सभी बगीचों में मंदिर बन जाएंगे, तो बच्चे कहां खेलेंगे

  *रमेशचन्द्र चन्द्रे*
 मंदसौर ३ मई ;अभी तक;     मंदसौर नगर की करीब 95 प्रतिशत कॉलोनियों के बगीचों में मंदिरों का निर्माण कर दिया गया है, जाहिर है इस कार्य में नगरपालिका की और नेताओं की मूक सहमति प्राप्त होती है।
        अनेक कॉलोनीयां ऐसी है जिसमें एक से अधिक बगीचे हैं किंतु हर बगीचे में मंदिर बनाए गए हैं।
        यहां यह भी चिंता का विषय है कि उक्त मंदिरों में अनेक की स्थिति यह है कि एक ही पुजारी तीन-तीन  मंदिरों में पूजा करते हैं क्योंकि किसी एक मंदिर की आय से पुजारी का पोषण तक नहीं हो पाता है ।
        मंदिर सामाजिक चेतना का केंद्र बनना चाहिए किंतु अनेक मंदिर केवल पूजा पाठ तक सीमित है वहां पर किसी भी प्रकार के सामाजिक धार्मिक कार्य अच्छे स्तर से संपन्न नहीं होते हैं।
        इसलिए नगर के सक्षम वर्ग एवं शासन प्रशासन को इस महत्वपूर्ण पहलू पर ध्यान देना चाहिए।
         यह भी सत्य है कि समाज में धर्म और संस्कृति के विकास के लिए मंदिरों की स्थापना आवश्यक है किंतु इस प्रकार मंदिरों की बढ़ती हुई संख्या के कारण उनकी अवमानना की स्थिति भी उत्पन्न हो सकती है, इसलिए मंदिरों की मर्यादा एवं प्रतिष्ठा कायम रह सके इस दृष्टि से विचार करते हुए नगर की कॉलोनियों में इनकी और अधिक स्थापना पर नियंत्रण संबंधी विचार किया जाना चाहिए तथा जो मंदिर निर्मित हो चुके हैं उनके समुचित प्रबंधन एवं प्रबंध कारिणी समिति की उपयोगिता तथा सक्रियता एवं जवाबदेही को कानून की सीमा में लाना चाहिए।