प्रदेश
बुकिंग क्लर्क सुनील कुमार के सूझबूझ के कारण एक अप्रिय घटना घटित होने से बची
महावीर अग्रवाल
मन्दसौर २ मई ;अभी तक; रेलवे के कर्मयोगी न केवल अपना कार्य करते हैं बल्कि अपने व्यस्ततम समय के दौरान भी यात्री की हाव-भाव एवं मनोभावना को समझ कर उसके अनुसार कार्य को संपादित करते हैं। इसका एक जीवंत उदाहरण है 30 अप्रैल, 2024 को बामनिया स्टेशन पर घटित घटना ।
30 अप्रैल, 2024 को श्री सुनील कुमार बुकिंग क्लर्क के रुप में अपना कार्य कर रहे थे। लगभग 09.30 बजे तीन नाबालिक लड़कियॉं मुम्बई जाने के लिए टिकट की मांग की। लड़कियों के हाव-भाव कुछ अलग लगे तथा उनके साथ कोई वयस्क यात्री भी नहीं था तो शक होने पर उन्हें स्टेशन मास्टर कार्यालय में बुलाकर बात की तथा लड़कियों से घर का मोबाइल नम्बर लेकर उनके परिवार से बात की तो पता चला कि वो तीनों बीना घर में बताए भागी है और लड़किंयॉं मुम्बई जा रही है इसकी कोई जानकारी नहीं है। तीनों लड़कियों को रेलवे सुरक्षा बल के हवाले कर दिया गया तथा उनके परिवार के आने पर उन्हें सुपुर्द कर दिया गया।
श्री सुनील कुमार, बुकिंग क्लर्क/बामनिया के द्वारा किए गए सूझबूझपूर्ण कार्य के कारण एक संभावित अप्रिय घटना को रोकी जा सकी।