तन की जगह मन को सजाओः-व्यास जी महराज

दीपक शर्मा

पन्ना २५ अप्रैल ;अभी तक; पन्ना शहर के  डायमंड चौराहा कृष्ण कुंज कॉलोनी  में महीप रावत परिवार एवं समस्त भक्त जनों के तत्वाधान में चल रही श्रीमद् भागवत कथा ज्ञान यज्ञ के पांचवें दिन प्रभु की लीलाओं में पूतना वध का वर्णन करते हुए, आचार्य श्री विजय कृष्ण व्यास जी महाराज ने कहा की तन को सजा करके जगत को लुभाने का कार्य ठीक नहीं है, मन को सजा कर गोविन्द को अपने हृदय कमल में विराजमान कराने से हमारा अंतः करण शुद्ध, और पवित्र होगा, पूतना ने श्रंगार इसलिए किया क्योंकि यह कुरूप ज्यादा थी और अपना असली डरावना रूप छुपाने के लिए उसने श्रृंगार किया लेकिन परमात्मा को बनावटीपन अच्छा नहीं लगता, भगवान कहते हैं, निर्मल मन जन सो मोहि पावा। मोहि कपट छल छिद्र न भावा। परमात्मा को ज्यादा बनावटीपन अच्छा नहीं लगता है निर्मल मन से भगवान की साधना करो यही मुक्ति का साधन है।

                                      साथ ही उन्होंने बताया भगवान माखन चोरी गोवर्धन लीला, भक्तों को आनंद देने के लिए निरंतर ही नई नई लीलाएं करते रहते हैं। कथा सुनकर पांडाल में उपस्थित समस्त भक्त भगवान की भक्ति में झूमते नजर आए। कथा के मुख्य श्रोता सेवानिवृत्त शिक्षक लक्ष्मी प्रसाद रावत श्रीमती शकुंतला रावत जी हैं। वन कर्मचारी संघ अध्यक्ष महीप रावत ने समस्त भागवत प्रेमियों से अधिक से अधिक संख्या में पहुंचकर धर्म लाभ उठाने का आग्रह किया है