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श्रीमद् भागवत कथा के तृतीय दिवस प.पू. महामण्डलेश्वर श्री उत्तम स्वामीजी ने कहा मन को नियंत्रित रखे, अपने कर्तव्यों के पालन पर ध्यान दे

महावीर अग्रवाल 

मन्दसौर १९ दिसंबर ;अभी तक;  गर्ग (केडिया) व काबरा परिवार के तत्वावधान में दिनांक 17 दिसम्बर से 23 दिसम्बर तक रूद्राक्ष माहेश्वरी धर्मशाला में सात दिवसीय श्रीमद् भागवत कथा (ज्ञान गंगा महोत्सव) का आयेाजन किया जा रहा हैं । व्यासपीठ पर विराजित होकर महर्षि महामण्डलेश्वर श्री उत्तमस्वामी प्रतिदिन दोप. 1 से सायं 5 बजे तक धर्मालुजनों को भागवत कथा श्रवण करा रहे है। रामगोपालजी प्रहलादजी, महेश काबरा परिवार, सत्यनारायणजी, हरिश, महेश, रम्मू गर्ग (केडिया), कुंदनमलजी, प्रहलाद, ब्रह्मप्रकाश, पियूष गर्ग (केडिया) परिवार के द्वारा यह श्रीमद् भागवत कथा का आयोजन किया जा रहा है। इस आयोजन में हजारों की संख्या में धर्मालुजन परम पूज्य श्री उत्तमस्वामीजी के मुखारविंद से भागवत कथा श्रवण करने हेतु पहुंच रहे है।

                        मंगलवार को श्रीमद् भागवत कथा के तृतीय दिवस प.पू. श्री उत्तमस्वामीजी ने धर्मसभा में कहा कि मनुष्य को अपने मन को नियंत्रित रखना चाहिये और मन को प्रभु के चरणों में लगाना चाहिये। मन को प्रभु भक्ति में लगाने से ही आत्मकल्याण संभव है। आपने कहा कि मनुष्य का मन बड़ा चंचल होता है मन को काबु में रखना जरूरी है। पूरा संसार मन पर आधारित है इसलिये जीवन में मन को पवित्र रखिये और उसमें ईश्वर की भक्ति को सबसे ज्यादा महत्व दीजिए।

