संत पंत ग्रंथ की सोच से ऊपर उठे-मुनि श्री आदित्य सागर जी

महावीर अग्रवाल 

मन्दसौर ११ जुन ;अभी तक;  मुनि श्री आदित्यसागरजी ने रविवार को बक्षी धर्मशाला में हुए प्रवचन में कहा कि कोई भी संत किसी पंथ वाद में विश्वास नहीं करता, संत पथ तो सिर्फ आत्मा के कल्याण का होता है। श्रावकगण संत ,पंथ,व ग्रंथ की विवादित सोच से ऊपर उठ कर स्वयं के हित का मार्ग प्रशस्त करे।
                      मुनि श्री ने कहा हर वस्तु के गुण का निश्चित समय होता है। भगवान महावीर घर में रहते हुए नहीं, घर छोड़कर वंदनीय हुए। उन्होंने कहा जीवन में सच्ची निर्दाेषिता सम्यक्त्व से आती है मिथ्यात्व से नहीं।
                          यह जानकारी देते हुए  मीडिया प्रभारी डॉ चंदा भरत कोठारी ने बताया धर्म सभा के प्रारंभ में मंगलाचरण श्रीमती अर्चना नवीन कोठारी ने प्रस्तुत किया, आचार्य श्री विशुद्ध सागर जी महाराज के चित्र का अनावरण व दीप प्रज्वलन इंदौर से आए श्रद्धालुओं  द्वारा किया गया। शास्त्र भेंट श्रीमती मृदुला बाकलीवाल भीलवाड़ा ने किए।
महावीर जिनालय ट्रस्ट अध्यक्ष जयकुमार बड़जात्या, उपाध्यक्ष महावीर पाटनी व कोषाध्यक्ष अभय अजमेरा, भरत कोठारी,राजकुमार पाटनी,प्रदीप पहाड़िया आदि ने मुनि श्री को श्रीफल भेंट किया।
ट्रस्ट संरक्षक शांतिलाल बड़जात्या ने संबोधित करते हुए बताया आज 12 जून को प्रातः 8.15 बजे मुनि श्री के प्रवचन बीपीएल चौराहा स्थित तार बंगला मंदिर पर होंगे।
डॉ राजकुमार बाकलीवाल व अजय बाकलीवाल ने शहर स्थित प्राचीन आदिनाथ जिनालय पर आगमन का अनुरोध किया। डॉ कोठारी ने बताया धर्म सभा के प्रारंभ में मंगलाचरण अर्चना नवीन कोठारी ने किया संचालन रुनझुन शैंकी पाटनी ने किया।