वृत्ती कर संस्था पर नहीं व्यक्ति की आय पर लगता है इसलिए स्कूल इस क्राइटेरिया में नहीं आते -चन्द्रे
महावीर अग्रवाल
मन्दसौर २७ मार्च ;अभी तक; प्रत्येक वेतनभोगी व्यक्ति जो काम करता है और मासिक आय अर्जित करता है वह अपनी कमाई का एक निश्चित हिस्सा पेशेवर कर के रूप में संबंधित राज्य सरकारों को भुगतान करने के लिए उत्तरदायी होता है। यह कर जिसे अक्सर पी टैक्स कहा जाता है किसी व्यक्ति की वेतन पर्ची में भी दिखाई देता है। क्योंकि राज्य सरकार ने इस करधन की मात्रा तय करती है। मध्य प्रदेश में 18750रूपये वेतन प्राप्त करने वाले को कोई प्रोफेशनल टैक्स जमा नहीं करना पड़ता इससे अधिक आय प्राप्त करने वाला नियमानुसार कर देने के लिए जिम्मेदार है, किंतु यह व्यक्ति की आय पर ही है। इसलिए कर स्लैब भारत में विभिन्न राज्यों के बीच विभिन्न होती है। स्वरोजगार चलाने वाले व्यक्तियों जैसे चार्टर्ड अकाउंटेंट, डॉक्टर, वकील और अन्य को भी इस कर को वहन करना होता है।
उक्त विचार व्यक्त करते हुए अशासकीय शिक्षण संस्था जिला मंदसौर के संरक्षक एवं शिक्षाविद रमेशचन्द्र चन्द्रे ने कहा कि अभी हाल ही में मंदसौर जिले की शिक्षा अधिकारी को वाणिज्य कर अधिकारी द्वारा एक पत्र जारी किया गया, जिसमें जिले के स्कूलों से प्रोफेशनल टैक्स जमा करने का आदेश है तथा जिला शिक्षा अधिकारी ने भी इस पत्र के संदर्भ में एक पत्र दिनांक 26-3-23 को जारी किया है जो पूर्णतः कानून के विरुद्ध है।
इसलिए श्री चन्द्रे ने मांग की है कि इस आदेश को तुरंत वापस लिया जावे और मंदसौर जिले के स्कूलों से आग्रह करते हुए कहा है कि इस प्रकार का कोई शुल्क वाणिज्य कर विभाग के निर्देश पर जमा नहीं करें और यदि विभाग द्वारा किसी प्रकार का समन जारी हो अथवा जिला शिक्षा अधिकारी के द्वारा कोई दबाव बनाया जाता है तो उसको कठोरता के साथ अस्वीकार कर दें और आवश्यकता पडने पर वरिष्ठ अधिकारियों को तथा शिक्षा मंत्री एवं वाणिज्य कर मंत्री को अपने-अपने बैनर अथवा व्यक्तिगत रूप से शिकायत कर इस आदेश का विरोध करें।