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6 अप्रैल भाजपा के स्थापना दिवस पर विशेष- जनसंघ एवं भारतीय जनता पार्टी की स्थापना के मुख्य कारण
-रमेशचन्द्र चन्द्रे
मन्दसौर ५ अप्रैल ;अभी तक; 1948 में महात्मा गांधी की हत्या की झूठी तोहमत लगाकर जवाहरलाल नेहरू ने त.े.े. पर प्रतिबंध लगाया और देश भर में हजारों स्वयंसेवक एवं संघ के पदाधिकारियों को गिरफ्तार कर लिया गया उसके पूर्व भी 1946 मैं मुस्लिम लीग ने कोलकाता में भयानक एवं बर्बरता पूर्ण नरसंहार किया तो भी नेहरू ने हमेशा मुस्लिम लीग का ही पक्ष लिया और इसी मानसिकता का परिचय 1947 के बाद जब वे प्रधानमंत्री बने उस समय श्री श्यामा प्रसाद मुखर्जी जो राजनीति में राष्ट्रवादी एवं सिद्धांतवाद होकर उन्होंने गैर कांग्रेसी हिंदुओं से मिलकर एक कृषक प्रजा पार्टी का गठन किया और इसी कारण श्री नेहरू ने उन्हें अपनी सरकार में मंत्री बनाया था किंतु मुस्लिम लीग की गंदी राजनीति ने बंगाल का वातावरण दूषित कर रखा था और वहां सांप्रदायिक विभाजन तक की नौबत आ गई इस विषय पर जब श्री मुखर्जी ने नेहरू जी से चर्चा की तो उन्होंने बंगाल के हिंदुओं को ही दोषी ठहराया अर्थात लगातार नेहरू की हिंदू विरोधी मानसिकता के कारण और बाद में राष्ट्रीय संघ सेवक संघ पर प्रतिबंध के कारण श्री श्यामाप्रसाद मुखर्जी ने हिंदुओं के प्रति अन्याय के विरुद्ध नेहरू सरकार से अपना त्यागपत्र दे दिया।
जब संघ से प्रतिबंध हटा तो उस समय के सरसंघचालक श्री माधवराव सदाशिव राव गोलवलकर ने संघ के अन्य अधिकारियों से चर्चा की और निष्कर्ष यह निकला कि हिंदुओं के पक्ष में बोलने वाला एक भी राजनीतिक दल सरकार अथवा संसद में नहीं है इसलिए एक ऐसे राजनीतिक दल की स्थापना की जावे जो हिंदू हितों की रक्षा के लिए काम करें और संसद में अपनी बात को दृढ़ता पूर्वक रख सके इसी विचार को लेकर श्री गोलवलकर ने श्यामा प्रसाद मुखर्जी से भेंट की और संघ की अवधारणा बताई और यह कहा कि ऐसे राजनीतिक दल का नेतृत्व आप करें तो हिंदू हितों की रक्षा हो सकती है और पूर्ण विचार विमर्श के पश्चात 21 अक्टूबर 1951 को भारतीय जनसंघ की स्थापना की गई जिसके प्रथम अध्यक्ष श्यामा प्रसाद मुखर्जी और अखिल भारतीय महासचिव पंडित दीनदयाल उपाध्याय को बनाया गया जो उस समय आरएसएस के उत्तर प्रदेश प्रांत के सह प्रांत प्रचारक थे।
चुनाव आयोग द्वारा चुनाव चिन्ह पर दीपक को लेकर अनेक चुनाव लड़े किंतु 26 जून 1975 को श्रीमती इंदिरा गांधी ने आपातकाल लगाकर लोकतंत्र की रक्षा करने वाले भारतीय जनसंघ समाजवादी दल भारतीय लोक दल सहित अनेक हिंदू संगठनों को भी प्रतिबंधित कर उनके नेताओं और कार्यकर्ताओं को जेल में डाल दिया जो 18 से 19 महीने तक देश की विभिन्न जेलों में बंद रहे इसके बाद 1977 में चुनाव की घोषणा की गई जो प्रतिबंधित थे उसमें कुछ नेताओं को छोड़कर मुक्त कर दिया गया।
