दशपुर रंगमंच ने काव्य व संगीत संध्या का किया आयोजन

महावीर अग्रवाल

मन्दसौर १६ अप्रैल ;अभी तक;  नगर की सांस्कृतिक संस्था दशपुर रंगमंच मंदसौर द्वारा काव्य व संगीत संध्या का आयोजन किया गया।
कार्यक्रम की शुरुआत आबिद भाई ने ‘‘कहीं दूर जब दिन ढल जाए, सांझ की दुल्हन बदन चुराये’’ गीत से की। उसके पश्चात् सतीश सोनी ने गीत ‘‘जिस गली में तेरा घर ना हो बालमा’’ सुनाकर तालियां बटोरी। वहीं  तेजकरण चौहान ने गीत ‘‘भोली सी सूरत आंखों में मस्ती’’ को नजाकत से प्रस्तुत किया।
नरेंद्र सागोरे ने गीत ‘‘रमता जोगी बहता पानी’’ को बखूबी निभाया। साथ ही रानी राठौर ने गीत ‘‘पिया तोसे नैना लागे रे’’ की शानदार प्रस्तुती दी।
हिमांशु वर्मा ने गीत गाया‘‘ एक चंचल शोख हसीना मेरे सपनों में आई’’ गाकर अपने चंचल मन के भाव प्रकट किये। कवित्री अनुष्का ने कविता ‘‘मां तू बहुत याद आई’’ गाकर माँ का जीवन में महत्व बताया।
आशीष मराठा ने ‘‘खामोशियां’’ तथा ‘‘तेरी उंगली पड़कर चला ममता के आंचल में पला‘‘ सुनाकर सबको साथ गुनगुनाने को मजबूर कर दिया। कवि धु्रव जैन ने मां पर कविता प्रस्तुत की वहीं ललित बटवाल ने ‘‘मेरा जीवन कोरा कागज’’ गीत गाया।
राजा सोनी ने पुराने गाना ‘‘दिल क्या करे जब किसी को किसी से प्यार हो जाए’’ को सुनाकर दाद बटोरी तो वहीं स्वाति रिछावरा ने गाना ‘‘प्यार हुआ चुपके से’’ को सुनाया।
काजल वर्मा ने गीत ‘‘आके तेरी बाहों में, हर शाम लगे सिंदूरी’’ को सुनाया। अभय मेहता ने मां पर कविता ‘‘सजल पलकों से दे तो दी है तुमको अंतिम विदाई’’ को सुनाकर सभी को भाव विभोर किया। संगीत संध्या का संचालन एवं आभार प्रदर्शन ललिता मेहता ने किया।