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सकल वाल्मिकी समाज और वीर मातादीन अंबेडकर सेना के द्वारा विशाल चल समारोह निकाला गया

महावीर अग्रवाल 

मन्दसौर १५ अप्रैल ;अभी तक;  सकल वाल्मीकि समाज एवं वीर माता दिन अंबेडकर सेना मंदसौर के तत्वाधान में सिम्बोल ऑफ नॉलेज, भारत रत्न, दलितों के मसीहा बाबा साहब  डॉ. भीमराव अंबेडकर की 133वीं जन्म जयंती बड़े ही हर्षाेउल्लास और धूमधाम से गांधी चौराहा स्थित भार्गव मांगलिक भवन में मनाई गई।
                           डॉ. अम्बेडकर जयंती के सायंकाल एक विशाल चल समारोह निकाला गया। जिसमें  आकर्षण का केंद्र थे डीजे, ढोल धमाके एवं झांकियां सम्मिलित थी। साथ ही महिलाएं लाल हरी चुनरी और पुरुष व्हाइट कुर्ते ड्रेस में दो की कतार बनाए हुए क्रमबद्ध तरीके से बाबा साहब के नीले झंडे लेकर चल रहे थे।
सबसे पहले वाल्मीकि समाज के आराध्य देव श्याम बाबा ओटले पर हार फूल माला अर्पण कर पूजा पाठ कर चल समारोह शुरू हुआ।  जिसमें बड़ी संख्या में महिलाएं बच्चे समाज के वरिष्ठ गण एवं युवासाथी शामिल हुए। यह चल समारोह गांधी चौराहा से प्रारंभ होकर दया मंदिर रोड होते हुए घंटाघर से भारत माता चौराहा , बस स्टेंड, अंबेडकर चौराहा पर आया एवं वहां पर बाबा साहब की प्रतिमा पर मातृशक्ति द्वारा माल्यार्पण किया गया एवं उधम सिंह चौराहा होते हुए गांधी चौराहा पर समापन हुआ जिसमें चल समारोह का समाज के भाई बंधुओं की तरफ से अलग-अलग स्वागत सत्कार हुआ और आइस्क्रीम ,रसना और ठंडे पानी की व्यवस्था की गई साथ ही चल समारोह पर ड्रोन से भी पुष्प  बरसाए गए। चल समारोह का समापन गांधी चौराहे पर हुआ तत्पश्चात मंच का कार्यक्रम प्रारंभ हुआ।
मंच पर मुख्य अतिथि के रूप में राजाराम तंवर, मुकेश चनाल, नरेश परमार, ईश्वरलाल गोसर, घीसालाल केशरिया, गंगाराम परमार, भेरुलाल ससलोद, बाबूलाल केसरिया, जीवन गोसर, सागरमल खेरालिया, बसंत परमार, प्रकाश तंवर, जगदीश सलोद तथा विशिष्ठ अतिथि रमेश मकवाना, शांतिलाल दलोर, मनोहर तंवर, इन्दरमल परमार, रामचन्द्र रील, शांतिलाल झांझोठ, श्यामलाल चनाल, जीवन तंवर, बाबुलाल अठवाल, श्यामलाल केसरिया, प्रकाश कल्याणे, मिट्ठुलाल पंडित, जगदीश चनाल, बाबुलाल चनाल, शांतिलाल भैरवे, रोडमल सरताज, चान्दमल दलौर, प्रकाश डागर (बैंक), आनन्द तंवर, महेश भैरुया (आरटीओ), शिवलाल पथरोड, संदीप सलौद, विक्रम भैरवा (पार्षद), किशोर तंवर, प्रकाश सलोद, श्यामलाल लवोदिया, मनोहरु धवन, रामचन्द्र लोट, राजेन्द्र चनाल, जुगलकिशोर परमार, विष्णु चनाल, अजय हंस, विष्णु मकवाना, नाहरु खोखर, भेरुलाल झांझोट, दिलीप चनाल, दयाराम हंस, अशोक सलोद, घीसालाल आदिवाल, सुरेश गोसर, रामचन्द्र फतरोड़, विनोद दलोर, सुरेश लोट, राजू चण्डालिया, कमल लोट, राजेश गौसर, बाबुलाल बोयत, चत्रालाल कण्डारे, कैलरा पटवाना, मुन्ना पटवाना, रवि डागर खानपुरा, भारत चौहान, किरण (पप्पू) चनाल, गोवर्धन हंस, राजेश भण्डवाल, उमेश छपरी, विनोद फतरोड, दीपक परमार सतीश बालोदा, महेश डागर, मंगल हंस, मनोहर हंस, राजेश परमार, राकेश फतरोड़, मनोहर फतरोड़ (शेखाचौक), संजय घावरी, जीवन मकवाना, जीवन कोड़ावत, महेश कोड़ावत, श्याम बोडावत, शिवलाल कोडावत, अशोक तंवर, अशोक बनाल, दिनेश तंवर, ओमप्रकाश तंवर, शेखर तंवर, अरुण डगले, राजेश नन्दवानिया, सुन्दर कल्याणे, भग्मु भण्डवाल, सुनील (पप्पू) रील, जितेन्द्र बनाल, संतोष गौसर, आकाश गैंगरा (इंजी.), शांतिलाल सरताज, प्रकाश भण्डारी, विकाश बोरीवाल, रवि डागर देहलीगेट, राकेश नकवाल, राजेश भट्ट, एप्यु बनाल, बाबुलाल लोट, जीवन तंवर (बांगरोद वाले), नन्दू कल्याणे, विक्रम कल्याणे, मनोज चनाल, विजय तंवर, ब्रिजेश मकवाना, नाहरु कण्डारे, सुनील (जोन) फतरोड़, अर्जुन खोसार, राजू घारु, मनीष घारू, विजय पण्डित, कुलदीप धावरी, किशन घारु, मोहित जादू, रणजीत खोखर (महाराज), शैलेन्द्र भट्ट, सुरेन्द्र कल्याणे, अशोक भण्डारी उपस्थित थे। अध्यक्षता वीर मातादीन अम्बेडकर सेना, मन्दसौर के संस्थापक विनोद खेरालिया ने की।
