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रूपचांद आराधना भवन में धूमधाम से जैन शासन का 2577वां स्थापना दिवस मनाया

महावीर अग्रवाल 

मन्दसौर २ मई ;अभी तक;  जैन ग्रंथों के अनुसार जैन धर्म भगवान आदिनाथ के समय से प्रचलन में आया और यहीं से तीर्थंकर परम्परा भी शुरू हुई। भगवान आदिनाथ प्रथम तीर्थंकर हुए। भगवान महावीर जो 24वें तीर्थंकर हुए उनसे पहले चतुर्विद संघ नहीं थां चतुर्विद संघ में श्रावक श्राविका तथा साधु साध्वी होते है। भगवान महावीर को जब केवल ज्ञान हुआ उसके बाद आपने समोशरण में वेशना दी और उसके बाद कई महिलाओं ने दीक्षा ग्रहण की ओर साध्वी बनी। जिससे जैन समाज चतुर्विद संघ से परिपूर्ण हो गया। भगवान महावीर ने उसी समय वैशाख सुद ग्यारस को जैन शासन की स्थापना की जो हर वर्ष जैन समाज द्वारा मनाया जाता है।
                            इस वर्ष आदिनाथ श्री संघ, रूपचांद आराधना भवन में परम पूज्य साध्वी श्री मोक्षज्योतिजी म.सा. की निश्रा में जैन ध्वज फहराकर यह 2577वां पावन दिवस मनाया गया। इस अवसर पर वैलजी भाई, योगगुरू सुरेन्द्र जैन, दिलीप डांगी, सुरेश नाहटा, प्रमोद जैन, पारस जैन, राजेश पोरवाल, पारस छाजेड़, छोटेलाल जैन, डॉ. कुचेरिया और समाज की सभी महिलाओं ने भाग लिया।

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