जागेश्वर महादेव मंदिर में मनाया महाशिवरात्रि महोत्सव

महावीर अग्रवाल 

मन्दसौर ९ मार्च ;अभी तक;  नगर के नीम चौक स्थित प्राचीनतम चमत्कारी शिवालय जागेश्वर महादेव मंदिर में महाशिवरात्रि पर्व पर प्रातः 5 बजे से जल, दूध, दही घृत, शहद आदि से भगवान जागेश्वर महादेव का अभिषेक का क्रम प्रारंभ हो गया था जो दिन भर जारी रहा। संध्या को भगवान पशुपतिनाथ अनन्त सेना द्वारा भगवान जागेश्वर का नयनाभिराम श्रृंगार झांकी दूल्हे के रूप में सजाया-संवारा गया। रात्रि 8 बजे प्रथम महाआरती हुई। जिसमें बड़ी संख्या मंें शिव भक्त मातृशक्ति एवं भाईयों-बच्चों-बुजुर्गों ने सम्मिलित होकर आरती के साथ दूल्हें भगवान जागेश्वर के दर्शन लाभ लेकर अपने को कृतार्थ किया।
                             रात्रि 10.30 बजे से स्थानीय संगीतकला साधकों द्वारा शास्त्रीय एवं सुगम संगीत की मधुर स्वर लहरियों से प्रातः 5 बजे तक भगवान जागेश्वर का महाअभिषेक किया गया। मुख्य कलाकार थे कमलेन्दु गंधर्व, चेतन गंधर्व, दिलीप चौहान। तबला संगत भीमसेन गंधर्व,  केशव गंधर्व और वायलिन संगत राजमल गंधर्व ने की।
चेतन गंधर्व और कमलेन्द्र गंधर्व की युगल जोड़ी ने ऊँ नमः शिवाय कीर्तन धुन और गणेश वंदना से संगीत सभा का शुभारंभ किया। शास्त्रीय संगीत में इस युगल जोड़ी ने प्रसिद्ध राग जोग में त्रिताल में बंदिश साजन मोरे घर आये राग दरबारी में ‘‘किन बैरिन- कान भरयो’’ अन्य मिश्रीत रागों में भगवान शिव के भजन गाये। अन्य कलाकारों ने भगवान शिव के सुगम संगीत में भगवान जागेश्वर की वंदना में भजन सुनाये। प्रमोदसिंह तोमर, संजय सोनी, घनश्याम सोनी, विक्रम सोनी, राजेन्द्र व्यास, हर्ष सोनी, कृष्णकांत सोनी ने सुगम संगीत में भगवान शिव परक पद सुनाये।
संगीत सभा का समापन चेतन चौहान और कमलेन्दु गंधर्व द्वारा प्रातः राग भैरवी में लागा चुनरी दाग ठुमरी बाट चलत मोरी चुनरी रंग डारी और ऊँ नमः शिवाय धुन के साथ हुआ।
प्रारंभ में मुख्य अतिथि डॉ. रविन्द्र पाण्डेय और नारायण जगदीश पोरवाल द्वारा समस्त कलाकारों को दुपट्टा धारण कराकर सम्मान किया गया।
अतिथियों का दुपट्टा धारण कर स्वागत सुभाष रिछावरा, कैलाश सोलंकी, संजय सोनी  आदि ने किया।
संचालन बंशीलाल टांक ने किया एवं आभार कैलाश सोलंकी ने माना।