कार्यक्रम की शुरुआत बाबा साहब और तथागत गौतम बुद्ध की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर दीप प्रज्ज्वलित किया गया और भीम वंदना श्रीमती शिवानी लोट के द्वारा गाई गई जिसके पश्चात, नस तरंग वादक लिम्का बुक में नाम दर्ज वाल्मिकी समाज का गौरव नीमच के वरिष्ठ समाज सेवी मनीराम फतरोड़ ने शानदार प्रस्तुति दी  और खूब सारी तालिया आपके सम्मान में एवं समाज को एकता के सूत्र में बंधे रहने को कहा तत्पश्चात उनका समिति की ओर से श्रीफल शाल से स्वागत किया गया। मातादिन अंबेडकर सेना के जिला अध्यक्ष थानसिंह घावरी ने अतिथियों का स्वागत भाषण दिया और सभी को बाबा साहब भीमराव की 133 वी जन्म जयंती के अवसर पर बधाइयां एवं शुभकामनाएं दी।
इस अवसर पर समाज के प्रथम नागरिक राजाराम तंवर ने अपने उद्बोधन में कहा की समाज को एक माला में रहने की जरूरत है समाज में हमें एक होकर समाज को आगे बढ़ाने की जरूरत है हमें किसी की बातों में ना कर समाज को सही दिशा और प्रगति के रास्ते पर ले जाना चाहिए आपने इस अवसर पर वीर मातादिन अंबेडकर सेना की भी प्रशंसा की और कहा कि वीर मातादीन अंबेडकर सेना समाज हित में सदैव अग्रसर खड़ी है और समाज  के विकास के लिए पूरी लगन और तन मन धन से समाज की उन्नति के लिए हमेशा तत्पर है ।
मातादिन अंबेडकर सेना के संस्थापक विनोद खेरालिया ने कहा कि बाबा साहब ने जो हमें आरक्षण दिया है उसका हमें सही इस्तेमाल करना चाहिए हमें हमारे बच्चों को सही ज्ञान और शिक्षा देना चाहिए ताकि वह बाबा साहब के दिए हुए आरक्षण का अर्थ समझ सके और संविधान को समझ सकें आपने कहा की  बाबा साहब ने अपना पूरा परिवार न्योछावर कर दिया और हमें विश्व का सबसे मजबूत मजबूत संविधान बना कर दिया है जिसमें सभी के लिए समान अधिकार हैं।
वीर मातादिन अंबेडकर सेना के संरक्षक पवन दलोर ने भी मातादीन मेहतर के इतिहास बारे में संक्षिप्त में बताया कि 1857 की क्रांति की ज्योत जलाने वाले वीर शहीद मातादिन मेहतर थे जो ब्रिटिश शासन में एक सैनिक के रूप में गोला बारूद कारखाने के सुपरवाइजर थे आप कुश्ती में पारंगत थे और रुस्तमे हिंद  का खिताब आपने जीत रखा था लेकिन दुर्भाग्यवर्ष आप दलित समाज होने के कारण छुआछूत के शिकार हुए और मंगल पांडे से दोस्ती होने के बाद उसे जब पता चला कि मंगल पांडे को आप दलित समाज से हैं तो आपसे पानी पीने के कारण आपसे वाद विवाद हुआ और जब मातदिन मंगल पाण्डे को बताते है कि जो बंदूक का कारतूस आप मुंह से छीलते हो वो कारतूस पर सुवर और गाय की चर्बी लगी होती है जिसके कारण सैनिक विद्रोह हो जाता है तत्पश्चात आपको इस विद्रोह का मेन विद्रोही बताकर सर्वप्रथम कोलकाता के बैरागढ़ जेल में छावनी के अंदर मंगल पांडे से पहले फांसी की सजा दी गई थी।
चेतनदास गानछेड़ ने अपने उद्बोधन में कहा कि हमें बाबा साहब के दिए हुए संविधान में शिक्षा प्राप्त करने का अधिकार है एवं शिक्षा के बारे में उन्होंने विस्तृत रूप से बताया कि हमें हमारे बच्चों को अच्छी शिक्षा देना चाहिए ताकि वह भविष्य में उन्नति और प्रगति कर सकें आपने हमें शिक्षा के बारे में कई नियम बताएं जिसमें आरटीई के तहत निशुल्क शिक्षक प्राप्त करने का अधिकार होता है जिसमें गरीब तबके के परिवार अपने बच्चों को अच्छे से अच्छे प्राइवेट स्कूलों में भर्ती करा सकें और उन्हे अच्छी शिक्षा दिला सके । इस अवसर पर पटेल मुकेश चनाल ने भी बाबा साहब के जीवन पर प्रकाश डाला। संचालन जगदीश व सतीश खैरालिया ने किया व आभार चौधरी नरेश परमार ने माना।

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