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भारतीय रेल ने “रेलवे के लिए स्टार्टअप्स” पहल के साथ इनोवेशन को बढ़ावा दिया
महावीर अग्रवाल
मन्दसौर १६ जुलाई ;अभी तक; नवाचारों के माध्यम से रेलवे परिचालन और सेवाओं को बेहतर बनाने के लिए नवाचार की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए रेल मंत्रालय ने 13 जून, 2022 को “रेलवे के लिए स्टार्टअप” पहल शुरू की है। इस कार्यक्रम का उद्देश्य रेलवे नेटवर्क में परिचालन दक्षता और सुरक्षा बढ़ाने के लिए भारतीय स्टार्टअप, एमएसएमई, इंडिविजुअल इनोवेटर्स, अनुसंधान एवं विकास संगठनों/संस्थानों, गैर सरकारी संगठनों और उद्यमियों की विशेषज्ञता का लाभ उठाना है।
इस पहल के तहत भारतीय रेल इनोवेशन पोर्टल को https://innovation.indianrailways.gov.in/ पर भी लाइव कर दिया गया है। जुलाई 2024 तक, इनोवेशन में लगी कुल 1942 संस्थाओं ने भारतीय रेलवे के इनोवेशन पोर्टल पर पंजीकरण कराया है। इनमें स्टार्टअप, इंडिविजुअल इनोवेटर्स, एमएसएमई, अनुसंधान एवं विकास संगठन आदि शामिल हैं।
रेल मंत्रालय ने नवाचार नीति के विभिन्न हितधारकों के बीच जागरूकता फैलाने के लिए सावधानीपूर्वक योजनाबद्ध कार्यशालाएं/बैठकें/वार्ता/वीसी का आयोजन किया है, जिसके परिणामस्वरूप स्टार्टअप्स/इनोवेटर्स अच्छी भागीदारी हुई है।
रेल मंत्रालय को अब तक इनोवेशन पोर्टल पर खोले गए 28 समस्या विवरणों के लिए कुल 423 प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं। अब तक 15 समस्या विवरणों के लिए कुल 23 नवाचार परियोजनाएं प्रदान की गई हैं। 23 पुरस्कृत नवाचार परियोजनाओं की लागत लगभग 43.87 करोड़ रुपये है, जिसमें पात्र संस्थाओं को रेलवे के अनुदान का हिस्सा लगभग 10.52 करोड़ रुपये है।
जिन समस्या विवरणों के लिए परियोजनाएं पहले ही स्वीकृत की जा चुकी हैं उनमें भारी ढुलाई वाले माल वैगनों के लिए बेहतर इलास्टोमेरिक पैड का डिजाइन, नमक जैसी वस्तुओं के परिवहन के लिए कम वजन वाले वैगन, रेल स्ट्रेस मॉनिटरिंग सिस्टम, सटीक निरीक्षण के लिए ट्रैक निरीक्षण तकनीकें, ब्रोकन रेल सिस्टम, ट्रैक सफाई मशीन, वीपीयू/पावर कार/एसएलआर में ऑडियो विजुअल अलार्म के साथ सेंसर आधारित लोड गणना उपकरण का विकास, सरलीकृत ओएचई कैंटिलीवर डिजाइन, क्विक पॉइंट लॉकिंग क्लैंप/सिस्टम, वायरलेस नेटवर्किंग के साथ भारतीय रेल के कोचों के लिए सेंसर आधारित फायर/स्मोक डिटेक्शन सिस्टम का विकास, भारतीय रेल पर बुक किए गए कंसाइनमेंट की सुरक्षा के लिए ई-सील सिस्टम, कम दृश्यता और संचार की कमी के कारण शंटिंग के दौरान असुरक्षित स्थितियों से बचने के लिए तकनीकी समाधान का विकास, लोको पायलट और गार्ड को चेतावनी की जानकारी, एलवीपीएच कोचों की छत पर फ्लेक्सी सोलर वीवी पैनलों के साथ सौर ऊर्जा के उत्पादन के लिए सिस्टम का प्रावधान, भारतीय रेल के कोचों पर वायरलेस नेटवर्किंग वाले सेंसर आधारित फायर/स्मोक डिटेक्शन सिस्टम का विकास (फेज़-II) आदि शामिल हैं।
उपरोक्त समस्या विवरणों में नवाचारों से न केवल रेलवे परिचालन में सुधार होगा, बल्कि इनकी मदद से सुरक्षा और सुविधाएं भी बढ़ेंगी।