उस समय के समस्त प्रतिबंधित दलों ने एक जाजम पर आकर इंदिरा गांधी के विरुद्ध शंखनाद का निर्णय लिया और लोकतंत्र की रक्षा के लिए जनता पार्टी का गठन किया परिणामस्वरूप जनता पार्टी की सरकार बनी और 1980 तक यह गठबंधन रहा किंतु 1977 से 1980 तक लोकदल समाजवादी पार्टी कांग्रेस (ओ) मोरारजी देसाई मधु लिमए, राज नारायण, जॉर्ज फर्नांडिस एवं मधु दंडवते और इस जमात में चौधरी चरण सिंह, हेमवती नंदन बहुगुणा एवं जगजीवन राम जैसे लोगों सदैव भारतीय जनसंघ के लोगों पर आपत्तियां लगाते रहे और दोहरी सदस्यता अर्थात जनता पार्टी का कोई भी व्यक्ति राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से संबंध नहीं रखेगा और उसकी शाखा में नहीं जाए। इस विषय को लेकर के विवाद की स्थिति निर्मित की गई लेकिन पं. अटल बिहारी वाजपेई ने कहा की की आरएसएस हमारी मातृ संस्था है और हम इसके लिए राजनीति छोड़ सकते हैं किंतु आरएसएस को नहीं छोड़ सकते इस बयान के बाद विघटन की स्थिति पैदा हुई इस विघटन रोकने के लिए उस समय के लोकनायक श्री जयप्रकाश नारायण ने अस्पताल से डायलिसिस पर रहते हुए भी बहुत प्रयत्न किए।
घटनाक्रम के बाद भारतीय जनसंघ ने इनके साथ काम नहीं करने का निर्णय लिया उस समय भी अनेक जनसंघ नेताओं का सोच था कि अब हमें भारतीय जनसंघ के नाम से ही चुनाव लड़ना चाहिए किंतु अटल बिहारी वाजपेई ने यह कहा यदि हम भारतीय जनसंघ के नाम से चुनाव लड़ेंगे तो जनता में यह संदेश जाएगा की जनता पार्टी तोड़कर जनसंघ अलग हुआ है इसलिए एक नई पार्टी बनाई जानी चाहिए और से 6 अप्रैल 1980 को भारतीय जनता पार्टी की स्थापना की गई तथा 1984 मैं श्रीमती इंदिरा गांधी की हत्या होने से सहानुभूति की लहर के कारण आम चुनाव में भाजपा को केवल 2 सीट मिली इसमें अटल बिहारी वाजपेई और लालकृष्ण आडवाणी जैसे दिग्गज भी चुनाव हार गए किंतु गुजरात प्रांत के मेहसाणा से एके पटेल एवं आंध्र प्रदेश के हनामकोंडा लोकसभा सीट से चिंटू पटिया जंगा रेड्डी चुनाव जीत गए। उसके बाद अटल बिहारी वाजपेई के नेतृत्व में कई गठबंधन की सरकारे बनी किंतु 2014 में भारतीय जनता पार्टी को पूर्ण बहुमत प्राप्त हुआ।
हिंदुओं की रक्षा और राष्ट्रवादी सोच को लेकर भारतीय जनसंघ से लेकर भाजपा तक अब पूर्ण बहुमत की सरकार बना पाई है और अब यदि हिंदुत्व की रक्षा एवं राष्ट्रवादी सोच के अंतर्गत निर्णय लेती है तो इसमें विरोधियों को आपत्ति नहीं करना चाहिए धारा 370 राम मंदिर तीन तलाक एनआरसी जैसे अनेक निर्णय यह राष्ट्रवादी निर्णय है आज 6 अप्रैल को विश्व की सबसे बड़ी राजनीतिक पार्टी भाजपा का स्थापना दिवस है और इस अवसर पर अपनी पार्टी के इतिहास के अनुसार अपने लक्ष्यों पर पार्टी को केंद्रित रहना चाहिए और उसके कार्यकर्ताओं को भी इन लक्ष्यों के प्रति समर्पित रहना चाहिए।