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भगवान का प्राकट्य भी वहीं होता है जहां गौ माता और संत सेवा होती है- पूज्य संत श्री निर्मल चैतन्यजी महाराज
महावीर अग्रवाल
मन्दसौर ४ मई ;अभी तक; ग्राम झांगरिया (सीतामऊ) में आयोजित नवग्रह प्राण प्रतिष्ठा, भागवत कथा तथा पंच कुण्उज्ञत्मक शिवशक्ति महायज्ञ में अपना सानिध्य और आशीवर्चन प्रदान करने हेतु प्रधार तेजस्वी, ओजस्वी, तपस्वी, वितरागी युवा बाल ब्रह्मचारी राष्ट्रीय संत श्री निर्मलचैतन्य पुरीजी महाराज एवं साहित्याचार्य भागवत प्रवक्ता पू. श्री कमलेशजी शास्त्री का श्री सांवलिया गौशाला कुंचड़ौद में पदार्पण हुआ। पूज्य संत श्री निर्मल चैतन्यपुरीजी महाराज, भागवत प्रवक्ता शास्त्रीजी एवं अन्य गौ भक्तों ने गौमाता को हरी घास चरी खिलाई। संत श्री ने भोजन करने से पूर्व गौ माता को रोटी खिलाई।
संत श्री ने गौशाला में स्वस्थ हष्टपुष्ट गायों को देखकर प्रसन्नता जाहिर करते हुए कहा कि गौमाता के रूप में साक्षात परब्रह्म परमात्मा यहां विद्यमान है। गौशाला में गौ माता की सेवा-व्यवस्था की सराहना करते हुए आपने कहा गौमाता के संबंध में गोस्वामी तुलसीदासजी के रामचरित मानस में उल्लेखित ‘‘विप्र धेनु सुर सन्तहित, लीन्ह मनुज अवतार’’ को कहते हुए बताया कि भगवान के मनुष्य रूप में अवतरण का दिव्य भाव यही है भगवान का प्राकट्य भी वहीं होता है जहां गो ब्राह्मण संत सेवा होती है। सम्पूर्ण विश्व में गौमाता और संतांे लिये परब्रह्म परमात्मा मनुज बनकर केवल भारत में ही अवतरित होते है, परन्तु यह दुर्भाग्य है कि हम आजाद भारत से गौ हत्या का घोर कलंक अभी तक मिटा नहीं सके। जितनी जल्दी गौ हत्या का कलंक मिटेगा, देश का कल्याण होगा।
आपने गौशाला की हष्टपुष्ट स्वस्थ गौमाता के दर्शन कर कहा यहां गायों को हष्टपुष्ट स्वस्थ देखकर लग रहा है गौमाता प्रसन्न है और इससे संतश्री ने अपने हृदय की भी प्रसन्नता जाहिर करते हुए कहा कि गौमाता के दर्शन कर परम आनन्द की अनुभूति होरही है और ऐसा लग रहा है यहां केवल गौमाता नहीं गौमाता के रूप में साक्षात परब्रह्म परमात्मा विद्यमान विराजमान है।
आपने कहा जो तन मन-धन से गौ सेवा करते है वे सभी साधुवाद के पात्र है। संत श्री ने क्षेत्र के सभी श्रद्धालु गोभक्तों के प्रति मंगल कामना करते हुए शुभ आशीर्वाद दिया।