प्रदेश

27 अप्रैल से कान्हा टाईगर रिजर्व में तीन दिनों की इंटरनेशनल वाईल्ड लाईफ कांफ्रेंस

आनंद ताम्रकार

बालाघाट  24 अप्रैल ;अभी तक;

मध्यप्रदेश में वानिकी अनुसंधान के 100 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में 27 से 29 अप्रैल तक कान्हा टाईगर रिजर्व में इंटरनेशनल वाईल्ड लाईफ कान्फ्रेंन्स का आयोजन किया जायेगा। वन विभाग एवं राज्य वन अनुसंधान संस्थान जबलपुर के संयुक्त तत्वावधान में ” वन्य जीव संरक्षण : उभरता परिदृश्य एवं भावी रणनीति” विषय पर आयोजित तीन दिनों की इस काफ्रेंस में प्रख्यात वन्य जीव विशेषज्ञ पद्म भूषण डॉ. एच एस पवार तथा अमेरिका, यूरोप, दक्षिण अफ्रीका, नामीबिया आदि देशों से अंतर्राष्ट्रीय ख्याति लब्ध वन्य जीव विशेषज्ञ शामिल होंगे।
                             राज्य वन अनुसंधान संस्थान जबलपुर के उपसंचालक एवं विभागाध्यक्ष रविन्द्र मणि त्रिपाठी के अनुसार तीन दिनों की इस इंटरनेशनल वाईल्ड लाईफ कांफ्रेंस का शुभारंभ मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान 27 अप्रैल को दोपहर 12 बजे कान्हा टाइगर रिजर्व मंडला में करेंगे। श्री त्रिपाठी के मुताबिक इंटरनेशनल वाईल्ड लाईफ कांफ्रेंस का आयोजन मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा 27 मार्च 2022 को नर्मदापुरम में की गई घोषणा के परिपालन में किया जा रहा है।
                          कांफ्रेंस में वन्यप्राणी प्रबंधन, संरक्षण एवं पुनर्वास तथा प्रदेश और देश में एक आदर्श पारिस्थितिक संतुलन बनाने के लिए विशेषज्ञों, शोधकर्ता और वानिकी पेशेवरों द्वारा वन्यजीव जनसंख्या प्रबंधन, वन्यजीव आवास पारिस्थितिकी, वन्यजीव नीति के मुद्दे एवं चुनौतियॉं तथा मानव वन्यजीव संघर्ष और श्मन उपाय जैसे तकनीकी विषयों पर शोधपत्र एवं वक्तव्य प्रस्तुत किये जायेंगे। जिनेके निष्कर्षों पर वन्यप्राणी प्रबंधन, संरक्षण, पुनर्वास पर भविष्य की रणनीतियॉं और नीतियॉं तय की जायेंगी।
                           उल्लेखनीय है कि मध्य प्रदेश राज्य को ” भारत का हृदय” के रूप में भी जाना जाता है। मध्यप्रदेश देश के मध्य में स्थित है, जिसका कुल भौगोलिक क्षेत्र 3,08,252 वर्ग किमी है। मध्य प्रदेश में 94,689 वर्ग किमी के वन क्षेत्र है, जिसमें से 61.886 वर्ग किमी वन आरक्षित वनों की श्रेणी में आता है। 31.098 वर्ग किमी को संरक्षित वन के रूप में वर्गीकृत किया गया है और 1.705 वर्ग किसी गैर-वर्गीकृत वन है। इस राज्य को पच्चीस वन्यजीव अभयारण्यों और दस राष्ट्रीय उद्यानों के साथ देश के वन्यजीव राज्य के रूप में भी जाना जाता है।
प्रदेश में वर्तमान में 06 टाइगर रिजर्व, 11 राष्ट्रीय उद्यान एवं 24 अभ्यारण्य मौजूद हैं। प्रदेश के पन्ना टाइगर रिजर्व में बाघ पुनर्स्थापना कार्यक्रम को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर ख्याति प्राप्त हुई है। मध्य प्रदेश ने भारत के वन्यजीव संरक्षण कार्यक्रमों में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। जब वर्तमान में कई वन्यप्राणियों की प्रजातियों की संख्या घट रही है, मध्यप्रदेश को देश की सबसे बड़ी बाघ की आबादी होने का गौरव प्राप्त है। देश के भीतर इस प्रदेश में तेंदुओं की संख्या सबसे अधिक है और यह संकटग्रस्त गिद्धों और स्थानिक मगरमच्छ घडियाल की आबादी को भी आश्रय देता है।
                               मध्यप्रदेश ने लुप्तप्राय बारासिंघा की आबादी को सफलतापूर्वक बढ़ाने का एक अग्रणी कार्य किया है और भारतीय बाइसन (गौर) के पुनः प्रजनन में सफल रहा है। इस प्रकार मध्यप्रदेश वन विभाग पिछले कई वर्षों से वन्यप्राणियों के लिए प्राकृतिक व्यवस्था और आवास की रक्षा कर रहा है। हाल ही में मध्यप्रदेश के कुनों-पालपुर राष्ट्रीय उद्यान में चीता को फिर से बसाने की महत्वाकांक्षी परियोजना शुरू की गई है।  प्रधान मंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी द्वारा अंतर- महाद्वीपीय जंगली चीतों के पुनर्वास कार्यक्रम का शुभारंभ किया गया है। इस गौरवमयी उपलब्धि में मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान का मार्गदर्शन एवं योगदान अत्यंत महत्वपूर्ण रहा है।

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