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डबल मनी कांड की जांच ईडी के दायरे में

आनंद ताम्रकार

बालाघाट २१ दिसंबर ;अभी तक;  जिले के बहुचर्चित डबल मनी कांड की जांच ईडी द्वारा प्रारंभ कर दी गई है। अल्पावधि में निवेश की गई रकम से दुगुनी देने के प्रलोभन में फसकर निवेशकों को करोड़ों रुपये की चपत डबल मनी कांड में लगाई गई है। इस मामले का प्रमुख सरगना फरार है तो वही इस कांड से जुड़े अनेक आरोपी जेल में बंद है।

विचाराधीन इस मामले में जेल में बंद आरोपियों से पूछताछ करने के लिये आदेश न्यायालय द्वारा ईडी को दिये गये है। ईडी द्वारा जांच प्रारंभ होते ही मामला फिर सुर्खियों में आ गया है। यह मामला 17 मई 2022 को प्रकाश में आया था जिसकी जांच पश्चात पुलिस द्वारा धारा 420,409भादवि और धारा 21(1),21(2) अनियमित जमा योजना प्रतिबंध अधिनियम के तहत पुलिस द्वारा किरनापुर लांजी तथा बालाघाट में 50 से अधिक मामले दर्ज किये गये थे जिसके तहत कुछ आरोपी जेल में बंद है और कुछ आरोपियों की जमानत हो चुकी है तो कुछ आरोपी अभी भी फरारी काट रहें है जिनकी तलाश पुलिस द्वारा की जा रही है।

इस मामले से जुडे 28 प्रकरणों में अभियोग पत्र न्यायालय में प्रस्तुत किया जा चुका है।जिनकी सुनवाई श्रीमती नौशीन खान अपर सत्र न्यायाधीश बालाघाट के न्यायालय में की जा रही है। 18 दिसंबर 2023 को भोपाल स्थित ईडी के सहायक निदेशक द्वारा बालाघाट पहुंचकर डबल मनी मामले की जांच आरोपियों से पूछताछ करने की अनुमति प्राप्त करने हेतु माननीय न्यायालय में आवेदन पत्र प्रस्तुत किया गया है था जिसे स्वीकार करते हुए जांच और पूछताछ करने की  अनुमति माननीय न्यायाधीश द्वारा प्रदान कर दी गई है।

ईडी द्वारा अभी 3 मामलों की जांच और पूछताछ की जायेगी।

किरनापुर थाने में दर्ज 1 मामले का आरोपी अजय तिडके तथा लांजी थाने में दर्ज 1 मामले का आरोपी सोमेन्द्र कंकरायने अभी भी फरार है जो मामले का सरगना है लांजी के 1 मामले में आरोपी धनराज आमाडारे और उसका भाई हेमराज आमाडारे जेल में बंद है।

यह उल्लेखनीय है की इस मामले में इलाके के राष्ट्रीयकृत बैंकों के अधिकारियों की भूमिका भी संदिग्ध बताई गई है जिन्होने आरोपियों को भारी मात्रा में  चेक बुक उपलब्ध करवाई गई थी उनसे पूछताछ करने और जांच करने के लिये राज्य सरकार ने सीबीआई को अपनी अनुशंसा कर दी थी। जानकारी मिली है की सीबीआई के द्वारा भी इस मामले की छानबीन की जायेगी।
करोड़ों रुपयों के हड़पने के डबल मनी कांड के तार सीमावर्ती छत्तीसगढ़ और महाराष्ट्र से भी जुड़े होने की जानकारी पुलिस को लगी है। पुलिस ने आरोपियों के ठिकानों से 15 करोड़ रूपयों से अधिक की राशि नकद बरामद की है तथा आरोपियों की चल अचल संपत्ति के क्रय विक्रय पर रोक लगा दी गई है।
फरार आरोपियों को पकडवाने तथा उनकी सूचना देने पर पुलिस द्वारा इनाम भी घोषित किया जा चुका है।
इस मामले की जांच पुलिस अधीक्षक श्री समीर सौरभ के मार्गदर्शन में की जा रही है।

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