नगरपालिका कब सुनेगी जनता का दर्द -डॉ. देवेंद्र पौराणिक

महावीर अग्रवाल

मन्दसौर 4 जून अभीतक  । आज कबीरदासजी की जयंती का शुभ अवसर है । कबीरदासजी का एक दोहा है- “करत करत अभ्यास के, जड़मति होत सुजान । रसरी आवत जात के, सील पर पड़त निसान ।” अर्थात एक रस्सी की बारबार रगड़ लगने से पत्थर पर भी गहरा निशान पड़ जाता है । किंतु मन्दसौर नगर को स्वच्छ, सुंदर व जल संवर्धन के क्षेत्र में अग्रणी देखने की आशा रखने वाले मन्दसौर अनुरागीजन द्वारा बारम्बार  योजनाबद्ध तरीके से जल संवर्धन व स्वच्छता हेतु सहयोग देने के विनम्र निवेदन के बावजूद नगरपालिका प्रशासन पर कहीं कोई असर नहीं हो रहा है । यह बहुत ही खेदजनक है । क्या कभी हमारी नगरपालिका जनता का दर्द कभी सुनेगी व सुनकर उसका समाधान करेगी ?
उक्त बात वरिष्ठ समाजसेवी डॉ. देवेंद्र पौराणिक ने कही । वे अनुराग संस्था द्वारा प्रत्येक माह के प्रथम रविवार को स्वच्छता, पर्यावरण व जल संवर्धन को लेकर निकाली जाने वाली जनजागरण पदयात्रा के अवसर पर अपनी भावना व्यक्त कर रहे थे ।
अनुराग जनजागरूकता पद यात्रा में रामकृष्ण तिवारी, लोकेश मोड़, विनोद तिवारी, सत्यनारायण भूरिया, प्रभाशंकर मेहता, राजाराम तंवर,  बंशीलाल टांक, विक्रम विद्यार्थी,  रमेश सोनी, ब्रजेश सनाढ्य, वीरेन्द्र भट्ट, राजनारायण भटनागर, रवि शर्मा, हरिशंकर शर्मा, कृष्णकुमार जोशी, अजीजुल्लाह खान,  आदि गणमान्य नागरिकों ने भाग लिया । संचालन गोपालकृष्ण पंचारिया ने किया ।