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अजयगढ में बालक तथा बालिका छात्रावास के भवन गुणवत्ताहीन, शिक्षा विभाग नही ले रहा अधिपत्त में

दीपक शर्मा

पन्ना १० अगस्त ;अभी तक ;  लोक निर्माण विभाग भवन (पीआईयू) जिसके अधिनस्थ करोड़ो रूपये के निर्माण कार्य चल रहे है। उनको अधिकारीयों एवं ठेकेदारो की मिली भगत से शासन को आर्थिक छति पंहुचाते हुए घटिया स्तर का निर्माण कार्य कराया जा रहा है। वर्तमान में अजयगढ मे निर्माणाधीन बालिका छात्रावास एवं बालक छात्रावास का घटिया स्तर का निर्माण कार्य होने के कारण उक्त भवन जो एक साल मे बन कर तैयार होना था आज पांच साल बीत जाने के बावजूद भी संबंधित शिक्षा विभाग को हस्तानान्तरित नही हो पा रहें है। जिससे की वहां पढने वाले छात्रो का भविष्य अंधकारमय हो गया है।

बताया जाता है कि उक्त भवनो के निर्माण कार्य में जमकर भ्रष्टाचार किया गया है एवं घटिया स्तर की निर्माण सामग्री उपयोग कर शासकीय राशि का बंदर बाट किया गया है एवं स्वीकृत राशि से अधिक राशि खर्च की गई है। उक्त छात्रावास बनकर तैयार है, परन्तु घटिया निर्माण होने की वजह से शिक्षा विभाग इसको अपने अधिनस्थ लेने को तैयार नही है। भवनो में दीवालो एवं छतो में दरारे आ गई है एवं कालम एवं बीम भी गुणवत्ता युक्त नही है। उक्त भवन का निर्माण कार्य स्वीकृत ड्राईंग एवं डिजाईन के अनुसार न कराकर मनमाने रूप से कराया गया है एवं गुणवत्ता का ध्यान नही रखा गया है। जबकी शासन द्वारा तीन तीन करोड़ की बड़ी राशि देकर उक्त छात्रावासो का निर्माण कराया था। जिससे गुणवत्ता युक्त एवं मजबूत भवनो का निर्माण हो सकें। लेकिन विभाग मे अनेक भवनो का निर्माण करने वाले योगेन्द्र शुक्ला द्वारा जिले मे लगातार घटिया निर्माण कार्य कराया गया। जिससे अनेक भवन बनने के बाद भी खंडहर मे तब्दील हो रहें है।

इसी तरह का निर्माण उक्त दोनो छात्रावासे की भवनो का किया गया है। जिसके लेकर शिक्षा विभाग द्वारा अभी तक उक्त भवनो को अपने अधिपत्य मे लेने से इंकार कर दिया है। ज्ञात हो कि पीआईयू में पूर्व में भी इसी तरह की भ्रष्टचार के चलते लोकायुक्त भोपाल द्वारा भ्रष्टाचार का प्रकरण क्रमांक 1142/2017 दर्ज किया जा चुका है। परन्तु भ्रष्टाचार मे लिप्त अधिकारीयो को जो की विगत दस वर्षा से पदस्थ है और उन्हे नही हटाया गया है। जिसके कारण उक्त निर्माण कार्य में किये गये भुगतान एंव गुणवत्ता की उच्च स्तरीय जांच की मांग क्षेत्रीय नागरिको ने की है, साथ ही इसमें लिप्त दोषी अधिकारीयों के उपर कार्यवाही करने के लिए भी मांग की गई है।

इनका कहना हैः-

बालक एवं बालिका छात्रावास का निर्माण तीन तीन करोड़ की लागत से किया गया था, जो अप्रेल माह में पूर्ण हो गया था, विभाग द्वारा शिक्षा विभाग को हैन्ड ओवर करने के लिए लेख किया गया था, लेकिन प्राचार्य द्वारा लगातार कमिया निकालकर उक्त भवनो को हस्तानान्तरण करने से मना किया जा रहा है।

यशवन्त सिंह प्रभारी एसडीओ लोक निर्माण विभाग पीआईयू पन्ना

उक्त छात्रावास भवन गुणवत्ता पूर्ण ढंग से नहीं बनाये गये है तथा अनेक स्थानो से छत से पानी आ रहा है एवं और भी अन्य कमियां है जिसके संबंध मे हमारे द्वारा जिला शिक्षा अधिकारी को पत्र लिखकर अवगत कराया गया है, तथा हमने संबंधित निर्माण एजेन्सी को भी अवगत कराया था लेकिन सुधार कार्य नही कराया गया है, जिसके चलते हमारे द्वारा उक्त भवनों को अपने अधिपत्य मे नही लिया है, जब विधिवत रूप से कमियां पूर्ण हो जायेगीं तभी अधिपत्य में लिया जायेगा, क्योकि बच्चो के भविष्य का सवाल है।
वीरेन्द्र मिश्रा प्राचार्य अजयगढ

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