अन्याय, अनीति व झूठ बोलकर कमाया गया धन दुख देता है-साध्वी श्री अर्हताश्रीजी

महावीर अग्रवाल
मन्दसौर १२ जुलाई ;अभी तक;  जीवन में हम जो भी व्यापार व्यवसाय करें ईमानदारी से करे। ईमानदारी से कमाया गया धन सुख-समृद्धि व यश देता है। जबकि अन्याय, अनीति व झूठ बोलकर कमाया गया धन कभी भी नहीं टिकता, इसलिये जीवन में शुद्ध तरीके से ईमानदारी से धन कमाओ।
                                          उक्त उद्गार परम पूज्य जैन साध्वी श्री अर्हताश्रीजी म.सा. आदि ठाणा 4 ने चौधरी कॉलोनी स्थित रूपचांद आराधना भवन में धर्मसभा में कहे।आपने बुधवार को धर्मसभा में कहा कि झूठ बोलकर व्यापार व्यवसाय मत करो। कम तोलना, अधिक मुनाफे में वस्तुओं को बेचना, शुद्ध व्यापार की श्रेणी में नहीं आता। इसलिये व्यापार को सच बोलते हुए करो। जितना मुनाफा लेना जरूरी हो वही लो। यही शुद्ध व्यापार हैं । आपने कहा कि प्रभु महावीर ने राजा क्षणिक को पुण्य श्रावक जो कि उच्च कोटि का व्यापारी था उसकी महत्ता बताई है। पुण्य श्रावक व्यापार में कभी झूठ नहीं बोलता था। वह उतना ही कमाता था जितना उसे जरूरत थी। प्रभु महावीर ने ऐसे व्यापारी से प्रेरणा लेने की बात कही है। हमारे घर परिवार में यदि अन्याय, अनीति का धन आता है तो हमारा धर्म में भी मन नहीं लगता है। सामायिक, प्रतिक्रमण की क्रिया करने बैठते है तो मन नहीं लगता है, इसलिये सत्यता ईमानदारी से व्यापार करे। आपने कहा कि यदि कोई व्यापारी खाद्य पदार्थों में मिलावट करता है और अभक्ष्य पदार्थ बेचता है तो वह पापकर्म का बंध कर रहा है। उसे जीवन में दुख ही मिलेगा। इसलिये खाद्य पदार्थो में अभक्ष पदार्थों की मिलावट से बचे, शुद्धता का ध्यान रखते हुये व्यापार करोगे तो आपका मन, शरीर व घर सभी पवित्र बने रहेंगे। धर्मसभा में बड़ी संख्या में धर्मालुजन उपस्थित थे।