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रेत खदान प्रारंभ नही सकरिया मे रेत का अवैध डंप हुआ चालू, खनिज विभाग की मिली भगत से जिले मे चल रहा रेत का अवैध कारोबार

दीपक शर्मा

पन्ना १९ अप्रैल ;अभी तक; खनिज विभाग की मिली भगत से जिले मे विगत डेढ वर्ष से रेत का अवैध कारोबार चरमी सीमा पर चल रहा है। अजयगढ क्षेत्र मे प्रतिदिन सैकडो ट्रक डम्फर तथा ट्रैक्टर चल रहें है। जबकी इस क्षेत्र मे अवैध रूप से अभी तक एक भी रेत खदान को स्वीकृति नही मिली है।

                                  विगत दिसम्बर माह मे युफोरियो मिनरल्स भोपाल के नाम अजयगढ क्षेत्र मे रेत खदाने चौबिस करोड की राशि मे स्वीकृत हुई थी लेकिन संबंधित कंपनी को अभी तक पर्यावरण तथा अन्य स्वीकृतियां न मिलने के चलतें अधिकृत रूप से अधिपत्य खदान संचालन के लिए नही दिया गया है। लेकिन क्षेत्र मे अवैध रूप से रेत का खनन लगातार जारी है। सूत्रो द्वारा यह बताया गया है कि जानमान ठेकेदार वैधानिक रूप से उक्त खदानो को लेना ही नही चाहता क्योकि बिना शासकीय स्वीकृति के ही अवैध रूप से पूरे क्षेत्र मे रेत का उत्खनन इन्ही के साठ गाठ से चल रहा है। जिसमें जिला प्रशासन तथा खनिज विभाग शामिल है। खनिज अधिकारी द्वारा अवैध रेत के खिलाफ कोई बडी कार्यवाही नही की गई है। सबसे अहम बात यह है कि जिले मे एक भी अधिकृत रेत खदान नही है। उसके बावजूद व्याप्क स्तर पर रेत का उत्खनन एवं परिवहन नदी घाटो से अनवरत चल रहा है।

अब तो जिला मुख्यालय से 10 किलोमीटर दूर पन्ना सतना रोड पर सकरिया मे रेत का डंप प्रारंभ हो गया है। जिसमें सैकडो ट्रक रेत एकत्रित करके वर्षात मे बेंचने के लिए रख ली गई है। महत्वपूर्ण पहेलू यह है कि पन्ना जिले मे वैध रेत खदान न होने के बावजूद डंप की स्वीकृति किस नियम के तहत दी गई है। यह बडा सवाल उठ रहा है। ज्ञात हो कि पूर्व मे पन्ना जिले की रेत खदानो का ठेका वर्ष 2020 मे रशमित मलहोत्रा ठेकेदार को लगभग 31 करोड की राशि मे दिया गया था। लेकिन उस समय भी मलहोत्रा द्वारा एक वर्ष के अन्दर ही पचासो करोड की रेत एकत्रित की गईं तथा आधी अधूरी राजस्व राशि जमा कर खदान को बंद दर्शाया गया था। उसके बाद अवैध रूप से रेत का उत्खनन इनके द्वारा किया जाता रहा तथा सकरिया मे डंप बनाकर हजारो ट्रक रेत का विक्रय किया गया। उक्त मामला पूरे प्रदेश मे उठा जिसको लेकर पूर्व मुख्यमंत्री दिग्गविजय सिंह ने पन्ना जिले का भ्रमण किया था तथा अजयगढ क्षेत्र मे हुए व्याप्क स्तर पर अवैध रेत उत्खनन को लेकर लोकायुक्त मे भी मामला दर्ज करवाया गया था। जिसके परिणाम स्वरूप उक्त ठेकेदार ने काम बंद कर दिया था तथा रातोरात डंप की गई रेत भी बेच दी थी एवं कुछ महिनो उक्त अवैध रेत का कारोबार बंद हो गया था। लेकिन फिर से सत्ता संरक्षण मे रेत का अवैध कारोबार प्रारंभ हुआ और वह वर्तमान समय मे अनवरत जारी है।

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