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भारत सरकार शीघ्र ही डिजिटल एग्रीकल्चर कार्यक्रम को मूर्त रूप दिया जा रहा है जिसमें खेती का पूरा रिकॉर्ड डिजिटल हो जायेगा ;श्री तोमर

आनंद ताम्रकार

बालाघाट २० मई ;अभी तक;  जिले के वारासिवनी विधानसभा क्षेत्र के मुरझड ग्राम में स्थित राजाभोज कृषि महाविद्यालय में विश्व मधुमक्खी दिवस के प्रसंग पर भव्य कार्यक्रम आयोजित किया गया है जिसमें केंद्रीय कृषि मंत्री प्रमुख अतिथि के रूप में उपस्थित हुये।

                             कृषि मंत्री श्री तोमर ने पत्रकार वार्ता को संबोधित करते हुए अवगत कराया की भारत सरकार शीघ्र ही डिजिटल एग्रीकल्चर कार्यक्रम को मूर्त रूप दिया जा रहा है जिसमें खेती का पूरा रिकॉर्ड डिजिटल हो जायेगा सेटेलाइट के माध्यम से खेती की पूरी जानकारी ऑनलाइन हो जायेगी। जिसमें खेती की जियो टैगिंग की जायेगी। खेती को आधार कार्ड से लिंक बैंक से लिंक और कृषि योजनाओं से लिंक किया जायेगा।

उन्होंने अवगत कराया कि अभी खेती की पैदावार का पुरा आंकड़ा उपलब्ध नहीं है इस योजना से ना केवल पैदावार का रिकॉर्ड सर्धारित होगा बल्कि प्रदेश आधार पर पैदावार की जानकारी उपलब्ध होगी।

डिजिटल एग्रीकल्चर योजना से किसानों को बैंक में लोन के लिये अब नो ड्यूज के लिये भटकना नही पडेगा। ओला अतिवृष्टी सूखा जैसी प्राकृतिक आपदाओं का सेटेलाइट से सर्वे किया जाएगा जिसमें किसी के प्रति भेदभाव की स्थिति नहीं होगा।

कृषि मंत्री तोमर ने कहा हमारा देश कृषि प्रधान देश है मोदी जी ने कृषि और किसान को प्राथमिकता में रखा है। जिसके चलते तत्कालीन कांग्रेस सरकार ने जो कृषि का बजट था उसकी तुलना में कृषि के बजट 1 लाख 25 हजार कर दिया गया है उन्होंने मध्य प्रदेश सरकार द्वारा कृषि के क्षेत्र में अच्छा कार्य किये जाने की प्रशंसा  करते हुए कहा कि मध्यप्रदेश कृषि के क्षेत्र में अग्रणी राज्य है जिसमें प्रदेश की कृषि ग्रोथ 18प्रतिशत है।

कृषि मंत्री ने कहा की भारत सरकार शहद के उत्पादन को बढाने के लिये तेजी से काम कर रही है।शहद का भारत से निर्यात किया जा रहा है। शहद का उत्पादन अर्थव्यवस्था और रोजगार के दृष्टिकोण से नया आयाम साबित हो रहा है। उन्होने कहा की वनसम्पदा से आच्छदित बालाघाट जिला मधुमक्खी पालन के लिये मुफिद है इस जिले में मधुमक्खी पालन करके शहद उत्पादन कर किसान अपनी आजीविका के श्रोत बढ़ा सकते है। शहद उत्पादन में एफपीओ के माध्यम से किसानों को सरकार द्वारा पूरी मदद करेगी।
मोदी सरकार ने फसलों के दाम दुगना करने का काम किया है। पीएम सम्मान निधि से 11.5 करोड रुपये किसानों के खाते में सिंगल क्लीक से 2.5लाख करोड रुपये दिये है इससे किसानों को खेती के लिए साहूकारों से कर्ज लेने से मुक्ति मिलेगी।

प्राकृतिक और जैविक खेती से जमीन उरर्वकर्ता बरकरार रहती है और प्रदुषण से मुक्ति मिलती है। भारत ने जैविक और प्राकृतिक खेती से उत्पादित सामग्री का 4 लाख करोड़ का निर्यात किया है।

उन्होंने पत्रकारों द्वारा पूछे गये सवाल का जवाब देते हुए स्वीकार किया कि प्रदेश में चारा की कमी है जिसके उत्पादन को बढाने का प्रयास किया जा रहा है।

उन्होने एक सवाल के जवाब में कहा की प्रदेश के प्याज उत्पादकों को प्याज का मूल्य ना मिल पाने के लिये सरकार चिंतित है और उन्हें प्याज की उत्पादन लागत मिल सके इस दिशा में शीघ्र ही उपयुक्त निर्णय लिया जायेगा।

उन्होने पत्रकार वार्ता में कहा की 2000 रुपये के नोटों का प्रचलन बंद किये जाने के निर्णय का देश अर्थव्यवस्था पर कोई प्रतिकूल असर नहीं पडेगा।

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