प्रदेश
भारत विकास परिषद् मध्यभारत पश्चिम प्रांत की प्रांतीय कार्याशाला ‘प्रबोध’ सम्पन्न
महावीर अग्रवाल
शामगढ़ १९ जून ;अभी तक; भारत विकास परिषद मध्यभारत पश्चिम प्रांत की प्रांतीय कार्यशाला ‘प्रबोध’ का आयोजन महिषासुर मर्दिनी देवी की पावनधरा शामगढ़ नगर में शामगढ़ शाखा के आतिथ्य में, सुन्दर वातावरण में पोरवाल मांगलिक परिसर, में भारत विकास परिषद् के राष्ट्रीय महासचिव श्री श्याम शर्मा केाटा,श्री अशोक जाधव देवास(संरक्षक, सेन्ट्रल रीजन), श्री प्रदीप अग्रवाल उज्जैन (रीजनल महासचिव, सेन्ट्रल रीजन), श्री सुधीर अग्रवाल ग्वालियर (रीजनल संयुक्त महासचिव, सेन्ट्रल रीजन), श्री सुनील सिंहल नीमच(रीजनल सेक्रेटरी (सेवा), श्री सुरेन्द्र प्रधान ग्वालियर (रीजनल सेक्रेटरी (संस्कार), श्रीमती रेखा पोरवाल मन्दसेार (नेशनल प्रोजेक्ट मेंबर महिला बाल विकास) के मुख्य आतिथ्य में सफलतापूर्वक संपन्न हुई।
प्रान्तीय कार्यशाला में प्रांतीय अध्यक्ष प्रदीप चौपड़ा के नेतृत्व में, प्रांतीय उपाध्यक्ष अनिल अग्रवाल, संगठन मंत्री विनोद काला, प्रांतीय कोषाध्यक्ष सुनील लवंगीकर, प्रांतीय महासचिव घनश्याम पोरवाल एवं प्रांतीय महिला प्रमुख श्रीमती वृषाली आप्टे, प्रांतीय कार्यशाला संयोजक मनोज जैन, सतीश सेठिया के साथ प्रांत के सभी पदाधिकारी, महिला प्रमुख एवं दायित्वधारी उपस्थित रहे एवं मध्यभारत पश्चिम प्रांत की 14 शाखाओं से 93 सक्रिय पदाधिकारियों की की उपस्थिति रही । साथ ही प्रांत की सर्वश्रेष्ठ शाखा, शामगढ के मार्गदर्शक मण्डल, संरक्षकगण, पदाधिकारीगण, महिला व पुरुष सदस्यगण भी कार्यशाला में सम्पूर्ण समय उपस्थित रहें । आत्मीय स्वागत स्वल्पाहार एवं पंयन के पश्चात उद्घाटन सत्र का प्रारंभ भारत माता एवं हमारे प्रेरणा स्रोत स्वामी विवेकानंद के समक्ष दीप प्रज्ज्वलन के साथ, वंदे मातरम गायन से किया गया व अतिथियों का स्वागत पुष्पगुच्छ, श्रीफल ,दुपट्टा व मेाती की माला पहनाकर किया गया तत्पश्चात शाखा अध्यक्ष महेश मांदलिया एवं प्रांतीय अध्यक्ष प्रदीप चौपड़ा द्वारा शब्दों से स्वागत किया गया। प्रांतीय अध्यक्ष चौपड़ा ने बताया की प्रांत की प्रथम कार्यकारिणी बैठक में रखे गये लक्ष्य को मात्र ढाईं माह में पुरा कर और प्रांत की शाखाओं द्वारा अधिक बढ़चढ़ कर सेवाकार्य किये गये । जैसे – प्रांत में 4 नई शाखाएं खुली, 7 शाखाओं में 10 नैत्रदान, 5 शाखाओं में रक्तदान शिविर का आयोजन व 6 शाखाओं में आवासीय बाल संस्कार (तीन से पांच दिवसीय)शिविर, एक 3 दिवसीय आत्मरक्षा प्रशिक्षण शिविर आदि सेवा के कार्यों उद्घाटन सत्र का संचालन आयोजक शाखा के अरुण कासट द्वारा किया गया।
प्रांतीय महासचिव घनश्याम पोरवाल द्वारा उपस्थित समस्त शाखा के पदाधिकारियों का परिचय करवाकर अपेक्षित सदस्यों की उपस्थिति दर्ज की गई । प्रथम सत्र में भारत विकास परिषद एक परिचय, कार्यशाला का महत्व, संगठनात्मक जानकारी, व सामान्य प्रोटोकॉल विषय पर श्री प्रदीप अग्रवाल द्वारा महत्वपूर्ण उद्बोधन दिया किया गया ।
द्वितीय सत्र में सुधीर अग्रवाल ने शाखाओं में वित्तीय प्रबंध, नई शाखाओं को बैंक एकाउंट खुलने संबंधी एवं आर्थिक नियोजन एवं खातों का रखरखाव विषय पर जानकारी प्रदान की गई। राष्ट्रीय महासचिव श्याम शर्मा ने समाज में परिषद की भूमिका पर अपना मार्गदर्शन प्रदान किया।
