प्रदेश
डोंगरगांव बस हादसे में घायलों की मदद करने वाले 69 ग्रामीण सम्मानित
आशुतोष पुरोहित
खरगोन 15 मई: ;अभी तक; मध्य-प्रदेश के खरगोन जिले के ऊन थाना क्षेत्र के डोंगरगांव के समीप हुए भीषण बस हादसे में घायलों की मदद कर उनकी जान बचाने वाले चार ग्रामों के 69 ग्रामीणों को आज सम्मानित किया गया।
खरगोन के अनुविभागीय अधिकारी (पुलिस) राकेश मोहन शुक्ला ने बताया कि 9 मई को हुए भीषण बस हादसे में घायलों की मदद कर उनकी जान बचाने वाले 4 ग्रामों के 69 ग्रामीणों को आज पुलिस कंट्रोल रूम में पुलिस अधीक्षक डीएस यादव ने पुष्पमाला और प्रमाण पत्र देकर सम्मानित किया।
उन्होंने बताया कि तेज रफ्तार और ओवरलोडिंग यात्री बस डोंगर गांव के पास बोराड़ नदी के पुल से रेलिंग तोड़ते हुए गिर गई थी और उस हादसे में 25 लोगों की मृत्यु हो गई थी और 46 यात्री घायल हो गए थे। घटना की सूचना मिलते ही ग्रामीण इमरजेंसी सेवाओं को फोन लगाकर मौके पर पहुंचे और उन्होंने यात्री बस को अपने हाथों से खड़ा कर दिया। इसके उपरांत उन्होंने कांच तोड़कर घायलों को बाहर निकाला और पुलिस प्रशासन या अन्य लोगों के पहुंचने के पूर्व अपने निजी वाहनों से डोंगरगांव तथा खरगोन के अस्पताल पहुंचा दिया।
उन्होंने बताया कि जिला मुख्यालय से 34 किलोमीटर दूर हुए इस हादसे में यदि ग्रामीणों ने समय रहते यात्रियों की मदद नहीं की होती तो कम से कम 15 और यात्रियों की जान दम घुटने और अधिक रक्तस्राव के चलते चले जाती।
उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार की ‘गुड सेमेरिटन’ योजना के तहत 20 ग्रामीणों को 5000-5000 रु का नगद पुरस्कार भी प्रदान किया जाएगा। इन ग्रामीणों ने अपने वाहनों से घायलों को अस्पताल पहुंचाया था ।इसके अलावा मदद करने वाले अन्य ग्रामीणों को ग्रामों में जाकर भी सम्मानित किया जाएगा।
उन्होंने बताया कि 35 सीटर बस में 70 यात्री सवार थे और मदद करने वाले ग्रामीणों ने मृतकों और घायलों का एक-एक सामान सहेज कर लौटाया । इसमें पर्स, मोबाइल तथा गहने भी शामिल थे।
पुलिस अधीक्षक ने कहा कि प्रशासकीय मशीनरी के सक्रिय होने के पूर्व ग्रामीणों ने घायलों की मदद कर जीवटता और मानवता का परिचय देकर कई मरणासन्न लोगों को समय रहते निकालकर अस्पताल पहुंचाया। उन्होंने कहा कि ग्रामीणों के मदद के तरीकों से आम जनता को प्रेरणा लेना चाहिए और बिना किसी बात की परवाह किए घायल को ‘गोल्डन अवर’ के दौरान अस्पताल पहुंचाना चाहिए।
सबसे पहले घटना स्थल पहुंचने वालों में से एक खरगोन के जनपद अध्यक्ष संतोष पवार ने अपने संबोधन में बताया कि बस के गिरे होने के चलते करीब 200 ग्रामीणों ने मिलकर उसे खड़ा किया। इस प्रक्रिया में यह डर भी था कि कहीं बस फिर से ना गिर जाए अन्यथा बस को खड़े करने वाले लोग भी चपेट में आ सकते थे। उन्होंने बताया कि उनकी पुत्री की सहेली जो एक दिन पहले उनके घर आई थी, वह भी इस घटना में काल कवलित हो गई। उसका शव निकालने के दौरान उन्हें काफी पीड़ा हुई।
ग्राम दसंगा के कमल मुकाती ने बताया कि सबसे पहले दसंगा और डोंगर गांव के ग्रामीण घटनास्थल पर पहुंचे और उन्होंने बस के अंदर जाकर घायलों को निकाला। इसके बाद एक निजी यात्री बस को रोककर यात्रियों को उतारा गया और उसमें घायलों खरगोन जिला अस्पताल भेजा गया।
लोहारा के गजानन पटलिया ने कहा कि ग्रामीण तन मन धन से सेवा करने के आदी होते हैं और इस घटनाक्रम ने इंसानियत को बनाए रखा। उन्होंने कहा कि घायलों की हर संभव मदद की गई।
खरगोन के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी दौलत सिंह चौहान ने बताया कि घटना में घायल हुए करीब एक दर्जन लोग अभी भी खरगोन व इंदौर के विभिन्न अस्पतालों में उपचार रत हैं। इसमें बस चालक भी शामिल है।