प्रदेश
युग परिवर्तन की बेला में हम सब मिलकर साथ चलें मध्यप्रदेश शिक्षक संघ प्रांतीय कार्यकारिणी की बैठक संपन्न
महावीर अग्रवाल
मन्दसौर , भोपाल ३ अप्रैल ;अभी तक; हम शिक्षकों को अपनी ताकत बढ़ानी है। जब शिक्षक संघ शासन के समक्ष कोई बात रखता है और विभागों में फाइलें चलती है तो एक अधिकारी समर्थन करता है और दो विरोध करते हैं। हमारी मांग है कि, जब अधिकारी एवं सरकार कोई नीतिगत निर्णय लें तो उस बैठक में शिक्षक संघ के पदाधिकारियों या शिक्षक संघ की ओर से अधिकृत विशेषज्ञ शिक्षकों को भी आमंत्रित किया जाये। मध्य प्रदेश शिक्षक संघ ने चतुर्थ समयमान वेतनमान/ क्रमोन्नति के लिए स्कूल शिक्षा विभाग, आयुक्त लोक शिक्षण, शिक्षा मंत्री, आयुक्त राज्य शिक्षा केंद्र व अन्य को अलग-अलग चार पत्र दिए तब जाकर समयमान वेतनमान मिला। शिक्षक संघ के प्रयासों से ही 4% डीए मिला। उच्च पद प्रभार की प्रक्रिया में भाग लेना स्वैच्छिक करवाया। अधिकारियों एवं शासन ने हमें आश्वस्त किया है कि, आने वाले समय में हमें क्रमोन्नति भी मिलेगी और छूटे हुए नाम जोड़कर उच्च पद का प्रभार भी मिलेगा। बकाया 4% डीए भी मिलेगा। 30 जून में सेवानिवृत होने वाले शिक्षकों को वेतन वृद्धि का लाभ दिलाने डीपीआई से चर्चा की जाएगी ।शिक्षक विरोधी मानसिकता के अधिकारियों की वरिष्ठ कार्यालयों से रवानगी करवाएंगे। उक्त आशय की जानकारी मध्यप्रदेश शिक्षक संघ की 28 एवं 29 मार्च 2024 में भोपाल के वनवासी कल्याण आश्रम, एमपी नगर जोन -एक में आयोजित बैठक में प्रांताध्यक्ष डॉ क्षत्रवीर सिंह राठौर द्वारा दी गई।
चार सत्रों में आयोजित बैठक अखिल भारतीय पदाधिकारी राष्ट्रीय संगठन मंत्री महेंद्र कपूर, अतिरिक्त महामंत्री संजय राउत, हमारा विद्यालय हमारा तीर्थ आयाम के अ.भा.सह प्रमुख लछीराम इंगले,प्रांतीय संगठन मंत्री हिम्मतसिंह जैन, सह संगठन मंत्री हीरालाल तिरोले व राजीव शर्मा की उपस्थिति एवं प्रांतीय अध्यक्ष छत्रवीरसिंह राठौर की अध्यक्षता में संपन्न हुई।
प्रथम सत्र में सरस्वती पूजन, सरस्वती वंदना एवं संगठन मंत्र से बैठक प्रारंभ हुई । प्रांत सह कार्यवाह हेमंत सेठिया ने अपने उद्बोधन में संगठन के माध्यम से राष्ट्र निर्माण में शिक्षकों की भूमिका पर प्रकाश डाला। उन्होंने संघ के शताब्दी वर्ष कार्यक्रम में पंच परिवर्तन जिसमें मुख्य तत्व समरसता, कुटुंब, पर्यावरण,स्व के भाव को हर क्षेत्र में अंगीकार करना, स्वरोजगार के संकल्प को धरातल पर ले जाने हेतु प्रेरित किया।
द्वितीय सत्र में सभी संभागों के संभागीय एवं जिला पदाधिकारियों ने शिक्षकों की समस्याएं प्रांतीय कार्यकारिणी के समक्ष रखीं जिसमें शिक्षकों को पूरा ग्रीष्म अवकाश देने अथवा नान वोकेशनल करने,जिला शिक्षा केन्द्रों की प्रतिनियुक्तियां 3 वर्ष से अधिक न रखने, उच्च पद प्रभार में छूटे नाम सम्मिलित करने, लंबित पेंशन प्रकरण, निजी व्यय पर प्रशिक्षितों को दो वेतन वृद्धियाँ, राज्य शिक्षा केंद्र के अनियोजित आदेश, अर्जित अवकाश, डुप्लीकेट सर्विस बुक, सर्विस में वरिष्ठता के आधार पर पदोन्नतियां, गणवेश, साइकिल, पाठ्य पुस्तकों का सत्र के आरंभ में ही वितरण,नवीन संवर्ग को नियुक्ति दिनांक से वरिष्ठता, नवीन शिक्षक संवर्ग को ग्रेच्युटी,चौथी क्रमोन्नति का स्पष्ट आदेश, तृतीय चतुर्थ श्रेणी के लिए आहरण वितरण अधिकारियों को स्पष्ट आदेश, ट्राइबल में स्नातक के विषयों में स्नातकोत्तर करने वाले को ही उच्च पद प्रभार की पात्रता, ट्राइबल में उच्च पद