तृतीय सत्र में अशोक जाधव ने सम्पर्क विषय पर एवं सुनील सिंहल ने सेवा विषय पर अपने अनुभव बताकर शाखा में सेवा गतिविधियों द्वारा समाज के अंतिम व्यक्ति तक पंहुचकर मन से सेवा करना, मनोबल बढ़ाना व आर्थिक दशा में सुधार लाना, शाखा अपने बजट में 30 प्रतिशत राशी को सेवा कार्य के लिये उपयोग करें व सुरेन्द्र प्रधान ने शाखा में संस्कार आयोजनों को प्रभावी बनाने हेतु व स्वस्थ-समर्थ-संस्कारित भारत पर अपने व्यक्तय द्वारा केन्द्र द्वारा निर्धारित संस्कार प्रकल्प गुरुवंदन छात्र अभिनंदन, भारत को जानी प्रतियोगिता व राष्ट्रीय समूहगान प्रतियोगिता को प्रभावी रुप से आयोजित कैसे करें व समाज में इसकी भूमिका पर जोर दिया एवं श्रीमती वृषाली आपटे, ने शाखा में महिलाओं की सहभागिता पर सभी का ध्यान आकर्षित किया । शाखा में महिलाओं का नाम पुरुष के नाम के साथ अनिवार्य लिखना व कार्यक्रमों व पदाधिकारी बनाने में महिलाओं को बराबर का हिस्सा व महिलाओं को सम्मान आदि विषय पर अपने अनुभव बताये ।
समापन सत्र में प्रांत के सक्रिय, ऊर्जावान अध्यक्ष प्रदीप चौपड़ा ने शाखा संचालन एवं समाज के बीच शाखाओं की प्रभावी कार्यविधी तथा प्रकल्प प्रमुखों के दायित्व का बोध कराना व दायित्वधारियों को सेवा कार्याे के मूल उद्देश्य एवं उनके आयोजनों को प्रभावी बनाने व शाखा में परिषद के प्रोटोकाल का पालन करना, एक आदर्श शाखा में कम से कम 50 से 75 सदस्य होना चाहिये, शाखा में महिलाओं की सहभागिता, बैठकों में सदस्यों की रुची का नहीं होना, शाखा में धन की कमी आदि से संबंधित महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान की।
राष्ट्रीय महासचिव भारत विकास परिषद, श्याम शर्मा ने अपने उद्बोधन में कहा की भारत माता की कोख से पैदा होने वाली (एक ही उदर से पैदा होने वाली) सभी संताने भाई-भाई होते है । भगवान ने आप को सामर्थ्य बनाया हैं तो आप अपने आसपास रहने वाले दुःखी, निर्धन भाईयों की सेवा करें व उन्हें सार्थ्यवान बनावें । यही सच्चा संतोष है और संतोष ही सबसे बड़ा आनंद है । आप आत्मदर्शन करें, की संतोष से बड़ा घर नहीं, भगवान का धन्यवाद करें । भारत विकास परिषद के माध्यम से समाज के निर्धन परिवारों को स्वावलंबी बनाकर इनके वन में बदलाव लाना है । भाविप का कार्यकर्ता को अपने दैनिक कार्यों द्वारा सेवा, संस्कार व समर्पण के माध्यम से समाज में परिवर्तन करना है ।
कार्यशाला ‘प्रबोध’ में सभी कार्यक्रम निर्धारित समय के अनुसार संपन्न किए गए। संचालन व आभार प्रांतीय महासचिव घनश्याम पोरवाल द्वारा किया गया । कार्यशाला समापन के तत्पश्चात विकंलाग बच्चे को ट्राइसिकल राष्ट्रीय महासचिव श्री श्याम शर्मा की उपस्थिति शामगढ़ शाखा द्वारा प्रदान की गई साथ ही तीन दिवसीय आत्मरक्षा प्रशिक्षण शिविर के बच्चेा द्वारा आत्मरक्षा पर नाट्य प्रस्तुत की गई राष्ट्रगान के साथ कार्यशाला का समापन हुआ।
प्रांतीय महासचिव घनश्याम पोरवाल द्वारा उपस्थित समस्त शाखा के पदाधिकारियों का परिचय करवाकर अपेक्षित सदस्यों की उपस्थिति दर्ज की गई । प्रथम सत्र में भारत विकास परिषद एक परिचय, कार्यशाला का महत्व, संगठनात्मक जानकारी, व सामान्य प्रोटोकॉल विषय पर श्री प्रदीप अग्रवाल द्वारा महत्वपूर्ण उद्बोधन दिया किया गया ।