प.पू. श्री  उत्तमस्वामीजी ने यह भी कहा कि श्रीमद् भागवत में सुखदेवजी राजा परीक्षित को कहते है कि आप अपने मन से मृत्यु का भय निकाल दीजिये और मैं कौन हू और किसलिये संसार में आया हूॅ। इसका चिंतन कीजिये। राजा परीक्षित की भांति हमें भी यही चिंतन मन में करना चाहिये। आपने कहा कि मनुष्य को अपने कर्तव्य का चिंतन जरूर करना चाहिये। धन कमाने के अलावा भी हमारा कर्तव्य है उसे पूरा करने का प्रयत्न हमें करना चाहिये।
प.पू. श्री उत्तमस्वामीजी ने कहा कि श्रीमद् भागवत प्रभु की कृपा करने का माध्यम बन सकती है। भागवतजी की कृपा होगी तो ईश्वर की कृपा स्वयं ही हो जायेगी। संसार में हमें जो धन वैभव मिलता है यह सब ईश्वर की कृपा से है। टोने टोटके से केवल मन को बहलाया जा सकता है ईश्वर को नहीं। मैं कभी भी भागवत कथा में टोने टोटके नहीं बताता हूॅ। मैं केवल भागवत की कृपा को मानता हूॅ और उसी का संदेश आपको देने आया हूॅ। आपने कहा कि जिस प्रकार कर्जदार आकर लेनदार से वसूली करके ले जाता है। उसी प्रकार मृत्यु तो एक न एक दिन आनी है, इसलिये मृत्यु से डरे नहीं बल्कि जीवन में अपने कर्तव्यों के पालन पर ध्यान दे।
प.पू. श्री उत्तमस्वामीजी ने कहा कि हमें लोगो की निंदा करने व सुनने में आनंद नहीं आना चाहिये। यदि ईश्वर की  कृपा हम पर हो जायेगी तो फिर किसी के कृपा की जरूरत नहीं पड़ेगी। आपने कहा कि मुख की शोभा राम कृष्ण का नाम लेने में कान, की शोभा कथा श्रवण करने में ही है। निंदा करने व सुनने में नहीं है। हमें प्रतिदिन प्रभु का अपने मन में चिंतन करना चाहिये। ईश्वर को स्मरण करने में हमें समय लगाना चाहिये।
महामण्डलेश्वर श्री उत्तमस्वामीजी ने कहा कि राजा परिक्षित ने भी 7 दिवस तक सुखदेवजी से भागवत कथा श्रवण कर अपना मन प्रभुजी की भक्ति में लगाय और मोक्ष पाया। हमें उनसे प्रेरणा लेनी चाहिये। आपने कहा कि श्रीमद् भागवत परमात्मा की कृपा प्राप्त करने का साधन बन सकती है। भागवत सहज है, सरल है। ईश्वर की उपासना का मार्ग बताती है। आपने कहा कि संसार में सुख व दुख दोनों है। ऐसा कोई मनुष्य नहीं जिसे कभी दुख अनुभव न हुआ हो। जन्म से लेकर मृत्यु तक कई बार ऐसे क्षण आते है जब हमें दुख का अनुभव होता है। केवल परमात्मा का ध्यान ही हमें सच्चा सुख दे सकता है। मंगलवार की कथा में प.पू. श्री उत्तम स्वामीजी ने श्रीमद् भागवत कथा में सुखदेव राजा परिक्षित संवाद, संसार की उत्पत्ति, मनु शत्रुपा जन्म के साथ ही कई अन्य पात्रों का भी वर्णन किया।
विशिष्ठ अतिथियों ने  पौथी पूजन किया- तृतीय दिवस की कथा के शुभारंभ अवसर पर पूर्व विधायक श्री यशपालसिंह सिसौदिया, समाजसेवी व उद्योगपति श्री प्रदीप गनेड़ीवाल, श्री विशाल गोयल, श्री मोहन मेघनानी ने भागवत पौथी का पूजन किया।
इन्होनंे भी किया पौथी पूजन- मंगलवार को भागवत कथा के तृतीय दिवस गर्ग (केडिया) व काबरा परिवार के आमंत्रण पर पधारे कई अन्य अतिथिगणों ने भी भागवत पौथी का पूजन किया। मध्यप्रदेश संस्कृत बोर्ड के अध्यक्ष भरत बैरागी, समाजसेवी संजय अवस्थी इन्दौर, संजीव दुबे सागर, ओम जैन उज्जैन, विमल बंसल प्रतापगढ़, पप्पूभाई माहेश्वरी बांसवाड़ा, प्रतीक माहेश्वरी नासीक, भुवानसिंह चौहान गुजरबर्डिया, जगदीश कन्नोज धार, भगवतीप्रसाद शिधे बड़वानी, भागीरथ कुशवाह बड़वानी, सुनील अग्रवाल उज्जैन, सियाराम बैरागी उज्जैन, विजय सुराणा दलौदा, समाजसेवी कारूलाल सोनी, सौरभ मालपानी दिल्ली, वरूण अजमेरा, सुभाष नवाल भीलवाड़ा, डॉ. सुमंगला जयपुर, कृष्णकुमार माहेश्वरी आदि ने भागवत पौथी का पूजन किया और संतश्री का स्वागत कर उनसे आशीर्वाद प्राप्त किया।
अग्रवाल समाज, माहेश्वरी समाज व वैश्य महासम्मेलन ने श्री उत्तम स्वामीजी का स्वागत किया- काबरा, गर्ग (केडिया) परिवार के आग्रह पर भागवत कथा श्रवण करने पधारे अग्रवाल समाज, माहेश्वरी समाज, वैश्य महासम्मेलन के पदाधिकारियों व सदस्यों ने कथा के तृतीय दिवस परम पूज्य महर्षि महामण्डलेश्वर श्री उत्तम स्वामीजी का शाल ओढ़ाकर व श्रीफल भेंटकर स्वागत किया। अग्रवाल समाज की ओर से आशीष गुप्ता, नरेन्द्र अग्रवाल, नन्दकिशोर अग्रवाल, प्रो. अशोक अग्रवाल, दिलीप अग्रवाल, माहेश्वरी समाज की ओर से महेश सोमानी, गोपाल पसारी, सत्यनारायण छापरवाल, कृष्णचन्द्र चिचानी, रमेश काबरा व माहेश्वरी समाज ट्रस्ट के सदस्यों ने स्वागत किया। वैश्य महासम्मेलन के जगदीश चौधरी, जगदीश अग्रवाल, दाउभाई विजयवर्गीय, नरेन्द्र अग्रवाल, रमेश काबरा आदि ने शाल, श्रीफल भेंटकर महामण्डलेश्वर श्री उत्तम स्वामीजी का स्वागत किया। संचालन वरिष्ठ पत्रकार श्री ब्रजेश जोशी व श्री संजय लोढ़ा ने किया।
आज श्री कृष्ण जन्मोत्सव मनाया जायेगा- आज दिनांक 20 दिसम्बर, बुधवार को भागवतकथा में भगवान श्री कृष्ण का जन्मोत्सव मनाया जायेगा। परम पूज्य श्री उत्तमस्वामीजी अपने मुखारविन्द से भगवान श्री कृष्ण के जन्म का वृतान्त धर्मालुजनों को श्रवण करायेंगे। गर्ग (केडिया) व काबरा परिवार ने सभी धर्मालुजनों से इस अवसर पर कथा श्रवण में पधारने का अनुरोध किया है।

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