प्रदेश
सरकारी जमीन घोटाला ; प्रशासन ने दिये जांच के आदेश
आनंद ताम्रकार
बालाघाट १५ जनवरी ;अभी तक; जिले के अनुविभागीय मुख्यालय वारासिवनी नगर में राजस्व नजूल भूमि की अफरा तफरी कर नगर पालिका परिषद द्वारा लीज पर आवंटित कर दी गई तथा आवंटित भूमि पर लीजधारियों ने बहुमंजिला दुकानें बनाकर उसे अन्य व्यक्तियों को बिक्री कर लाखों रुपये का लाभ कमाया इसके विपरीत राजस्व तथा नगर पालिका परिषद को एक रुपये का भी राजस्व प्राप्त नहीं हुआ।
यह सिलसिला विगत दो दशकों से चलाया जा रहा है जिसमें परिषद के पदाधिकारियों अथवा प्रशासन काल में अधिकारियों ने आंख मूंदकर राजस्व की जमीन लीज पर आवंटित कर दी। नगर पालिका द्वारा भूमि का स्वामित्व ना होने के बावजूद आवंटित भूमि पर बनाई गई दुकानों की बिक्री पश्चात अवैधानिक तरीके से नामांतरण भी कर दिया और बिना मंजूरी के किये गये निर्माण के एवज में निर्माणकर्ताओं से समझौता कर नामांतरण को वैध भी कर दिया।
यह उल्लेखनीय है की सूचना के अधिकार के तहत प्राप्त जानकारी के अनुसार नगर पालिका परिषद वारासिवनी द्वारा पत्र क्रमांक 1419 दिनांक 15 मई 2023 के माध्यम से यह अवगत कराया गया है विदित दिनांक की स्थित में मध्यप्रदेश शासन नजूल द्वारा नगर पालिका के इंतजाम में जो भूमि प्रदान की गई है उसके सबंध में भूमि का खसरा नंबर,रकबा,क्षेत्रफल तथा निर्धारण की तिथि,स्वीकृत करने वाले अधिकारी का नाम की जानकारी चाही गई है जिसके संबध्ंा में शासन द्वारा कितनी नजूल भूमि नगर पालिका वारासिवनी को इंतजाम में प्रदान की गई है इसका रिकार्ड नगर पालिका में ना होने के कारण जानकारी दिया जाना संभव नही है उक्त जानकारी तहसील कार्यालय के नजूल शाखा से प्राप्त की जा सकती है।
नजूल शाखा से प्राप्त प्रमाणित प्रति में यह उल्लेख किया गया है की सीट क्रमांक 9 डी, प्लाट नंबर 60, 2429 वर्ग मीटर प्रदर्शनी ग्राउंड मध्यप्रदेश शासन नजूल के संबंध में कलेक्टर महोदय बालाघाट द्वारा 13/06/08-09 के अनुसार भूमि का निर्धारण नही किया गया। उल्लेखित भूमि का निर्धारण ना किये जाने के बावजूद भी नगर पालिका परिषद द्वारा उक्त भूमि पर 1 वर्ष की अस्थाई लीज पर आवंटित कर दी गई जिस पर बहुमंजिला दुकान बनाकर उसे बेच दिया गया।
इस संबंध में शासकीय नजूल भूमि पर बिना अनुमति के निर्माण कार्य निरंतर जारी रहने एवं बिना अनुमति प्राप्त किये बिना लीजधारी द्वारा पक्का बहुमजली आरसीसी स्लैब कॉलम के निर्माण किये जाने के संबंध में की गई लिखित शिकायत के आधार पर अनुविभागीय अधिकारी राजस्व द्वारा पत्र क्रमांक 54 दिनांक 10/01/2024 के अनुसार तहसीलदार वारासिवनी को दल प्रभारी नियुक्त कर 5 सदस्यीय एक जांच दल कर गठन किया गया जो शिकायत में दर्शित तथ्यों के संबध्ंा में शिकायतकर्ता की उपस्थिति मौके पर जांच करेंगे स्थल पंचनामा तैयार करेंगे और 15 दिवस की समयावधि में जांच प्रतिवेदन प्रस्तुत करेंगे।
जांच दल में किशोर उइके राजस्व निरीक्षक नजूल वारासिवनी, शिवप्रकाश पटले पटवारी वारासिवनी, शांतनु दुबे पटवारी वारा, राकेश सोनी पटवारी सिकन्द्रा तथा ललित कुमार नेवारे पटवारी चंदोरी को समाविष्ट किया गया है।
यह उल्लेखनीय है की बस स्टैंड, जय स्तम्भ चौक, नेहरू चौक,कटंगी मार्ग, प्रदर्शनी ग्राउंड, दुर्गा मंदिर के सामने, सब्जी मंडी, तथा मुख्य मार्ग पर स्थित नजूल भूमि को निर्धारण हुये बिना नगर पालिका परिषद द्वारा लीज पर आवंटित कर दी गई जिस पर बनी दुकानों की खरीदी बिक्री किये जाने पर नगर पालिका परिषद वारासिवनी द्वारा नियमानुसार कार्यवाही करने के बजाय अवैध निर्माण कार्यों को वैधता प्रदान कर दी। इस अवैधानिकता को प्रशासकों एवं नगर पालिका परिषद के पदाधिकारियों, अधिकारी एवं कर्मचारियों का खुला संरक्षण दिया गया है। जांच में एक बहुत बड़ा भूमि घोटाला प्रकाश में आने की संभावना व्यक्त की जा रही है।