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स्टैंडर्ड प्रमाण पत्र मिलने से जिला चिकित्सालय सिर्फ कागज में विश्वसनीय हुआ, अगर सेवाये बेहतर तो फिर मरिज क्यो होते है रेफर-श्री भाटी

महावीर अग्रवाल 

मंदसौर ९ दिसंबर ;अभी तक;  जिला चिकित्सालय की व्यवस्थाये हमेशा से ही सवालो के घेरे में रही है। आम नागरिक छोटी मोटी स्वास्थ्य समस्यायो के इलाज के लिये अस्पताल पहुंचते है लेकिन उन्हें समुचित स्वास्थ्य सेवाये मिलने की बजाय उन्हें इंदौर या उदयपुर सहित बाहर रेफर कर दिया जाता है। मंदसौर जिला चिकित्सालय में स्वास्थ्य सेवाओ को सुधारने की बजाय मंदसौर जिला चिकित्सालय को नेशनल क्वालिटी एश्योरेंस स्टैण्डर्ड  प्रमाण पत्र मिलने पर हर्ष प्रकट करना समझ से परे है। प्रत्येक मंदसौरवासी चाहता है कि जिला चिकित्सालय मंदसौर की व्यवस्था धरातल पर मजबूत हो लेकिन जिला चिकित्सालय सिर्फ कागज में पास होकर प्रबंधन अपनी पीठ थपथपा रहा है।
यह बात जिला कांग्रेस प्रभारी महामंत्री एवं प्रवक्ता सुरेश भाटी ने कही। उन्होनें कहा कि मंदसौर प्रतिदिन मंदसौर जिला चिकित्सालय से अनेक मरिज मामूली बीमारियो एवं छोटी मोटी स्वास्थ्य समस्याओ के निराकरण नही होने पर उन्हें रेफर कर दिया जाता है या फिर उन्हें बाहर अन्य अस्पतालो में इलाज हेतु सजेस किया जाता है। मंदसौर जिला चिकित्सालय में इक्का दुक्का डॉक्टर ही अपने दायित्वो का सही प्रकार से पालन करते हुये मरिजो को स्वास्थ्य सेवाये दे रहे है। मंदसौर सीविल अस्पताल में मरिजो को मुफत जांचो का लाभ नही मिल पाता है और ना ही समय पर इलाज। यह हालात कई सालो से मंदसौर जिला चिकित्सालय में बने हुये है।
श्री भाटी ने मंदसौर जिला चिकित्सालय को स्टैडर्ड प्रमाण पत्र मिलने पर आश्चर्य प्रकट करने के साथ ही अस्पताल प्रबंधन को शुभकामनाये देते हुये उन्हें कागज में जो तय मापदंड के आधार पर मार्किग मिली है उन्हें धरातल पर उतारने का कार्य करे। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी के साथ ही जिला चिकित्सालय के सीविल सर्जन भले ही अपनी पीठ स्टैंडर्ड प्रमाण पत्र मिलने पर अपनी पीठ थपथपाये लेकिन जब तक मंदसौर नगर सहित जिले वासियो की ओर से अच्छी स्वास्थ्य सेवाओ के प्रति संतुष्टी भाव नही आयेगा तब तक यह प्रमाण पत्र हथेली पर हाथी दिखाने वाला ही कहा जा सकता है।

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