द्वितीय सत्र में सुधीर अग्रवाल ने शाखाओं में वित्तीय प्रबंध, नई शाखाओं को बैंक एकाउंट खुलने संबंधी एवं आर्थिक नियोजन एवं खातों का रखरखाव विषय पर जानकारी प्रदान की गई। राष्ट्रीय महासचिव श्याम शर्मा ने समाज में परिषद की भूमिका पर अपना मार्गदर्शन प्रदान किया।
तृतीय सत्र में अशोक जाधव ने सम्पर्क विषय पर एवं सुनील सिंहल ने सेवा विषय पर अपने अनुभव बताकर शाखा में सेवा गतिविधियों द्वारा समाज के अंतिम व्यक्ति तक पंहुचकर मन से सेवा करना, मनोबल बढ़ाना व आर्थिक दशा में सुधार लाना, शाखा अपने बजट में 30 प्रतिशत राशी को सेवा कार्य के लिये उपयोग करें व सुरेन्द्र प्रधान ने शाखा में संस्कार आयोजनों को प्रभावी बनाने हेतु व स्वस्थ-समर्थ-संस्कारित भारत पर अपने व्यक्तय द्वारा केन्द्र द्वारा निर्धारित संस्कार प्रकल्प गुरुवंदन छात्र अभिनंदन, भारत को जानी प्रतियोगिता व राष्ट्रीय समूहगान प्रतियोगिता को प्रभावी रुप से आयोजित कैसे करें व समाज में इसकी भूमिका पर जोर दिया एवं श्रीमती वृषाली आपटे, ने शाखा में महिलाओं की सहभागिता पर सभी का ध्यान आकर्षित किया । शाखा में महिलाओं का नाम पुरुष के नाम के साथ अनिवार्य लिखना व कार्यक्रमों व पदाधिकारी बनाने में महिलाओं को बराबर का हिस्सा व महिलाओं को सम्मान आदि विषय पर अपने अनुभव बताये ।
समापन सत्र में प्रांत के सक्रिय, ऊर्जावान अध्यक्ष प्रदीप चौपड़ा ने शाखा संचालन एवं समाज के बीच शाखाओं की प्रभावी कार्यविधी तथा प्रकल्प प्रमुखों के दायित्व का बोध कराना व दायित्वधारियों को सेवा कार्याे के मूल उद्देश्य एवं उनके आयोजनों को प्रभावी बनाने व शाखा में परिषद के प्रोटोकाल का पालन करना, एक आदर्श शाखा में कम से कम 50 से 75 सदस्य होना चाहिये, शाखा में महिलाओं की सहभागिता, बैठकों में सदस्यों की रुची का नहीं होना, शाखा में धन की कमी आदि से संबंधित महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान की।
राष्ट्रीय महासचिव भारत विकास परिषद, श्याम शर्मा ने अपने उद्बोधन में कहा की भारत माता की कोख से पैदा होने वाली (एक ही उदर से पैदा होने वाली) सभी संताने भाई-भाई होते है । भगवान ने आप को सामर्थ्य बनाया हैं तो आप अपने आसपास रहने वाले दुःखी, निर्धन भाईयों की सेवा करें व उन्हें सार्थ्यवान बनावें । यही सच्चा संतोष है और संतोष ही सबसे बड़ा आनंद है । आप आत्मदर्शन करें, की संतोष से बड़ा घर नहीं, भगवान का धन्यवाद करें । भारत विकास परिषद के माध्यम से समाज के निर्धन परिवारों को स्वावलंबी बनाकर इनके वन में बदलाव लाना है । भाविप का कार्यकर्ता को अपने दैनिक कार्यों द्वारा सेवा, संस्कार व समर्पण के माध्यम से समाज में परिवर्तन करना है ।
कार्यशाला ‘प्रबोध’ में सभी कार्यक्रम निर्धारित समय के अनुसार संपन्न किए गए। संचालन व आभार प्रांतीय महासचिव घनश्याम पोरवाल द्वारा किया गया । कार्यशाला समापन के तत्पश्चात विकंलाग बच्चे को ट्राइसिकल राष्ट्रीय महासचिव श्री श्याम शर्मा की उपस्थिति शामगढ़ शाखा द्वारा प्रदान की गई साथ ही तीन दिवसीय आत्मरक्षा प्रशिक्षण शिविर के बच्चेा द्वारा आत्मरक्षा पर नाट्य प्रस्तुत की गई राष्ट्रगान के साथ कार्यशाला का समापन हुआ।