40 गांव के अतिक्रमणकारियों ने तीर-कमान समेत सभी हथियार पुलिस-प्रशासन के सामने रखकर आत्मसमर्पण किया

मयंक शर्मा

खंडवा 28 मार्च ;अभी तक;  खंडवा  वन वृत के  बुरहानपुर जिले के घाघरला और उसके आसपास के 40 गांवों के ग्रामीणों ने पुलिस-प्रशासन के सामने तीर और गोफन रखकर आत्मसमर्पण किया है। यह सभी वन अतिक्रमणकारी हैं जो घाघरला के जंगलों को काटकर अतिक्रमण कर रहे थे। जब भी वन विभाग और पुलिस का अमला कटाई रोकने जंगल जाता, उन पर यह अतिक्रमणकारी तीर और गोफन से हमला करते। पिछले दो-तीन महीने से गतिरोध बना हुआ था। एक बार तो वन चैकी तक लूट ली गई थी। अब वन अतिक्रमणकारियों ने पुलिस-प्रशासन के साथ मिलकर जंगल को बचाने की कसम खाई है।

बुरहानपुर एसपी राहुल कुमार ने बताया कि घाघरला के वन अतिक्रमणकारियों ने वीडियो जारी किया है। उन्होंने अपने तीर-कमान डाल दिए हैं। अब वे कहीं अतिक्रमण करने नहीं जाएंगे। इसके साथ ही तीर-कमान से किसी पर हमला भी नहीं करेंगे। इसका मतलब यह नहीं है कि सब कुछ खत्म हो गया है। पिछले दिनों अतिक्रमणकारियों के खिलाफ जो केस दर्ज हुए थे, उनमें वैधानिक तरीके से कार्रवाई होगी।  बुरहानपुर के जंगल में जमीन के लिए संघर्ष खत्म हो गया है। चालीस गांव के अतिक्रमणकारियों ने तीर-कमान समेत सभी हथियार डाल दिए हैं। साथ ही अब जंगल बचाने का संकल्प भी लिया है।

ज्ञातव्य है कि  सभी वन अतिक्रमणकारी हैं जो घाघरला के जंगलों को काटकर अतिक्रमण कर रहे थे। जब भी वन विभाग और पुलिस का अमला कटाई रोकने जंगल जाता, उन पर यह अतिक्रमणकारी तीर और गोफन से हमला करते। पिछले दो-तीन महीने से गतिरोध बना हुआ था। एक बार तो वन चैकी तक लूट ली गई थी। जंगलों में आधा दर्जन से अधिक मुठभेड़ की घटना हो चुकी हैं, जहां अतिक्रमणकारियों ने पुलिस और वन विभाग को रोका है। इन वन अतिक्रमणकारियों ने फॉरेस्ट के रेंज ऑफिस तक को घेरकर वन अमले को घायल कर वहां से गिरफ्तार साथियों को छुड़ा लिया था। इसके बाद पुलिस और वन अमले ने भी अतिक्रमणकारियों के खिलाफ बड़ी कार्रवाई का मन बना लिया था। हालांकि, पुलिस और प्रशासन लगातार समझाइश देने की कोशिश कर रहे थे कि जंगलों में अतिक्रमण न किया जाए। सोमवार को घाघरला और आसपास के 40 गांवों के सैकड़ों वन अतिक्रमणकारियों ने तीर और गोफन त्यागे और प्रशासन के सामने समर्पण किया है।