भागवत कथा शुभारंभ अवसर पर भव्य पोथी यात्रा निकली

महावीर अग्रवाल 

मंदसौर २५ दिसंबर ;अभी तक; परम पूज्य श्री दशरथभाईजी के मुखारविंद से मंदसौर के माहेश्वरी धर्मशाला में सात दिवसीय संगीतमय श्रीमद् भागवत कथा की जा रही है। शांतिलाल स्व. श्री नानालालजी एकलिंग सोनी (कुलथिया) परिवार के द्वारा पितृजनों की पावन स्मृति में यह भागवत कथा कराई जा रही है। दिनांक 25 जनवरी से प्रारंभ हुई श्रीमद् भागवत कथा 31 जनवरी रविवार तक आयोजित होगी। जिसमें प्रतिदिन दोप. 1 से सायं 5 बजे तक विद्वान पं. दशरथभाईजी श्रीमद् भागवत कथा श्रवण करा रहे है।
                                         श्रीमद् भागवत कथा के शुभारंभ अवसर पर कल सोमवार को स्वर्णकार समाज व  नगर के गणमान्य नागरिकों व माता बहनों की गरिमामयी उपस्थिति में भव्य पोथी यात्रा निकाली गई। स्वर्णकार समाज की आराध्यदेवी मॉ लालबाई फूलबाई मंदिर शहर किला रोड़ से यह पौथी यात्रा प्रारंभ हुई। यहां भागवत पौथी का पूजन पं. दशरथभाईजी के द्वारा कराया गया। सर्वप्रथम भागवत पौथी शांतिलाल सोनी व श्रीमती धापुबाई सोनी ने अपने सिर पर धारण की। इसके बाद पौथी यात्रा शहर किला रोड़, सराफा बाजार, मण्डी गेट, सदर बाजार, कालाखेत होते हुए नयापुरा रोड़, स्थित माहेश्वरी धर्मशाला पहुंची। बेंडबाजे के साथ प्रारंभ हुई इस पोथी यात्रा में कथाकार पं. दशरथभाईजी विशेष रूप से शामिल हुये। कथा आयोजक परिवार के शांतिलाल सोनी व धापूबाई सोनी को बग्गी पर बिठाया गया।
                                        इस अवसर पर पं. दशरथभाईजी को भी बग्गी पर विराजित किया गया। इस पौथी यात्रा में महिलाएं विशेष प्रकार की चुनरी साड़ी में व पुरूष श्वेत वस्त्रों को पहनकर शमिल हुए। माता बहनों ने पोथी यात्रा के मार्ग में कई स्थानों पर कथा प्रारंभ होने की प्रसन्नता में नृत्य भी किया। इस पोथी यात्रा का कनक घी चौराहा, सदर बाजार एवं सराफा बाजार में पुष्पवर्षा कर भव्य स्वागत भी किया गया। पोथी यात्रा में नगर के कई गणमान्य नागरिकगण भी शामिल हुए और उन्होंने पं. दशरथभाईजी से आशीर्वाद भी प्राप्त किया और कथा आयोजक परिवार को शुभकामनाएं दी।
पौथी यात्रा के उपरांत दोपहर में कथा श्रवण कराते हुए पं. दशरथभाईजी ने कहा कि श्रीमद् भागवत मनुष्य को भगवान की भक्ति से जोड़ने का सशक्त माध्यम है। इसमें श्री कृष्ण के वाग्मय स्वरूप का जो चित्रण किया गया है जो भी उसे श्रवण करता है वह मोक्ष मार्ग की और प्रवृत्त होता है। भागवतजी जीवन जीने की कला और सांसारिक मोह बंधनों से मुक्ति का मार्ग बताती है। श्रीमद भागवत हमें मृत्यु से भयमुक्त होने का संदेश देती है। कथा आयोजन करके शांतिलालजी नानालालजी एकलिंगजी परिवार ने सभी को धर्म से जुड़ने की जो प्रेरणा दी है वह अद्भूत है।
इन्होंने की पौथी व कलश यात्रा में सहभागिता-कथा के शुभारंभ अवसर पर पौथी यात्रा में रामलाल सोनी, लक्ष्मीनारायण सोनी, श्रीमती आनन्दीबाई सोनी, उमा सोनी, हेमन्त सोनी, गिरीश सोनी, अशोक सोनी, अजय सोनी (सदस्य म.प्र. स्वर्णकला बोर्ड राज्यमंत्री दर्जा प्राप्त), मनीष सोनी लाला, पवन सोनी, दीपक सोनी, अर्जुन डाबर, भूपेन्द्र सोनी (प्रतापगढ़वाला), प्रदीप सोनी, घनश्याम सोनी, विनोद सोनी एसएनएन, राजेश सोनी दिवान, अशोक सोनी मेलेखड़ा वाला, मांगीलाल आकोदड़ा, गोपाल सोनी धुंधड़का वाला, सहित बड़ी संख्या में धर्मालुजन उपस्थित रहे।
इन्होंने किया पौथी पूजन – कथा शुभारंभ के अवसर पर कुलथिया सोनी परिवार के सदस्यों ने भागवत पौथी का पूजन किया इसके उपरांत मनोहरलाल सोनी रतलाम ज्वेलर्स, सत्यनारायण सोनी, रमेश सोनी, मोहनलाल सोनी, महेश सोनी, भूपेन्द्र सोनी प्रतापगढ़ वाला, मितेश सोनी, शिवनारायण सोनी, राकेश सोनी, मयंक सोनी, गिरीश सोनी, रामलाल सोनी, घनश्याम सोनी, प्रदीप सोनी ने पौथी का पूजन किया।