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*पत्रकारिता के मूल सिद्धांतों को जीवित रखने के लिये पत्रकारिता के आचरण के मानकों का पालन जरूरी* —
महावीर अग्रवाल
मन्दसौर , इंदौर १३ मार्च ;अभी तक; पत्रकारिता के मूल सिद्धांतों को जीवित रखने के लिये पत्रकारिता के आचरण के मानकों का पालन जरूरी है। पत्रकारिता के आचरण के मानकों का पालन कर समाज में विश्वसनीयता कायम रखी जा सकती है। नया प्रेस एक्ट पत्रकार एवं पत्रकारिता की बेहतरी के लिए मददगार होगा। नये प्रेस एक्ट से पत्रकारिता के आचरण के मानकों का पालन कर समाज में हम सम्मान प्राप्त कर सकते हैं। नये प्रेस एक्ट से कार्यक्षमता में वृद्धि भी होगी तथा कार्य आसान और सुविधाजनक होगा।
उक्त उदगार अतिथियों द्वारा संभागीय जनसंपर्क कार्यालय इंदौर द्वारा प्रेस एक्ट और पत्रकारिता के आचरण के मानक विषय पर आयोजित एक दिवसीय कार्यशाला में व्यक्त किए गए। इस कार्यशाला में वरिष्ठ पत्रकार श्री रघुवीर तिवारी भोपाल, इंदौर प्रेस क्लब के अध्यक्ष श्री अरविंद तिवारी, स्टेट प्रेस क्लब के अध्यक्ष श्री प्रवीण कुमार खारीवाल और वरिष्ठ पत्रकार श्री नवनीत शुक्ला ने मुख्य वक्ता के रूप में अपने उक्त विचार व्यक्त किये।
कार्यशाला को संबोधित करते हुए श्री अरविंद तिवारी ने कहा कि पुराने प्रेस एक्ट में विसंगतियां थी। नये प्रेस एक्ट में इन विसंगतियों को दूर करने का प्रयास किया गया है। नया प्रेस एक्ट कार्य क्षमता में वृद्धि में मददगार होगा। पत्रकारिता को संरक्षण मिलेगा, पत्रकारिता की विश्वसनीयता भी बढ़ेगी। पत्रकारों को पत्रकारिता की गरिमा और आचरण का पालन करना चाहिए। उन्होंने कहा कि पत्रकारिता में विश्वसनीयता बनाए रखने के लिए जरूरी है कि हम समयबद्धता का पालन करें। निर्भय और निडर होकर गरिमा के साथ पत्रकारिता करें। उन्होंने कहा कि एक अच्छी पत्रकारिता के लिए जरूरी है कि संवाद, संपर्क एवं सूत्र मजबूत हों। उन्होंने नई पीढ़ी के पत्रकारों से आग्रह किया कि वह समाज में सम्मान पाने के लिए बेहतर आचरण रखें। श्री तिवारी ने कहा कि भारतीय प्रेस परिषद ने प्रेस एक्ट में बदलाव कर अपना काम कर दिया है, पत्रकारों को भी अब अपने दायित्वों का निर्वाह पूर्ण ईमानदारी के साथ करना होगा। पत्रकारों के हितों का संरक्षण एवं कल्याण राज्य शासन का दायित्व है। राज्य शासन खुले मन से पत्रकारों का सहयोग कर रही है।
भोपाल के वरिष्ठ पत्रकार श्री रघुवीर तिवारी ने कहा कि तकनीकी के नए युग में न्यूज़ का स्वरूप भी बदल रहा है। पत्रकारिता का दायरा भी बढ़ा है। प्रसारण के तौर तरीके में भी तेजी से बदलाव आया है। तकनीकी के नए दौर में पत्रकारिता के स्वरूप में हमें अपनी मूल पत्रकारिता को नहीं खोना चाहिए। अपनी विश्वसनीयता को हर हाल में कायम रखना होगा। उन्होंने कहा कि पत्रकारिता के मूल्य में भी बदलाव आ रहा है। कार्य प्रणाली में भी बदलाव हुआ है। श्री रघुवीर तिवारी ने कहा कि नया प्रेस एक्ट नैतिक मूल्यों के संरक्षण में मददगार होगा। यह एक्ट हमारे कार्यों को सहज एवं सुविधाजनक बनाएगा। उन्होंने कहा कि समाज के प्रति हमारी जवाबदेही को समझते हुए स्वयं ही अपने आचरण के मानक तय करें। आचरण के मानक किसी नियम कानून से तय नहीं होते हैं, यह मानक समाज हित में हमें ही बनाना होंगे।
कार्यशाला को संबोधित करते हुए श्री नवनीत शुक्ला ने कहा कि पहले पत्रकार एवं पत्रकारिता के एक निश्चित सिद्धांत होते थे। पत्रकारिता मिशन थी। आज इसमें नकारात्मक बदलाव आया है। पत्रकारिता में नई चुनौतियां आज हमारे सामने आ रही हैं। उन्होंने कहा कि पत्रकारिता व्यवसाय नहीं है, इसे दिल से की जाना चाहिए। पत्रकारिता अगर दिल और दिमाग से करेंगे तो हमें सम्मान जरूर मिलेगा। उन्होंने कहा कि पत्रकारिता के मूल सिद्धांतों को जीवित रखना होगा। हमें पत्रकारिता के आचरण के मानकों का पालन भी करना होगा। उन्होंने कहा कि प्रेस एक्ट में समय की जरूरत के मान से आवश्यक संशोधन किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि पत्रकारिता ऊर्जा एवं अनुभव के साथ में निखरती है।
श्री प्रवीण खारीवाल ने अपने संबोधन में कहा कि नया प्रेस एक्ट पत्रकारिता को नया स्वरूप देगा। प्रेस से जुड़े लोगों का दायित्व है कि वह नए प्रेस एक्ट का उपयोग कर समाज को नई दिशा दिखाएं। श्री खारीवाल ने कहा कि समयानुरूप पत्रकारों को अपने आचरण में सुधार लाने की जरूरत है। समाज हित में अधिक से अधिक अपनी कलम का उपयोग करें। कार्यक्रम के प्रारंभ में संयुक्त संचालक जनसंपर्क डॉ. आर. आर. पटेल ने स्वागत उदबोधन देकर कार्यशाला के उद्देश्यों पर प्रकाश डाला। कार्यक्रम का संचालन श्री संजय लाहोटी ने किया। कार्यशाला में बड़ी संख्या में पत्रकारगण मौजूद थे।