भाजपा विधायक के खिलाफ हाइकोर्ट में याचिका, आयोग ने रोकी आरटीआइ की जानकारी

मयंक शर्मा

खंडवा ३ अप्रैल ;अभी तक;  विधानसभा चुनाव-2023 में कांग्रेस के पराजित प्रत्याशी रहे कुंदन मालवीय ने भाजपा की विधायक कंचन तनवे की जाति को चुनौती देने के लिए हाइकोर्ट में याचिका दायर की है। इस याचिका ने इससे बिहार के नेता कन्हैया कुमार के आरटीआइ आवेदन की जानकारी रोक दी गई है।

उप जिला निर्वाचन अधिकारी आरसी खेतडिय़ा ने इस संदर्भ में पत्र भेजकर कन्हैया कुमार को अवगत करवाया है। 2023 विधायक का  चुनाव जीतने वाली कंचन तनवे के खिलाफ याचिका दायर की है। याचिका हाइकोर्ट ने दर्ज कर ली है लेकिन अभी तक बेंच की लिङ्क्षस्टग नहीं हो पाई है। याचिका में दावा किया गया है कि उनके प्रमाण-पत्र में पिता के स्थान पर पति का नाम लिखा है। इतना ही नहीं उन्होंने नई गाइडलाइन के तहत जाति प्रमाण-पत्र नहीं बनवाया है। पुराना प्रमाण-पत्र ही चुनाव के दौरान जमा किया गया, यह नियमों विपरीत है।
खंडवा उप जिला निर्वाचन अधिकारी आरसी खेतडिय़ा ने बताया कि उच्च न्यायालय में याचिका दायर की गई है। इस लिए खंडवा विस क्षेत्र में चुनाव के दौरान उपयोग इवीएम व अन्य दस्तावेज ²सुदढ़ कक्ष में सीलकर चाबी कोषालय के डबल लॉक में रखी गई है। कोर्ट के आदेश के बाद आगे की प्रक्रिया पूरी की जाएगी।

उन्होने कहा कि बिहार के कन्हैया कुमार ने चुनाव आयोग से वर्ष 2023 में मध्य प्रदेश और राजस्थान में हुए विधानसभा चुनाव में प्रारूप 17-ग की जानकारी मांगी है। इसमें प्रत्येक विस में कुल डाले मत और प्रत्याशियों को मिले मतों की संख्या पूछी है। खंडवा में 4 विस क्षेत्र में प्रत्याशियों की जानकारी देने में क्र-6 हजार 782 खर्च आ रहा है। इस हिसाब से दोनों राज्यों में जानकारी देने में लाखों रुपए चुकाने पड़ेगे।
खंडवा विस चुनाव का मामला उच्च न्यायालय में विचाराधीन है। इसके चलते विस निर्वाचन 2023 संबंधी महत्वपूर्ण दस्तावेज ²़ कक्ष में सुरक्षित रखे हैं। इसलिए मांगी गई जानकारी उच्च न्यायालय के याचिका प्रकरण क्रमांक 02 / 2024 में अंतिम आदेश के उपरांत ही प्रदाय की जाएगी।
ज्ञातव्य है कि इसके पहले 2018 के चुनाव परिणाम को लेकर तत्कालीन काग्र्रेस के पराजित उत्तीदवार कुन्दन मालवीय ने ही  तत्कालीन विधायक देवेन्द्र वर्मा के जाति प्रमाण पत्र के खिलाफ भी याचिका दायर की थी, हालांकि विधायक देचेन्द्र वर्मा का मामला उच्च स्तरीय जांच कमेटी के स्तर पर लंबित है। इस मामले में मालवीय अवमानना याचिका तक गए थे लेकिन वर्मा की जाति का मामला हाइपॉवर कमेटी के समक्ष चला गया।