प्रदेश
संवत्सरी पर्व मना, बारसा सूत्र का हुआ वाचन
महावीर अग्रवाल
मंदसौर ७ सितम्बर ;अभी तक ; पर्युषण पर्व के आठवें दिवस चौधरी कॉलोनी स्थित रूपचांद आराधना भवन में संवत्सरी का पर्व मनाया गया। श्री केसरिया आदिनाथ श्रीसंघ से जुड़े परिवारों में से 285 श्रावक श्राविकाओं ने 36 घण्टे का उपवास रखा तथा 50 से अधिक श्रावक श्राविकाओं ने पौषध की धर्म आराधना की। इस दौरान श्रावक श्राविकाओं ने संवत्सरी पर्व की महत्ता को समझते हुए अपना पूरा समय चौधरी कॉलोनी के रूपचांद आराधना भवन उपाश्रय में ही व्यतीत किया। इस दौरान धर्मालुजनों ने 5-5 सामायिक की। सायंकाल श्रावक श्राविकाओं के द्वारा प्रतिक्रमण कर अपने द्वारा जाने अंजाने में हुये पापकर्म की आत्म आलोचना की गई।
आलोचना के बाद सभी ने एक दूसरे से क्षमा याचना में भी की। प्रतिक्रमण की क्रियाये शाम 4 बजे प्रारंभ हुई और सूर्यास्त पश्चात तक चली इस दौरान श्रीसंघ से जुड़े परिवारों के सभी सदस्यगण भी उपस्थित थे। प्रतिक्रमण के बाद कई लाभार्थी परिवारों के द्वारा प्रतिक्रमण की प्रभावना भी वितरित की गई।
चेत्र परवाड़ी निकली- प्रातःकाल साध्वी श्री विशुद्धप्रज्ञाजी म.सा. व साध्वी श्री उर्विता श्रीजी म.सा. की पावन प्रेरणा एवं निश्रा में श्रीसंघ के द्वारा चेत्र परवाड़ी भी निकाली गई। ढोल व बैण्ड बाजे के साथ निकली चेत्र परवाड़ी में शामिल धर्मालुजनों के द्वारा 5 जैन मंदिरों में विराजित प्रभुजी की प्रतिमाओं के दर्शन वंदन भी किये गये।
बारसा सूत्र का वाचन हुआ- संवत्सरी पर्व के अवसर पर रूपचांद आराधना भवन में साध्वी श्री विशुद्धप्रज्ञाजी व साध्वी उर्विताश्रीजी म.सा. के द्वारा बारसा सूत्र का वाचन भी किया गया। वाचन के पूर्व साध्वीजी को बारसा सूत्र भी विराया गया। जिसका धर्मलाभ उमेशजी पितलिया परिवार ने लिया। अष्ठप्रभारी पूजा का धर्मलाभ पूनमचंद डांगी परिवार ने लिया। पाच ज्ञानपूजा भी हुई। जिसका धर्मलाभ दिलीप डांगी, पारसमल सालेचा, प्रवीण मुरड़िया, सुरेन्द्र मुरड़िया, शांतिलाल पोखरना ने लिया। बारसा सूत्र के चित्र दर्शन कराने का धर्मलाभ धारीवाल परिवार ने लिया।
बारसा सूत्र का वाचन हुआ- संवत्सरी पर्व के अवसर पर रूपचांद आराधना भवन में साध्वी श्री विशुद्धप्रज्ञाजी व साध्वी उर्विताश्रीजी म.सा. के द्वारा बारसा सूत्र का वाचन भी किया गया। वाचन के पूर्व साध्वीजी को बारसा सूत्र भी विराया गया। जिसका धर्मलाभ उमेशजी पितलिया परिवार ने लिया। अष्ठप्रभारी पूजा का धर्मलाभ पूनमचंद डांगी परिवार ने लिया। पाच ज्ञानपूजा भी हुई। जिसका धर्मलाभ दिलीप डांगी, पारसमल सालेचा, प्रवीण मुरड़िया, सुरेन्द्र मुरड़िया, शांतिलाल पोखरना ने लिया। बारसा सूत्र के चित्र दर्शन कराने का धर्मलाभ धारीवाल परिवार ने लिया।