प्रभार की प्रक्रिया प्रारंभ करवाने, राज्य शिक्षा केंद्र के अधिकारियों की मनमानी रोकने,शिक्षा विभाग के आदेश सामान्य प्रशासन एवं वित्त विभाग की सहमति के बाद ही जारी करवाने, एसएमसी के पैसे निकालने में आने वाली कठिनाइयां, ऑनलाइन भुगतान के लिए शिक्षकों को प्रशिक्षण, ट्राइबल में राष्ट्रीय एवं राज्य स्तरीय पुरस्कार प्राप्त शिक्षकों को आउट आफ् टर्म प्रमोशन का प्रावधान करवाने, बिना छत्तीसगढ़ की सहमति मध्यप्रदेश के पेंशनरों की डी आर स्वीकृत करने,प्रांतीय नेतृत्व में रामलला के दर्शनों की योजना बनाने, क्रमोन्नति, नियुक्ति दिनांक से वेतन वृद्धि आदि के सामान्य आदेश करवाने जिसके लिए शिक्षकों को कोर्ट जाना पड़ता है, 1 वर्ष पूर्व की 5वीं 8वीं बोर्ड परीक्षा की मार्कशीटों की अब तक अप्राप्ति आदि बातें रखी गई साथ ही पितृत्व मातृत्व अवकाश की तरह आश्रित परिजनों के निधन पर 15 दिन का विशेष संवेदना अवकाश एवं संतान पालन अवकाश की तरह आश्रित बुजुर्गों के बीमार पड़ने पर उनकी चिकित्सा एवं सेवा के लिये 365 दिन के बुजुर्ग सेवा अवकाश की मांग सरकार के समक्ष रखने का आग्रह किया, बैठक में प्रांतीय कमेटी के नेतृत्व में रामलला के दर्शन के लिए पूरे मध्यप्रदेश शिक्षक संघ के पदाधिकारी एक साथ अयोध्या प्रस्थान करें,इसका पूरे सदन ने ऊँ ध्वनि से स्वागत किया।
भोजन अवकाश के बाद तृतीय सत्र के प्रारंभ में राष्ट्रीय संगठन मंत्री महेंद्र कपूर ने सभी पदाधिकारियों से 15 दिन में शिक्षा, शिक्षक और समाज हित के लिए संकुल स्तर पर कलस्टर योजना का खाका प्रस्तुत करते हुए संकुल स्तरीय मंडल कलस्टर समितियां बनाने का आव्हान किया। उन्होंने कहा कि पूरे भारत में इस योजना के क्रियान्वयन से एक लाख मंडल क्लस्टर के आधार पर 16 लाख स्कूलों तक हमारी पहुंच हो जाएगी।आप विकासखंड स्तर पर बैठकर हर संकुल स्तरीय मंडल कलस्टर योजना के लिए एक प्रभारी की नियुक्ति करें। हर संकुल में 6 से 8 विद्यालयों के बीच एक मंडल क्लस्टर बनाना है जिसमें एक संयोजक एवं दो सह संयोजक रखे जाऐं और इनमें कम से कम एक महिला को अवश्य रखा जाना चाहिए। 15 मई के बाद खंड स्तर पर प्रशिक्षणों की योजना बनानी है। राज्य के पांच संगठन मंत्री इस रचना को केंद्रीय भूत करने के लिए पूरे प्रदेश में प्रवास करेंगे। बैठक में अब कलस्टर स्तर पर ही आय के स्रोत, योजनाएं एवं आंदोलन की रूपरेखा तय होगी। प्रांतीय महामंत्री राकेश गुप्ता ने 28 मार्च को प्रांतीय कार्यकारिणी की बैठक के निर्णयों से अवगत कराते हुए बताया कि नवनिर्वाचित कार्यकारिणी का शपथ ग्रहण समारोह 17 जून के बाद रखा जाएगा। सितंबर माह में दायित्व मुक्त एवं सेवानिवृत पदाधिकारियों का सम्मान किया जाएगा। 14 -15 एवं 16 सितंबर 2024 को ओंकारेश्वर में प्रांतीय अभ्यास वर्ग का आयोजन होगा। 8 -9 जून को दो दिवसीय विमर्श कार्यशाला का आयोजन भोपाल में किया जाएगा। अगली प्रांतीय बैठक मंदसौर में होगी जिसके समय की सूचना पृथक से दी जावेगी। बैठक में अनेक जिलों से अपेक्षित पदाधिकारीयों की अनुपस्थिति पर निर्णय लिया गया कि इस बैठक से लगातार तीन बैठकों में अपेक्षित पदाधिकारीयों के उपस्थित नहीं होने पर पद से पृथक करने के निर्णय के लिए प्रांतीय कार्यकारणी स्वतंत्र रहेगी।
