सावन में खंडवा-इंदौर मार्ग पर नहीं चलेंगे 28 अगस्त तक भारी वाहन, वहीं ज्यातिर्लिग पर चढेगा सुबह 9 बजे तक ही जल
खंडवा ५ जुलाई ;अभी तक; सावन माह में नर्मदा तट की जिले की ज्येाातिलिंग नगरी ओंकारेश्वर आने वाली श्रद्धालुओं और कावड़ियों की भीड़ को देखते हुए प्रशासन ने इंदौर-इच्छापुर राजमार्ग पर भारी वाहनों की आवाजाही दिन के समय प्रतिबंधित की गई है। सावन में ओंकारेश्वर में कावड़ियों की भीड़ के आवाजाही करने से मार्ग पर बार-बार जाम लगने से लोगों को होने वाली परेशानी को देखते हुए यह कदम उठाया है।
कलेक्टर अनूप कुमार सिंह द्वारा जारी आदेश में बताया कि जुलाई तथा अगस्त 2023 में अधिकमास के कारण सावन भादोै के पडने वाले ै सोमवार के दौरान उमड़ने वाली भीड़ के मद्देनजर ट्रैफिक जाम होने की संभावना और श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए 10 जुलाई से 28 अगस्त तक भारी वाहनों का परिवहन खंडवा से इंदौर के बीच राजमार्ग पर प्रतिबंधित किया है। विदित हो कि जिले में कावड़ यात्रा ओंकारेश्वर तक निकाली जाने की परंपरा है।
बुरहानपुर की ओर से खंडवा जिले में प्रवेश करने वाले भारी वाहन खंडवा जिले के ग्राम देशगांव से खरगोन और धामनोद होते हुए एबी रोड से इंदौर की ओर जाएंगे। इसी प्रकार इंदौर से चलने वाले भारी वाहन खरगोन जिले से होते हुए खंडवा जिले के ग्राम देशगांव में प्रवेश कर देशगांव से अपने गंतव्य तक पहुंचेंगे।कलेक्टर ने कहा कि आवश्यक सेवाओं और शासकीय कार्य में लगे वाहन प्रतिबंधित से मुक्त रहेंगे। इनमें यात्री बस, दुग्ध वाहन, नगर निगम की स्वास्थ्य सेवाओं में लगे वाहन, पुलिस वाहन, फायर बिग्रेड, पानी टैंकर, आर्मी के वाहन, विद्युत कंपनी के कार्य में संलग्न वाहन पेट्रोलियम पदार्थ वाहन कृषि उपज मंडी में सब्जी ले जाने वाले वाहन आ जा सकेगे।
ज्योतिर्लिंग ओंकारेश्वर मंदिर में बड़ी संख्या में श्रद्धालु दर्शनों के लिए पहुंचते है। प्रशासन और मंदिर ट्रस्ट ने भीड़ नियंत्रण और श्रद्धालुओं को दर्शन के लिए लंबे इंतजार से राहत के लिए श्रावण में भगवान भोलेनाथ पर सुबह नौ बजे तक ही श्रद्धालु जल और फूल-बेलपत्र सीधे चढ़ा सकेंगे। वहीं सप्ताह में तीन दिन शनिवार, रविवार और सोमवार को वीआइपी दर्शन व्यवस्था बंद रहेगी। पुनासा एसडीएम और ओंकारेश्वर मंदिर ट्रस्ट के सीईओ सीएस सोलंकी ने बताया कि सावन माह में 31 अगस्त तक के लिए भीड़ नियंत्रण और श्रद्धालुओं की सुरक्षा व सुविधा के लिए विभिन्न कदम उठाए हैं। ओंकारेश्वर में श्रद्धालुओं के स्नान और नाव संचालन, मंदिर में प्रवेश, पूजन व्यवस्था को लेकर जरूरी निर्देश दिए गए है।