महादेव का वह मंदिर जहाँ पर मृत व्यक्ति भी कुछ समय के लिए जीवित होता है

महावीर अग्रवाल
मन्दसौर ११ अप्रैल ;अभी तक;  महामंडेस्वर महादेव जिनका मंदिर है देहरादून से 128 किमी दूर लाखामंडल नामक स्थान पर– यह वही स्थान है जहाँ पर पांडवो को लाखामहल बनवा कर कौरवों ने आग लगा कर मारने की कोशिश की थी और बह एक सुरंग से बाहर निकल कर चले गए थे।  इसी के कारण इस स्थान का नाम लाखामंडल पडा यहा से निकल कर पांडवो ने जो मंदिर बनाया था यह बही मंदिर है और महादेव की स्थापना यहा पर युधिष्ठिर ने की थी।
                              यहाँ पर शिव लिंग के सामने दो मूर्ती खडी हुई है जिन मे से एक का हाथ नहीं है। ऐसा क्यो यह अभी तक रहस्य है
पर यहा का जो सबसे बडा रहस्य जो है जिससे समस्त मैडिकल टीम और वैज्ञानिक अचरज में है बह है किसी भी मृत व्यक्ति का यहा पर  जिन्दा हो जाना । जब किसी मृत व्यक्ति के शरीर को शिव लिंग और पुतलों के पास रख कर जब मंदिर के पुजारी पवित्र गंगा जल मृत शरीर पर छिड़कते हैं तो वह आदमी जिन्दा हो जाता है और ईश्वर का नाम लेता है फिर पुजारी उस के मुह मे गंगा जल डालते है उसके बाद उस का शरीर फिर से मृत हो जाता है यहा तक अगर मंदिर के सामने से अगर किसी मृत व्यक्ति को ले जाया जाता है तो मंदिर के सामने पहुचने पर उसके शरीर मे भी हलचल होती है। जिन लोगों को यह इन बातो पर विश्वास नहीं होता वह लोग भी और वैज्ञानिक भी यह सब चमत्कार अपनी आखों से देखने जाते हैं और जब वह सब अपनी आखों के सामने देखते हैं तो अचरज में पड़ जाते है कि आखिर ऐसा कैसे संभव होता है । और इस के अलावा जिस के यहाँ संतान नहीं होती बह मनोकामना मे यहाँ पर पूरी होती हैं ।