महावीर अग्रवाल
मन्दसौर, २० मार्च , अभीतक । श्री दिगम्बर जैन महावीर जिनालय जनकूपुरा मंदसौर मंे चल रहे श्री सिद्धचक्र महामण्डल विधान व विश्व सोख्य महा महोत्सव का आयोजन पूज्य मुनि श्री प्रशमसागरजी महाराज, साध्यसागरजी महाराज, संयतसागरजी महाराज व शीलसागरजी महाराज के सानिध्य में अजमेरा परिवार द्वारा भव्य रूप से किया जा रहा है।
महोत्सव के चौथे दिवस मुनिश्री प्रशमसागरजी महाराज ने प्रवचन में कहा कि मनुष्य का पूरा जीवन दौड़ते-दौड़ते निकल जाता है परन्तु कहीं भी शांति और संतुष्टि नहीं मिलती है। भगवान जिनेन्द्र की सम्यक भावों से की गई पूजा भक्ति ही देव, मनुष्य तिर्यंच और नरक गति से मुक्ति दिला सकती है। हम मुस्कुराते हुए कोमल पुष्प की तरह अपना जीवन बनाएं जो खुशबू बिखेर कर अपना अस्तित्व मिटा देता है। सच्चा भक्त सम्यक भाव से प्रभु के दर्शन कर कर्मों का परिमार्जन करता है। उन्होंने कहा कि सहज परिणति से जीना प्रारंभ करे, तो ही जीवन सार्थक होगा।
पूज्य मुनि श्री साध्यसागरजी महाराज ने धर्मालुजनों को संबोधित करते हुए कहा कि जिन जीवों के पुण्य का उदयकाल चल रहा है वे ही घण्टों तक जिनालय में बैठकर सिद्ध भगवन्तों की आराधना कर रहे है। आपने कहा कि वे श्रावक धन्य व पुण्यशाली है जो प्रातःकाल की बेला में जल कलश से जिनेन्द्र देव का अभिषेक, शांतिधारा कर अष्ट द्रव्य से विधान की पूजन कर रहे है। कषाय मंद करने से पूण्य में अभिवृद्धि होती है।
यह जानकारी देते हुए डॉ चंदा भरत कोठारी ने बताया कि प्रवचन के साथ ही आर्यिकारत्न श्री पूर्णमति माताजी द्वारा रचित विधान पूजन के 64 अर्ध्य श्री अभयकुमार सुनिता अजमेरा द्वारा समर्पित किए गए। खचाखच भरे मंदिर परिसर में अत्यन्त भक्ति उत्साह के साथ समाजजनों ने नृत्य करते हुए सिद्ध भगवान की आराधना की। जाप्य आहुति श्री पवन कुमार सुधीर अजमेरा द्वारा दी गई। मुनिश्री के पाद पक्षालन श्री अशोक कुमार कैलाशचन्द्र अजमेरा ने किए। शास्त्र भेंट श्रीमती संतोषदेवी सुषमा अजमेरा ने किये। प्रारंभ में मंगलाचरण मुनिश्री शीलसागरजी द्वारा गया गया। पं. विजयकुमार गांधी व आनंद जैन शास्त्री ने पूजन सम्पन्न कराई। शांतिधारा का लाभ सर्वश्री भंवरलाल प्रकाश कासलीवाल भीलवाड़ा, संयम मनोज सोनी भीलवाड़ा, चन्द्रप्रकाश भैंसा झालावाड़, डॉ. वीरेन्द्र गांधी मंदसौर तथा श्रीमती संपतबाई पाटनी जमुनिया कला ने प्राप्त किया।
इस अवसर पर सकल दिगम्बर जैन समाज अध्यक्ष श्री अजय कुमार बाकलीवाल, श्री शांतिलाल बड़जात्या, राजकुमार गोधा, चन्द्रकुमार पाटनी, कनक पंचोली, अशोक पाटनी, दिनेश बाकलीवाल, कीर्ति सेठी, शशि मिण्डा, विशाल गोदावत, जवाहरलाल जैन, शांतिलाल जैन आदि बड़ी संख्या में समाजजन उपस्थित थे। संचालन पं. श्री अरविन्द जैन ने किया, आभार जिनालय अध्यक्ष जयकुमार बड़जात्या ने माना।