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खंडवा में तेज बारिश, भगवंतसागर के दो गेट खुले

मयंक शर्मा

खंडवा २३ जुलाई ;अभी तक;  खंडवा शहर में शनिवार सुबह के समय तेज बारिश ने सड़कों पर पानी भर दिया। घासपुरा क्षेत्र की स्कूलों में जलभराव के हालात रहे। वहीं दोपहर बाद ओंकारेश्वर क्षेत्र में तेज बारिश ने तीर्थनगरी को जलमग्न कर दिया। हालात यह है कि ओंकार नगरी में बीते 6 घंटे से बिजली गुल है।

पुनासा एसडीएम चंदरसिंह सोलंकी ने बताया कि ओंकारेश्चर की बालवाड़ी क्षेत्र के नाले की सफाई को लेकर हाईकोर्ट में याचिका लगाई गई थी, जिसके बाद भी सफाई ना हो सकी। नाले के कारण जलभराव के हालात बने। नगर परिषद में स्थायी सीएमओ नहीं है। खरगोन जिले की बड़वाह नगरपालिका के सीएमओ को चार्ज दिया गया है। नर्मदा घाटी के जिले के, ओंकारेश्वर डैम भी जलभराव क्षमता के करीब है। महज दो मीटर खाली रह गया है। उन्होने कहा रविवार सुबह तक गेट खोले जाने की संभावना है।

खंडवा को जलापुर्ति व 18 हजार हेक्टर सिचाई वाले  भगवंत सागर डैम भर गया है। डैम के दो गेट खोल दिए गए है।उधर बुरहानपुर में बारिश की वजह से जनजीवन अस्त व्यस्त हो गया। ताप्ती नदी खतरे के निशान से 3 मीटर ऊपर बह रही है, जिसके लिए प्रशासन ने अलर्ट जारी किया है। बुरहानपुर जिले के जसोंदी मैं मोना नदी की बाढ़ में 6 से अधिक मकान बह गए और एक व्यक्ति भी बह गया। वहीं शाहपुर के खरोला नाले में ट्रैक्टर ट्राली बह गई, जिसके ड्राइवर ने कूदकर अपनी जान बचाई।

जलसंसाधन विभाग खंडवा के ईई नीलम मेढ़ा ने बताया कि यहां से  50किमी  दूर भगवंतसागर डैम क्षमता से सिर्फ एक मीटर खाली था। मौसम विभाग की तरफ से क्षेत्र में अतिबारिश की चेतावनी मिली है। डैम के दो गेट एक मीटर तक खोल दिए गए है। भगवंत सागर डैम से 5724 क्यूमेक्स पानी छोड़ा जा रहा है।शनिचाा शाम 7 बजे से गेट खोले गए है, इसके पूर्व डाउनस्ट्रीम एरिया में ग्रामीणों को अलर्ट कर दिया गया था। डाउनस्ट्रीम में हापला-दीपला और जसवाड़ी जैसे गांव है। हालांकि फिलहाल खतरे की कोई स्थिति नहीं है।

तीर्थनगरी ओंकारेश्वर म तेज बारिश ने हाहाकार मचा दिया है,  पुनासा तहसील क्षेत्र में दो दिन पहले बाढ़ प्रभावित गांवों में बर्बादी का मंजर रहा।। क्षेत्रीय नदियों के कहर से 14 गांवों में लाखों की घरेलू सामग्री बर्बाद हो गई। ग्रामीण तीसरे दिन भी मलबे में दबी सामग्री निकालने में जुटे रहे। शनिवार की शाम छह बजे तक सर्वे टीम की रिपोर्ट में 482 घरों में पानी घुसने से लाखों की घरेलू सामग्री बर्बाद हो गई है। इसमें पांच कच्चे मकान जमींदोज मिलें हैं। इनके परिवार पॉलीथिन या फिर आस-पास के गांवों में सगे संबंधियों के घर शिफ्ट हो गए हैं। रिपोर्ट में 35 से अधिक पशुओं के मरने की जानकारी दर्ज की गई है।
जिला प्रशासन ने शनिवार को सर्वे टीम को आगे बढ़ा दिया है। हर गांव में पटवारियों की अलग-अलग टीमें सर्व कर रहीं हैं। सर्वे के दौरान 250 से अधिक मकानों की दीवार व बाउंड्री में दरारें आ गई हैं। करीब 200 मकानों की एक-एक दीवार ढह गई हैं। मलबे में कई परिवारों के दस्तावेज भी खराब हो गए हैं। घरों में सालभर खाने के लिए रखा अनाज मिट्टी में मिल गया। सर्वे टीम के अनुसार अटूट खास, नवल गांव, मोहना, रिछफल आदि गांवों सबसे ज्यादा प्रभावित हुए हैं। गांवों में जिन घरों में पानी घुसा ऐसे सैंकड़ो परिवारों के घरों में रखे उनके दस्तावेज भी पानी में खराब हो गए। सर्वे के दौरान ग्रामीणों से दस्तावेज मांगने पर आधार कार्ड, समग्रआइडी, पासबुक आदि दस्तावेज खोजे नहीं मिल रहे हैं।  इसमें लाडली बहना प्रमाण पत्र भी नष्ट हुए हैं।क्षेत्रीय नदियों में बारिश के दौरान तेज ऊफान से घरों में पानी घुसने के साथ खेतों में तेज बहाव में खरीफ फसलों की जड़े उखड़ गईं। सर्वे की टीम किसानों के खेत में पहुंची।

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