बलात्कार के आरोपी को बीस वर्ष का सश्रम कारावास
दीपक शर्मा
पन्ना १३ मार्च ;अभी तक; बलात्कार के एक मामले मे माननीय न्यायालय महेन्द्र मंगोदिया विशेष न्यायाधीश पॉक्सो एक्ट पन्ना के न्यायालय द्वारा आरोपी-श्यामबली पाल को बीस वर्ष के सश्रम कारावास की सजा से दण्डित किया गया है।
मामले के संबंध मे सहायक जिला लोक अभियोजन अधिकारी पन्ना ऋषिकांत द्विवेदी के बताये अनुसार घटना संक्षेप मे इस प्रकार है, कि दिनांक 25.11.2022 को पीड़िता के पिता ने थाना कोतवाली पन्ना की चौकी बराछ में उपस्थित होकर इस आशय की रिपोर्ट लेख करायी कि, दिनांक 19.11.2022 को दोपहर 01 बजे घर से धान लेने के लिए खेत पर गया था, उसकी पत्नी बकरी चराने के लिए जंगल गयी थी तथा पीड़िता घर पर थी। जब वह शाम को खेत से घर आया तो पीड़िता घर पर नहीं मिली जिसका आस पड़ौस एवं रिश्तेदारियों में पता किया परंतु उसका कोई पता नहीं चला, उसे संदेह है कि कोई अज्ञात व्यक्ति उसकी लड़की/पीड़िता को कोई बहला फुसलाकर भगाकर ले गया है। उक्त गुमशुदगी रिपोर्ट एवं प्रथम सूचना रिपोर्ट को थाना कोतवाली पन्ना असल नंबर पर कायमी हेतु भेजा गया जिसे थाना कोतवाली पन्ना में अज्ञात के विरूद्ध अपराध पंजीबद्ध कर प्रकरण विवेचना में लिया गया।
दौरान विवेचना पुलिस द्वारा पीड़िता को दत्तानगर कालौनी शिखल थाना जिला सतारा, महाराष्ट्र से दस्तयाब कर दस्तयाबी पंचनामा बनाया गया। घटनास्थल का नक्शा मौका बनाया गया, साक्षीगण के कथन लेखबद्ध किए गए। संपूर्ण विवेचना उपरांत अभियुक्त के विरूद्ध अभियोग पत्र माननीय न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत किया गया। माननीय न्यायालय महेन्द्र मंगोदिया विशेष न्यायाधीश (पाक्सो एक्ट) पन्ना के न्यायालय मे प्रकरण का विचारण हुआ। शासन की ओर से पैरवी जिला लोक अभियोजन अधिकारी संदीप कुमार पाण्डेय के मार्गदर्शन में विशेष लोक अभियोजक/वरिष्ठ सहा. जिला लोक अभियोजन अधिकारी दिनेश खरे द्वारा की गयी। अभियोजन द्वारा साक्ष्य को क्रमबद्ध तरीके से लेखबद्ध कराकर न्यायालय के समक्ष आरोपी श्यामबली पाल के विरूद्ध अपराध को संदेह से परे प्रमाणित किया तथा आरोपी के कृत्य को गंभीरतम श्रेणी का मानते हुये कठोर से कठोरतम दंड से दंडित किया जाने का अनुरोध किया। अभिलेख पर आई साक्ष्य और अभियोजन के तर्को एवं न्यायिक दृष्टांतो से सहमत होते हुए माननीय न्यायालय महेन्द्र मंगोदिया विशेष न्यायाधीश (पाक्सो एक्ट) पन्ना के न्यायालय द्वारा आरोपी-श्यामबली पाल को क्रमशः धारा- 323 भादसं. एवं 5(एल)/6 पॉक्सो एक्ट के आरोप में 03 वर्ष का सश्रम कारावास, 20 वर्ष का सश्रम कारावास एवं 500 रूपए, 500 रूपए के अर्थदण्ड से दण्डित किया गया।