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पृथक बुंदेलखंड राज्य के गठन को लेकर बुंदेलखंड निर्माण मोर्चा ‘ने सात सांसदों को चूड़ियाँ, बिंदी, पैरों में लगाने वाला महावर और काले झंडे नई दिल्ली भेजे
पुष्पेंद्र सिंह
टीकमगढ़ 24 दिसंबर ;अभीतक पृथक बुंदेलखंड राज्य के गठन को लेकर पिछले दो दशक से भी अधिक समय से संघर्ष करते आ रहे, ‘बुंदेलखंड निर्माण मोर्चा ‘ने रविवार को उत्तरप्रदेश और मध्यप्रदेश के कुछ जिलों को मिलाकर पृथक बुंदेलखंड राज्य के गठन में, अपने आश्वासन के वावजूद सहयोग नहीं करने से नाराज ,उक्त जिलों के संसदीय क्षेत्र के सात सांसदों को चूड़ियाँ, बिंदी, पैरों में लगाने वाला महावर और काले झंडे लिफाफे में रखकर, रजिस्टर्ड डाक से नईदिल्ली भेजे हैं!
मोर्चा के अध्यक्ष भानु सहाय ने बताया कि उन सात सांसदों में झाँसी के,अनुराग शर्मा, टीकमगढ़ के बीरेंद्र कुमार, खजुराहो के विष्णु दत्त शर्मा, सागर सांसद राजबहादुर सिंह,भिंड से संध्या राय, जालौन और बाँदा संसदीय क्षेत्र से क्रमशः भानु सहाय, और आर के पटेल शामिल हैं
मोर्चा प्रमुख ने बताया कि जबकि हमीरपुर सांसद पुष्पेंद्र सिंह चंदेल ने लोकसभा में पृथक बुंदेलखंड राज्य के गठन के सम्बन्ध में प्रस्ताव पेश किया है उनकी पहल सराहनीय है। भानु सहाय ने कहा है कि यदि उन सातों सांसदों ने भी उस प्रस्ताव का समर्थन किया होता तो राज्य के निर्माण की प्रक्रिया आगे बढ़ सकती थी लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया जिसका खामियाजा उन्हें वर्ष 2024 के आगामी चुनाव में भुगतना पड़ेगा!
भानु सहाय ने कहा कि वर्ष 2014के लोकसभा चुनाव के दौरान झाँसी क्षेत्र से चुनाव लड़ रहीं उमा भारती, ने और उनके समर्थन में प्रचार के दौरान राजनाथ सिंह, नरेंद्र मोदी ने तीन साल में इसके गठन का वादा किया था!उन्होंने बताया कि इनके अलावा अमित शाह ने तो यहाँ तक कहा था कि यदि बुंदेलखंड में अवैध खनन पर रोक लग जाये तो हर बुंदेली नागरिक को एक मारुती कार मिल जायगी, मोर्चा।
अध्यक्ष सहाय ने कहा कि ऐसा झूठ बोलकर अमित शाह ने बुंदेलखंड के लोगों को ठेस पहुंचाई थी!झाँसी में एक कार्यक्रम आयोजित करके मोर्चा ने उक्त सांसदों को भेजे लिफाफे पर अपना आक्रोश यह लिखकर व्यक्त किया कि “जो बुंदेलखंड का नहीं वो किसी काम का नहीं “उन्होंने कहा कि उन सांसदों ने बुंदेलखंड की शौर्य गाथा को नकार कर खून पतला होने की कहावत को चरितार्थ किया है!उन्होंने दोहराया कि अगले चुनाव में बीजेपी का विरोध किया जायेगा!