कि जब खंडवा की जेल टंट्या भील के नाम से हो सकती है तो मेडिकल कॉलेज क्यो नही। इसके लिए हमने मांग की थी लेकिन मेडिकल कॉलेज उन्होने अपने लोगों के नाम पर रखा। आगे कुछ भी हो, हम लोग एकता खड़ी करने के लिए लगे हुए है। ओबीसी के लोगों को भी आदिवासी और दलित समाज के साथ कंधा से कंधा लगाकर खड़ा रहना होगा। खंडवा में मेरा पहला कार्यक्रम था। अब हर कार्यक्रम में यहां आएंगे।