प्रदेश
जमीन विवाद को लेकर मारपीट करने पर दो पक्षों के को हुआ 3-3 वर्ष का सश्रम कारावास
विधिक संवाददाता
इंदौर १५ मई ;अभी तक; जिला अभियोजन अधिकारी श्री संजीव श्रीवास्तव, ने बताया कि दिनांक 12.05.2023 को माननीय न्याधयालय – अपर सत्र न्यायाधीश, देपालपुर, इन्दौर (मध्य प्रदेश), ने थाना देपालपुर, जिला इन्दौर के सत्र प्रकरण क्रमांक 155/2021, अपराध क्रमांक 198/2013 में निर्णय पारित करते हुए अभियुक्तगण 1- धर्मेन्द्र पिता बलीराम उम्र 37 वर्ष, 2- हरिओम पिता भगवती उम्र 35 वर्ष 3- भगवती पिता भैराजी, उम्र 61 वर्ष 4- हितेश पिता भगवती उम्र 32 वर्ष 5- मायाराम पिता भैरावी, उम्र 65 वर्ष 6- बलीराम पिता भैराजी उम्र 71 वर्ष 7- शंकर पिता भैराजी उम्र 80 वर्ष सभी निवासी ग्राम बड़ौलीहोज, तहसील देपालपुर, जिला इंदौर उक्त सभी आरोपीगण को धारा 326 भादवि में 3-3 वर्ष का कठोर कारावास एवं कुल 10600/- रुपये के अर्थदण्ड से दंडित किया गया।
उल्लेखनीय है कि इसी जमीन विवाद में दूसरे पक्ष के द्वारा प्रकरण दर्ज कराने पर माननीय न्याबयालय – अपर सत्र न्यायाधीश, देपालपुर, इन्दौर (मध्य् प्रदेश), ने थाना देपालपुर, जिला इन्दौ र के सत्र प्रकरण क्रमांक 137/2021, अपराध क्रमांक 197/2013 में निर्णय पारित करते हुए अभियुक्तगण 1- इश्वर पिता प्रेमसिंह, उम्र 45 वर्ष 2- बाबू पिता प्रेमसिंह, उम्र 38 वर्ष 3- लाखन पिता मदनसिंह, उम्र 30 वर्ष 4- राजेन्द्रर पिता बहादुरसिंह, उम्र 35 वर्ष 5- नरेन्द्र पिता मदनसिंह, उम्र 30 वर्ष 6- बहादुर पिता मांगीलाल उम्र 58 वर्ष 7- प्रेमसिंह पिता रावजी उम्र 73 वर्ष सभी निवासी ग्राम बड़ौलीहोज, तहसील देपालपुर, जिला इंदौर उक्त सभी आरोपीगण को धारा 326 भादवि में 3-3 वर्ष का कठोर कारावास एवं कुल 10600/- रुपये के अर्थदण्ड से दंडित किया गया।
उक्त दोनों प्रकरणों में अभियोजन की ओर से पैरवी अपर लोक अभियोजक श्री शिवनाथ सिंह मावई, सहायक जिला लोक अभियोजन अधिकारी द्वारा की गई।
घटना का संक्षिप्त विवरण यह है दिनांक 15/03/2013 को प्रेमसिंह उसके लड़के ईश्वर व बाबू ट्रेक्टर लेकर उसके खेम में सोयाबीन बोने गये थे व ट्रेक्टर से सोयाबीन बो रहे थे। उसके खेत के पास बलीराम का खेत है जो सीमांकन पटवारी द्वार कर पत्थर गाड़ दिये थे, उक्त जमीन की बात को लेकर दोनों पक्षों में नंगी-नंगी गालियां देते हुए तलवार एवं डंडों से मारपीट हुई। दोनों पक्षों द्वारा थाना देपालपुर में अपनी-अपनी ओर से रिपोर्ट लेखबद्ध कराई गई। उक्त दोनों पक्षों द्वारा प्रथम सूचना के आधार पर प्रकरण पंजीबद्ध कर विवेचना में की गई। संपूर्ण विवेचना पश्चात अभियोग पत्र न्यातयालय में प्रस्तुत किये गये, जिस पर से माननीय न्यायालय द्वारा उक्त दोनों पक्षों के 7-7 आरोपियों को दोषसिद्ध पाते हुए उक्त दण्ड से दण्डित किया गया।