इसी सत्र में क्षेत्रीय प्रचारक स्वप्निल कुलकर्णी ने अपना पाथेय प्रदान किया।उन्होंने कहा कि, हम संघ से संचालित नहीं बल्कि उसकी राष्ट्रीय विचारधारा से प्रेरित स्वतंत्र इकाई हैं। अपने जीवन का एक हिस्सा विचार है। हम अपने सकारात्मक विचारों से भारत बदल सकते हैं। सत्ता समाज को नहीं बदल सकती लेकिन समाज सत्ता को बदल सकता है। हमें विचार करना है एक मानव के नाते मेरा कर्तव्य मेरा कार्य क्या है? एक मां की गलती से बेटा बिगड़ता है पर एक शिक्षक की गलती से छात्र देशद्रोही भी बन सकता है।
बैठक के अंतिम सत्र में प्रांत अध्यक्ष ने सभी पदाधिकारियों को बैठकों के लिए आवश्यक निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि बैठकों में जो अपेक्षित वही उपस्थित हों। बैठकों में अल्पाहार से पूर्व पहुंचे। शिक्षक संघ की सदस्यता बढ़ाने पर विचार करें। शिक्षक संघ को प्रभावी बनाने कार्य करें।चुनाव के बाद अधिकारी बैठक बुलाएंगे।शिक्षक संघ प्रथम पंक्ति में हो ऐसा प्रयास करें। युग परिवर्तन की इस बेला में हम सब साथ चले।
बैठक के अंतिम उद्बोधन में अखिल भारतीय संगठन मंत्री महेंद्र कपूर ने भी बैठकों के आयोजन एवं कार्यकर्ताओं के संबंध में पदाधिकारियों को आवश्यक निर्देश दिए।उन्होंने कहा हम 5 सालों में भी 50 सालों के बराबर काम कर सकते हैं। पदों की मांग करने वाले हमारी विचारधारा के लोग नहीं हैं। बैठकों में समय पर पहुंचे एवं आपस में बात ना करें। बैठक में अनावश्यक व्यय न करें।मालाओं एवं उपहार की जगह अतिथियों को पुस्तकें भेंट कर सकते हैं।लेकिन उपहार देना बंद करें।हमें वैसा बनना है जो समाज के लिए उपयोगी हो। अध्यक्ष या मुख्य अतिथि से एक बत्ती का दीपक जलवाएं। पूजन हेतु केवल सरस्वती की फोटो या प्रतिमा पर्याप्त है। बैठक सरस्वती वंदना से प्रारंभ एवं कल्याण मंत्र से समाप्त हो। सबसे अंत में वंदे मातरम का पूर्ण गायन करें। हर जिले की नियमित बैठकें हों।हर स्तर पर एक टोली का गठन करें जो समन्वय से आगे बढ़े।ज्ञापन देने हमेशा अध्यक्ष या सचिव के नेतृत्व में जाएं ना कि अकेले। बैठकों में जो अपेक्षित हैं वही आएं। हर कार्यकर्ता प्रवासी है। अनौपचारिक प्रवास करें।अखिल भारतीय संगठन एवं प्रदेश संगठन अलग-अलग नहीं हैं। सशक्त समाज व एक राष्ट्र के रूप में विकास करने एवं सुसंस्कृत होने के लिए कर्तव्य बोध का गुण नागरिकों में प्रस्फुटित होना जरूरी है।कर्तव्य बोध कार्यक्रम प्रदेश के सभी 55 जिलों में सामाजिक आंदोलन की तरह चलाया जाना चाहिए। जिससे समाज के सभी वर्ग इससे जुड़ सकें। कर्तव्य बोध, गुरु बंदन ,वर्ष प्रतिपदा, जन जागरण हमारे अनिवार्य एवं राष्ट्रीय कार्यक्रम हैं। इनके अलावा हम प्रांत स्तर पर गुरु छाया,प्रदेश अधिवेशन, प्रदेश,जिले व विकासखंड स्तर पर 4 से 6 बैठकें एवं विचारों की शुद्धता के लिए अभ्यास वर्ग कार्यक्रम आयोजित करते हैं। इस अवसर पर संगठन को और सक्रियता देने के लिए महेंद्र कपूर जी ने ग्वालियर एवं चंबल संभाग का संगठन मंत्री गुना से दिनेश शर्मा के नाम की घोषणा की।
कार्यक्रम के अंत में शिक्षक संघ को पूर्ण कालिक समय देने के लिए प्रांतीय संगठन मंत्री हिम्मत सिंह जैन, प्रांतीय सह संगठन मंत्री हीरालाल तिरोले, सह संगठन मंत्री राजीव शर्मा एवं प्रांतीय आडीटर उमाशंकर अग्रवाल का महेंद्र कपूर जी द्वारा शाल श्रीफल से सम्मान किया गया। इस अवसर पर प्रांत संगठन मंत्री हिम्मत सिंह जैन के शासकीय सेवा से निवृत होने पर उनके द्वारा शैक्षिक मंथन पत्रिका हेतु 21 हजार रुपए की मंगलराशि भेंट करने के निर्णय को धन्यवाद ज्ञापित किया गया।बैठकों का संचालन प्रांतिय महामंत्री राकेश गुप्ता एवं कल्याण मंत्र से प्रांतीय उपाध्यक्ष महेंद्र जैन ने समापन किया।