एकल परिवार में चार रोटी तो बना लोगे बच्चो को चारधाम के संस्कार नही दे पाओगे 

महावीर अग्रवाल
मन्दसौर १२ जून ;अभी तक;   एकल पद्धति के परिवार में चार रोटी तो बना लोगे लेकिन बच्चों को चार धाम के संस्कार नहीं दे पाओगे। बच्चे आज संस्कार विहीन हो रहे हैं ।इसके पीछे सबसे ज्यादा अगर दोषी कोई है तो वह माता-पिता है। हमें विचार करना चाहिए की आवश्यकता है बच्चों को अध्यात्म की तरफ प्रेरित करने की, वे संस्कारित बन जाएंगे।
                       यह बात 108 मुनि श्री आदित्य सागर जी महाराज ने  तार बंगला जैन मंदिर में पत्रकारों से चर्चा करते हुए कही । पत्रकारो से चर्चा के समय मुनि श्री अप्रमित सागर जी एवं मुनि श्री सहज सागर जी भी उपस्थित थे I
                          मुनि श्री आदित्य सागर जी ने कहा कि जैन समाज का सबसे बड़ा महोत्सव पंच कल्याणक महोत्सव होता है ।इसका 13 से 17 जून तक  मंदसौर के अभिनन्दन नगर में अभिनन्दन नाथ दिगम्बर जैन मंदिर में आयोजन हो रहा है, जिसमें पाषाण से प्रतिमा बनाई जाएगी। 5 दिनों तक विभिन्न मंत्रों ,क्रियाओं और सिद्ध स्थलों की मिट्टी के द्वारा पाषाण में प्राण प्रतिष्ठित किए जाएंगे। इस विधि में एक सामान्य मनुष्य से राजा महाराजा और कैसे वह निर्माण को प्राप्त होता है। इसका पूरा मंचन भी किया जाएगा ताकि श्रद्धालु पूरी विधि को समझ सके। इस क्रिया में सबसे पहले पावन तीर्थ की मिट्टी और औषधि से पाषाण की प्रतिमाओं को शुद्ध किया जाता है ।उनके ऊपर मंत्रों का लेखन किया जाता है और अंत में चंद्र कला सूर्य कला के माध्यम से प्रतिष्ठा की जाती है।
                       जैन तीर्थ शिखरजी और पालीताणा पर अतिक्रमण के मुद्दे पर मुनि श्री ने कहा कि मुझे नहीं लगता वहां के रहने वाले लोगों में किसी प्रकार का द्वेष है। वहां के आदिवासी समाज और जैन समाज में वर्षों से आपसी सौहार्द्र है। वहां का आदिवासी समाज ही जैन बंधुओं को शिखर जी की यात्रा कर आता है और जैन बंधु उनका पालन पोषण करते हैं। यह केवल राजनीति है कुछ असामाजिक तत्व कर रहे हैं लेकिन यदि दोनों पक्ष आपस में बैठकर विचार करेंगे तो पूरे विवाद का हल निकल जाएगा।
                             लव जिहाद के मुद्दे पर मुनि श्री ने कहा कि माता पिता इसमें सबसे ज्यादा दोषी है जो अपने बच्चों पर अंधविश्वास करके केवल अपना स्टेटस मेंटेन करने के लिए बाहर पढ़ने के लिए भेज रहे हैं जबकि अपने शहर में भी पढ़ाई हो सकती है लेकिन वह केवल यह बताना चाहते हैं कि मेरा बच्चा बाहर पढ़ रहा है। बच्चों को आध्यात्मिकता को छोड़कर आधुनिकता की तरफ ले जाया जा रहा है ऐसी शिक्षा किस काम की जो उसे संस्कारों से दूर कर रही  है।  माता-पिता को समझना चाहिए कि बच्चों को संस्कार गर्भ से ही दिए जाते हैं। विज्ञान और जैन विज्ञान कहता है बच्चा जब गर्भ में होता है तो वह सुनी हुई बात को एक दिन में ही समझ लेता है। वह बड़ा होता है 10 से 12 वर्ष की आयु में 10 बार पढ़ने के बाद समझता है और इससे और बड़ा होने के बाद 100 बार पढ़ने के बाद समझता है लेकिन बच्चे के जब सबसे ज्यादा समझने की अवस्था होती है गर्भावस्था उस समय माता-पिता ध्यान नहीं देते ।माता मोबाइल में अपना समय व्यतीत करती है लेकिन यह चिंतन नहीं करती कि उसे अपने बच्चे को किस प्रकार का बनाना है।
                               आपने माता-पिता से आव्हान किया कि बच्चों को संस्कारित बनाना है तो उसे गर्भ में ही संस्कार दें ।बड़ा होने के बाद उसे स्कूल के साथ-साथ पाठशाला में भी भेजें ।गुरु के पास लेकर जाएं और माता-पिता स्वयं बच्चों के गुरु और मित्र बन जाए तो बच्चा कभी भी भटकेगा नहीं। आपने बच्चों के संस्कारों से दूर होने के पीछे एकल परिवार  को भी दोषी बताते हुए कहा कि एकल परिवार में महिला चार रोटी तो बना लेगी लेकिन बच्चों को चार धाम के संस्कार नहीं दे पाएगी क्योंकि जो संस्कार बच्चों को संयुक्त परिवार में मिल सकते हैं। वह एकल परिवार में कभी नहीं मिल सकते हैं। इसलिए व्यक्ति को पुनर्विचार करना चाहिए और संयुक्त परिवार को फिर से अपनाना चाहिए। गुरुकुल की परंपरा को फिर से लाना चाहिए बच्चों को संस्कारित करने के लिए हमारी शिक्षा पद्धति को भी बदलना पड़ेगा जीवन पद्धति को भी बदलना पड़ेगा तो बच्चे संस्कारित बनेंगे।
                           हिंदू राष्ट्र को लेकर पूछे गए प्रश्न के जवाब में मुनि श्री ने कहा कि हिंदू राष्ट्र के साथ अहिंसक राष्ट्र बनना जरूरी है क्योंकि जब राम और कृष्ण थे उस समय बूचड़खाने नहीं थे ।आज जीव हत्या रुके इसकी सबसे बड़ी आवश्यकता है। जनसंख्या को लेकर भी आपने स्पष्ट कहा कि अच्छे लोग बड़े उसमें कोई आपत्ति नहीं है लेकिन बुरे लोग कम होना चाहिए। भगवान श्री राम के भी चार भाई थे। उनके पिता दशरथ के दो भाई थे। इस प्रकार अच्छे लोगो के बढ़ने से कोई दिक्कत नही होती।
पत्रकारो से चर्चा के समय पंचकल्याणक महोत्सव समिति के अध्यक्ष श्री शांतिलाल बड़जात्या ,सुरेश जैन, अजय बाकलीवाल ,अजीत बंडी
                              ,अमित जैन उमेश जैन ,महावीर राव का आदि समाज बंधु उपस्थित थे I आरंभ में पत्रकारों ने मुनि श्री को श्रीफल भेंट कर आशीर्वाद प्राप्त किया । समिति द्वारा पत्रकारों का सम्मान किया गया I संचालन आयोजन समिति प्रवक्ता डॉ चंदा कोठारी ने किया तथा आभार श्री कोमल प्रकाश पंछी ने माना ।