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नकली समाजसेवी डा. अमित खरे को छह माह के कारावास की सजा

दीपक शर्मा

पन्ना ९ सितम्बर ;अभी तक ;  पवई विधानसभा क्षेत्र मे अपने आप को समाजसेवी तथा भाजपा का सक्रिय कार्यकर्ता बताने वाले डॉक्टर अमित खरे को एक प्रकरण में सत्र न्यायाधीश आलोक अवस्थी की अदालत ने जबलपुर के बहुचर्चित वेदिका ठाकुर हत्याकांड से जुड़े प्रकरण में तथ्य छिपाने में आरोपित किये गये डा. अमित खरे का दोष सिद्ध पाया गया। इसी के साथ छह माह के कारावास की सजा सुना दी गई। साथ ही दो हजार रुपये का जुर्माना लगाया।

अभियोजन की ओर से प्रभारी लोक अभियोजक अनिल तिवारी ने पक्ष रखा। उन्होंने दलील दी कि आरोपित डा. खरे स्मार्ट सिटी अस्पताल, बेदी नगर का संचालक है। उसने संजीवनी नगर थाना अंतर्गत वेदिका ठाकुर हत्याकांड मामले की चिकित्सकीय रिपोर्ट पेश करने में लापरवाही का परिचय दिया था। उसने यह जानते हुए कि गोली मारकर हत्या का प्रयास किया गया है, गोली चलाने के आरोपित पूर्व भाजपा नेता प्रियांश विश्वकर्मा को लाभ पहुंचाने की मंशा से तथ्य विलोपित किया। चिकित्सकीय साक्ष्य का यह विलोपन अपराध की श्रेणी में आता है। आरोपित ने यह जानते हुए कि वेदिका ठाकुर को गोली लगने से चोट आई है, सूचना पुलिस को देने के लिए वैध रूप से आबद्ध होने के बावजूद सूचना देने के आशय का लोप किया। बाद में गंभीर रूप से घायल वेदिका की मौत हो गई थी। इसी मामले में संबंधित को उक्त सजा से दण्डित किया गया है।

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