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स्विगी इंस्टामार्ट और फार्मईज़ी की संभावित साझेदारी पर एआईओसीडी द्वारा ड्रग कंट्रोलर को पत्र लिखकर गहरी चिंता व्यक्त की

महावीर अग्रवाल 

मन्दसौर ७ नवंबर ;अभी तक ;   ऑल इंडिया ऑर्गेनाइजेशन ऑफ केमिस्ट्स एंड ड्रगिस्ट्स के जिला अध्यक्ष मनीष चौधरी, सचिव पंकज सुराणा व कोषाध्यक्ष आशीष जैन ने बताया कि ऑल इंडिया ऑर्गेनाइजेशन ऑफ केमिस्ट्स एंड ड्रगिस्ट्स के 12.40 लाख सदस्य, देश भर में दवाओं के वितरण और स्वास्थ्य सेवा की गुणवत्ता को बनाए रखने में प्रतिबद्ध है , संस्था ने हाल ही में स्विगी इंस्टामार्ट और फार्मईज़ी के बीच डार्क स्टोर्स के माध्यम से 10 मिनट में दवाइयाँ वितरित करने के लिए हो रही कथित साझेदारी को लेकर गहरी चिंता व्यक्त की हैं।
                                               एआईओसीडी ने भारत के डीसीजीआई को एक पत्र लिखकर कहा है कि यह कदम भारतीय कानून के तहत निर्धारित मानकों के खिलाफ है और इससे स्वास्थ्य एवं सुरक्षा से जुड़े कई गंभीर खतरे पैदा हो सकते हैं।
                                  इसकी संभावित गंभीरता की जानकारी देते हुए एआईओसीडी के अध्यक्ष जे.एस शिंदे और महासचिव राजीव सिंघल ने बताया कि इसमें हमारी निम्न मुख्य चिंताएँ है जिसे हमने सीडीएससीओ के समक्ष रखा है जिसमें कानूनों का उल्लंघन भारत में दवाओं के वितरण के लिए कड़े नियम बने हुए हैं जो रोगी सुरक्षा सुनिश्चित करते हैं। इस साझेदारी में उचित पर्चे की जांच और रोगी की पहचान जैसे महत्वपूर्ण मानकों की अनदेखी की आशंका है, जिससे आम नागरिकों के स्वास्थ्य को खतरा हो सकता है।
                                एंटी-माइक्रोबियल प्रतिरोध (एएमआर)रू सरकार द्वारा एएमआर के खतरे से निपटने के लिए किए जा रहे प्रयासों के बावजूद, ई-फार्मेसी के अनियंत्रित संचालन से इस समस्या में और वृद्धि होने का डर है। इस प्रकार की साझेदारियाँ एएमआर से लड़ने के प्रयासों को कमजोर करती हैं।
                                 फार्मईज़ी के साथ जोखिम भरी साझेदारीरू फार्मईज़ी, जो स्वयं विनियामक उल्लंघनों के कारण कई कानूनी मामलों में उलझा हुआ है, के साथ इस तरह की साझेदारी स्विगी के लिए भी कानूनी और विनियामक जोखिम बढ़ा सकती है।
                                   गुणवत्ता और रोगी सुरक्षा से समझौतारू अल्ट्रा-फास्ट डिलीवरी मॉडल के चलते एक्सपायर या नकली दवाइयों की संभावना बढ़ सकती है, जो रोगी सुरक्षा के लिए हानिकारक है। इस प्रकार के मॉडल में आवश्यक गुणवत्ता मानकों का पालन संभव नहीं हो पाता।
                                 एआईओसीडी का मानना है कि ऐसी साझेदारियाँ न केवल कानूनी रूप से, बल्कि जनता के स्वास्थ्य और सुरक्षा की दृष्टि से भी चिंता का विषय हैं। हम सरकार से आग्रह करते हैं कि इन मुद्दों की गहनता से समीक्षा करें और सभी आवश्यक कदम उठाए ताकि देश के नागरिकों को सुरक्षित और विश्वसनीय स्वास्थ्य सेवाएं प्राप्त हो सकें।
                                         एआईओसीडी पारंपरिक केमिस्टों की भूमिका को बरकरार रखने के लिए प्रतिबद्ध है और जनता की सुरक्षा के लिए किसी भी संभावित खतरे का सदैव विरोध करता रहेगा।

 


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