पन्ना जिले मे बत्तीस वर्ष से अंगद के पांव की तरह जमें संजय परिहार नही हो रहा स्थानान्तरण

दीपक शर्मा

पन्ना/ 20 मार्च , अभीतक

पन्ना जिला अधिकारी कर्मचारीयो के लिए भ्रष्टाचार का चारागाह बन गया है, अनेक अधिकारी कर्मचारी 30-30 वर्षो से जमें हुए है तथा अवैध रूप से वरिष्ट पदो पर काम करके भ्रष्टाचार करने मे लगें हुए है। उदाहरण के तौर पर जिला पंचायत पन्ना मे मनरेगा योजना के परियोजना अधिकारी बनें संजय सिंह परिहार का मूल पद पंचायत समन्वयक अधिकारी है एवं उनकी पद स्थापना जनपद पंचायत पन्ना मे है तथा वेतन भी जनपद पंचायत से ही आहरित होती है लेकिन वह नियम विरूद्ध तरीका से जिला अधिकारी का पद भार संभाल रहे है। मनरेगा योजना मे वह विगत पांच वर्ष से जमें हुए है, तथा जिले भर की ग्राम पंचायतो मे उनकी मर्जी से ही निर्माण कार्य स्वीकृत होते है। बिना साठ गाठ के कोई भी निर्माण कार्य ग्राम पंचायतो को नही दिये जाते। जिस ग्राम पंचायत सरपंच, सचिव के संबंध उनसे होते है उन्ही को निर्माण कार्य का काम दिया जाता है। सन् 1993 से पन्ना मे सचिव के पद पर पदस्थ हुए थे, और आज भी पन्ना जिले मे जमें हुए है। जो भी अधिकारी आते है उनके वह खास बन जाते है तथा जिले के जनप्रतिनिधि भी किसी भी दल के हों उन्हे पटाने मे वह सफल हो जाते है। इस दौरान अनेको लोकसभा तथा विधानसभा चुनाव हुए इसके बावजूद इनका स्थानान्तरण नही किया गया है। जबकी शासन के नियमानुसार जो भी अधिकारी कर्मचारी एक ही जिले मे तीन वर्ष तक पदस्थ रहता है उनका स्थानान्तरण कर दिया जाता है। फिलहाल इनके पदस्थापना को लेकर कुछ लोगो द्वारा चुनाव आयोग को पत्र भेजकर स्थानान्तरण करने की मांग की है। आंगे देखना है, क्या होता है।