बीस करोड की शासकीय जमीन पर अवैध कब्जा, कमिश्नर के फैसले के बावजूद जिला प्रशासन मौन

दीपक शर्मा

पन्ना ७ अप्रैल ;अभी तक; जिले की अनेक स्थानो पर शासकीय जमीनो पर भू-माफियाओं द्वारा अवैध रूप से कब्जा कर रखा है। उसके बावजूद स्थानीय प्रशासन द्वारा संबंधित मामलो मे न्यायालयों तथा राजस्व मंडल ने अपील न करने के चलते भू-माफियाओं द्वारा वेशकीमती जमीनो पर कब्जा करके बकायदा खेती की जा रही है तथा अनेक स्थानो पर रहवास बनाकर प्लाटिंग की जा रही है।

इसी प्रकार का मामला देवेन्द्र नगर तहसील अन्तर्गत ग्राम राजापुर का है, जहां पर वर्ष 2003 मे तत्कालीन कमिश्नर सागर संभाग बी आर नायडू द्वारा प्रकरण क्रमांक 174/31/बी-3-2000-01 एवं 34/अ-90/3/1968-69 दिनांक 14/08/2003 राजापुर की 261.35 हैक्टेयर भूमि शासन मे वैष्ठीत होने के उपरांत राजस्व मंडल ग्वालियर द्वारा उक्त भूमि निजी घोषित की गई है।

विवरण के अनुसार उक्त भूमि मनमाने ढंग से अजयराज सिंह द्वारा 14 लोगो के नाम फर्जी रूप से पूर्व मे करा ली गई थी। जिसका प्रकरण कमिश्नर सागर संभाग ने स्थानीय लोगो द्वारा किया गया था। उक्त संपूर्ण प्रकरण की जांच कराकर कमिश्नर सागर संभाग द्वारा आदेश क्रमांक 1525/पीबीआर/03 आदेश दिनांक 14/08/2003 मे आदेश पारित करते हुए उक्त भूमि मध्य प्रदेश शासन के नाम दर्ज करने के आदेश दिये गये थें। उसके पश्चात् संबंधितो द्वारा कूट रचित दस्तावेज तैयार करते हुए राजस्व मंडल ग्वालियर मे प्रकरण पेश किया गया था तथा सदस्य एम के सिंह द्वारा मनमाने ढंग से आदेश जारी करते हुए पुनः उक्त जमीन दिनांक 14/08/2004 को आदेश पारित करते हुए उन्ही 14 लोगो के नाम फिर से करने का आदेश दिया गया। जबकी तत्कालीन राजस्व मंडल ग्वालियर के सदस्य रहें एम के सिंह द्वारा मध्य प्रदेश के अनेक जिलो मे भी इसी प्रकार फर्जीवाडा करते हुए शासकीय जमीनो के प्रकरण खारिज करते हुए भू माफियाओं के नाम दर्ज करने के आदेश पारित किये गये थें। जिन्हे बाद मे जांच उपरांत मध्य प्रदेश सरकार द्वारा एम के सिंह के द्वारा जारी किये गये सभी आदेश निरस्त कर दिये गये थे।

इसी प्रकार का यह प्रकरण भी है। उक्त संबंध मे कलेक्टर द्वारा तहसीलदार देवेन्द्र नगर को संपूर्ण मामले की जांच के आदेश दिये गये थें। जिसमे एसडीएम के निर्देश पर तहसीलदार देवेन्द्र नगर ने जांच मे पाया गया कि जो जमीन लगभग 208.92 हैक्टेयर है जिसकी कीमत 20 करोड से अधिक है उक्त जमीन शासन को वापिस मिलनी चाहीए। तहसीलदार द्वारा प्रतिवेदन बनाकर राजस्व मंडल ग्वालियर मे निगरानी या माननीय उच्च न्यायालय मे अपील प्रस्तुत करना आवश्यक प्रतीत होता है जिससे शासन को होने वाली छति से बचाया जा सकें।

इस मामले मे कलेक्टर द्वारा एस डी एम पन्ना को संबंधित जमीन मामले के प्रकरण की अपील करने के लिए निर्देश जारी किये गयें थें लेकिन सालो बीत जाने के बावजूद एस डी एम द्वारा अभी तक अपील प्रस्तुत नही की गई है। विगत नवम्बर माह में कलेक्टर पन्ना संजय कुमार मिश्रा नें एसडीएम पन्ना सत्यनारायण दर्रो को संबंधित प्रकरण का ओ आई सी बनाया गया था तथा तत्काल याचिका लगाने के निर्देश दिये गयें थें लेकिन लापरवाह एसडीएम सत्यनारायण दर्रो द्वारा आज दिनांक तक पुनरविचार याचिका नही लगाई गई है। जिससे शासन के बीस करोड की जमीन पर भू-माफिया द्वारा कब्जा कर रखा है। संबंधित मामला हमारे संज्ञान मे है इसके लिए पुनरविचार याचिका राजस्व मंडल ग्वालियर मे लगाने के लिए मुझे निर्देश प्राप्त हुए है, किसी कारण बस अभी तक नही लगाया गया है, जल्द ही हम पुनरविचार याचिका लगायेगें जिससे शासन को वेश कीमती जमीन फिर से प्राप्त हो सकें पूर्व में एस.डी.एम दर्रो द्वारा यह आश्वासन दिया गया था लेकिन आज पुनः फोन लगानें पर उनके द्वारा मोबाईल रिसीव नही किया जा रहा है।