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सांप्रदायिक सद्भाव की मिसाल पेश करने वाले खंडवा के अकबर ताज मंसूरी को भी अयोध्या से बुलावा आया

मयंक शर्मा
खंडवा ९ जनवरी ;अभी तक;  पूरे देश में अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण को लेकर जश्न का माहौल है। इस बीच सांप्रदायिक सद्भाव की मिसाल पेश करने वाले खंडवा के अकबर ताज मंसूरी को भी अयोध्या से बुलावा आया है। उन्हें 14 जनवरी को विशेष प्रस्तुति के लिए बुलाया गया है। प्रभु श्री राम को लेकर उनके इस प्रेम को देखकर जगद्गुरु संत रामभद्राचार्य ने 14 जनवरी को अयोध्या में होने वाले विशेष आयोजन में प्रस्तुति देने के लिए अकबर ताज को आमंत्रित किया है।

अयोध्या में प्रभु श्री राम के प्राण प्रतिष्ठा समारोह की धूम है। ऐसे में हर कोई राममय नजर आ रहा है। वहीं मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम से न केवल सनानत धर्म के अनुयायी बल्कि मुस्लिम समुदाय के लोग भी प्रभावित हैं। मध्य प्रदेश के खंडवा जिला मुख्यालय से 15 किलोमीटर दूर बसे ग्राम हापला.दीपला के एक मुस्लिम कवि अकबर ताज मंसूरी को अयोध्या में अपनी रचनाएं पढ़ने के लिए बुलाया गया है। अकबर ताज मंसूरी दृष्टिहीन हैं लेकिन अपनी रचनाओं के जरिए देशभर में श्रीराम के चरित्र का गुणगान करते हैं। वे कहते हैं कि भगवान श्रीराम सबके हैं। उनका अवतार मानव जाति की भलाई के लिए हुआ था।

44 वर्षीय आंखों से दिव्यांग कवि को अयोध्या में हो रहे प्राण.प्रतिष्ठा समारोह के विशेष आयोजन के दौरान अपनी प्रस्तुति देने का निमंत्रण मिला है। खास बात यह है कि यह कवि अकबर ताज मंसूरी एक मुस्लिम है। मुस्लिम होकर भी अपनी रचनाओं के जरिए ये प्रभु श्री राम के चरित्र का गुणगान करते हैं। अपनी रचनाओं में अकबर लिखते हैं.
बनारस की सुबह वाले हैंए अवध की शाम वाले हैं।
हम ही सुजलाम वाले हैंए हम सुफलाम वाले हैं।
वजू करते हैं पांचों वक्त हम गंगा के पानी सेए
तुम्हारे ही नहीं श्रीरामए हम भी राम वाले हैं।

 


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